तुर्की ने अपने दोस्त अजरबैजान को खतरनाक किलर ड्रोन दिया है। इसका उपयोग आर्मीनिया के लिए किया जा सकता है। अजरबैजान और उसके पड़ोसी देश आर्मीनिया में तनाव बना हुआ है। ऐसे में भारत ने आर्मीनिया को एंटी ड्रोन सिस्टम दिया है।
यूक्रेन की सेना ने काला सागर में रूस के एक युद्धपोत को ड्रोन हमले में समुद्र में डुबोने का दावा किया है। यूक्रेन ने दावे में कहा कि उसने रूसी पोत पर हमला करके उसे समुद्र में डुबो दिया है। वहीं रूसी जांच कर्ताओं ने दावा किया था कि यूक्रेन ने अमेरिका निर्मित 2 पैट्रियट मिसाइलों द्वारा पोत को मार गिराया था।
अमेरिका सेना ने इराक में मिलिशिया आतंकियों के 3 अहम ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया है। ईरान समर्थित इन आतंकियों के ग्रुप को अमेरिका ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से निशाना बनाया है। इन आतंकियों ने एक हमले में अमेरिकी सैनिकों को घायल कर दिया था।
यूक्रेन का रूस पर बड़ा हमला हुआ है। यूक्रेनी ड्रोन अटैक से रूस का तेल डिपो धू धू कर जल उठा है। जंग के बीच यूक्रेन भी रूस पर लगातार हमलावर हो रहा है।
बताया जा रहा है कि अदन की खाड़ी में मार्शल द्वीप के ध्वज वाले एक वाणिज्यिक जहाज पर बुधवार रात ड्रोन हमला हुआ, जिसके तुरंत बाद भारतीय नौसेना ने जवाबी कार्रवाई की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जहाज पर नौ भारतीयों सहित चालक दल के 22 सदस्य सवार थे।
जिस ईरान ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है, कभी वह पाक का पक्का दोस्त था। दोनों देशों में भाई-भाई जैसा रिश्ता था। मगर वक्त का पहिया ऐसा घूमा कि धीरे-धीरे विभिन्न वजहों अब दोनों देश एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हो गए। वहीं ईरान की करीबी इस बीच भारत के साथ बढ़ने लगी।
पाकिस्तान को ईरान ने बड़ा झटका देते हुए उस वक्त आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल के ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर दिया, जब पीएम अनवर उल हक काकर ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के साथ दाओस में राजनयिक वार्ता कर रहे थे। पाकिस्तान ने इस हमले में 2 बच्चों के मारे जाने की पुष्टि की है।
भारत के बाद ईरान ने भी पाकिस्तान के आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल के ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया है। इससे पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इसे हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करार देते हुए गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इससे पहले भारत पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर चुका है।
मालदीव के राष्ट्रपति लगातार भारत विरोधी काम कर रहे हैं। उन्होंने तुर्की से किलर ड्रोन के लिए बड़ी डील की है। ये वही ड्रोन हैं, जिनका उपयोग यूक्रेन ने रूस से जंग में किया है। पाकिस्तान भी इन ड्रोन का इस्तेमाल करता है।
लाल सागर में विभिन्न देशों की जहाजों पर हमले कर रहे यमन के हूती विद्रोहियों की शामत आ गई है। ब्रिटेन और अमेरिकी सेना के हमलों से हूतिये थर्रा उठे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन की अगुवाई में कई देशों ने मिलकर लाल सागर में समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए ‘ऑपरेशन प्रॉस्पेरिटी गार्जियन’ शुरू किया है।
लाल सागर में यमन के हूतियों ने एक बार फिर कई जहाजों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। हालांकि इनमें किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। हूतियों ने यह हमले अमेरिका और फ्रांस की चेतावनी के बावजूद किया है। हूतिये गाजा पर इजरायली हमले के खिलाफ लगातार लाल सागर में जहाजों को निशाना बना रहे हैं।
लाल सागर में हूतियों के आतंक से व्यापार पर विपरीत असर पड़ा है। इससे माल ढुलाई 60 फीसदी और बीमा प्रीमिय में 20 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की आशंका जाहिर की गई है। इसकी वजह यह है कि हूतियों के हमले से बचने के लिए वाणिज्यिक जहाज अब वैकल्पिक रास्तों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें काफी दूर घूमकर जाना पड़ रहा है।
इजरायल-हमास युद्ध के दौरान गाजा में हो रही आइडीएफ की सैन्य कार्रवाई से खफा हूतियों ने लाल सागर में ताबड़तोड़ हवाई हमले करना जारी रखा है। 19 दिसंबर से अब तक 15 दिनों में हूतियों ने 23 हमलों को अंजाम दिया है। ऐसे में अमेरिका समेत 12 देशों ने हूतियों को हमले बंद नहीं करने पर सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सीमा पार से ड्रोन के जरिये हथियार और मादक पदार्थ की तस्करी करके इन्हें भारतीय क्षेत्र में पहुंचाने की समस्या का जल्दी ही अंत हो जाएगा। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि ये अंत कब तक किया जाएगा।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और तेज हो गई है। दो दिन पहले रूस ने 18 घंटे तक लगातार यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करके 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। यह रूस की ओर से यूक्रेन पर किया सबसे बड़ा हमला था। अब यूक्रेन भी रूस से बदला लेना चाहता है।
भारतीय नौसेना ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले को नाकाम करने के लिए पूरी तैयारी से उतर चुकी है। भारतीय नौसेना ने किसी भी देश के वाणिज्यिक वाहन को लाल सागर में अपने क्षेत्र में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लिहाजा नौसेना ने हमलावरों के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। भारतीय युद्धपोत तैनात कर दिया है।
अमेरिका ने हूती विद्रोहियों की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर दिया है। इसकी जानकारी पेंटागन की ओर से दी गई है।
भारतीय नौसेना के विस्फोटक आयुध रोधी दल ने अरब सागर में ड्रोन हमले का शिकार हुए व्यापारिक जहाज का आज निरीक्षण किया। बता दें कि बीते दिनों दिनों पहले यह जानकारी सामने आई थी कि संदिग्ध ड्रोन से इस जहाज पर हमला किया गया था।
लाला सागर में जिस एमवी साईबाबा जहाज पर हमला हुआ है, उसके भारतीय ध्वजवाहक होने के दावे को अधिकारियों ने खारिज कर दिया है। पीटीआइ की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अधिकारियों के अनुसार एमवी साईबाबा गैबन-ध्वजवाहक पोत है। अमेरिका ने इसके भारतीय होने का दावा किया था।
लाल सागर में पहली बार भारतीय झंडा लगे जहाज पर ड्रोन हमला किया गया है। इसमें 25 भारतीय चालक दल सवार थे। हमले के बाद सभी चालक दल सुरक्षित बताए जा रहे हैं। इस बीच पेंटागन ने रिपोर्ट दी है कि हूती विद्रोहियों ने भारतीय जहाज को निशाना बनाया है। इसके साथ ही गैबन-ध्वजांकित एमवी साईबाबा जहाज पर भी हमला किया गया है।
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