भारत के पहले सुसाइड ड्रोन नागास्त्र-1 की 120 यूनिट्स भारतीय सेना को मिल गई हैं। बता दें कि यह ड्रोन कई खासियतों से लैस है और 200 मीटर से ज्यादा की ऊंचाई पर रडार की पकड़ में नहीं आता।
मालदीव के राष्ट्रपति लगातार भारत विरोधी काम कर रहे हैं। उन्होंने तुर्की से किलर ड्रोन के लिए बड़ी डील की है। ये वही ड्रोन हैं, जिनका उपयोग यूक्रेन ने रूस से जंग में किया है। पाकिस्तान भी इन ड्रोन का इस्तेमाल करता है।
अमेरिकी सेना ने पश्चिमी सीरिया में हवाई हमले के दौरान एमक्यू-9 रीपर ड्रोन से ISIS खतरनाक नेता को मार गिराने का दावा किया। यही ड्रोन भारत के बेड़े में भी शामिल होने जा रहा है। इसकी खरीद को लेकर रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी भी पिछले दिनों दे दी। जानिए यह ड्रोन क्यों है खतरनाक, भारत के लिए कैसे होगा फायदेमंद।
Skyair signs MOU: स्काईएयर और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच यह समझौता राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रोन इंडस्ट्री में तकनीकी प्रगति और रेगुलेटरी डेवलपमेंट्स के व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर को नई दिशा देगा।
अमेरिका द्वारा बताया गया है कि इस ड्रोन की अनुमानित लागत 812 करोड़ है और 3.072 मिलियन अमेरिकी डॉलर्स इसकी कुल कीमत है। भारत सरकार द्वारा अभी तक ड्रोन की कीमतों को तय नहीं किया गया है।
Iran Made Drone: इन ड्रोन विमानों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किया जा सकता है। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने सबसे पहले खबर दी है कि रूस को ईरानी ड्रोन के साथ तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय सेना ने मानवरहित ड्रोन 'स्विच' को हासिल करने के लिए ideaForge Technology नाम की कंपनी के साथ करीब 1.46 अरब रुपये का करार किया है।
Drone Deal Likely To Be Announced In PM Modi-Donald Trump's Joint Statement | 2017-06-26 12:24:21
संपादक की पसंद