डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक एवं ब्रह्मोस मिसाइल कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाले ए शिवतनु पिल्लई ने दावा किया है कि भारत हीलियम-3 प्राप्त करने के लिए 10 साल में चंद्रमा की सतह पर एक बेस स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा।
भारत ने ओडिशा के परीक्षण केंद्र से एक परिष्कृत मिसाइल का रविवार को परीक्षण किया। ‘सतह से हवा में मार करने में सक्षम त्वरित प्रक्रिया मिसाइल’ (क्यूआरएसएएम) को प्रत्येक मौसम तथा प्रत्येक इलाके में इस्तेमाल हो सकने के लिहाज से तैयार किया गया है।
भारत ने बीते रविवार (7 जुलाई) को स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' के तीन सफल परीक्षण पूरे कर लिए।
मिसाइल का परीक्षण रात लगभग साढ़े आठ बजे चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज के लांच कॉम्प्लेक्स- तीन से किया गया। सतह से सतह तक मार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है।
रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा विकास अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) ने 351 टेक्नीशियन पदों के लिए डीआरडीओ भर्ती 2019 के लिए अधिसूचना जारी की है।
भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा।
गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को चांदीपुर टेस्ट रेंज में एरियल हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टार्ग्रेट (HEAT) 'अभ्यास' का सफल परीक्षण किया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा कि भारत द्वारा मार्च में किए गए उपग्रह भेदी परीक्षण से उत्पन्न हुआ अधिकतर मलबा नष्ट हो गया है और जो थोड़ा-बहुत बचा हुआ है वह ‘कुछ वक्त’ में खत्म हो जाएगा।
निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल को देश में ही डिजाइन और तैयार किया गया है, देश की डिफेंस रिसर्च एंड डेवल्पमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) इस मिसाइल को तैयार किया है
डीआरडीओ के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने शनिवार को कहा कि उपग्रह रोधी मिसाइल के सफल परीक्षण के साथ भारत अंतरिक्ष में 1000 किलोमीटर की दूरी तक किसी लक्ष्य को भेदने में समर्थ हो गया है और मिशन में निचली कक्षा को इसलिए चुना गया ताकि अंतरिक्ष में वैश्विक परिसंपत्तियों को मलबे के खतरे से बचाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मार्च को घोषणा कर कहा था कि भारत ने ए-सैट की क्षमता के साथ ऐतिहासिक सफलता हासिल कर ली है और अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है।
चुनाव आयोग इस बात की जांच करेगा कि उपग्रह भेदी मिसाइल के सफल इस्तेमाल की जानकारी देश को देने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में है या नहीं।
एमआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्ददीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपग्रह रोधी मिसाइल क्षमता के प्रदर्शन में डीआरडीओ की सफलता का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष और अब भाजपा में शामिल हो चुके जी माधवन नायर ने बुधवार को कहा कि भारत के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता एक दशक पहले से थी, लेकिन उस वक्त इसे प्रदर्शित करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव था।
वीके सारस्वत ने कहा कि पूर्व की UPA सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के बाद DRDO ने इसके परीक्षण के फैसले को टाल दिया था। उन्होंने कहा कि अगर 2012-13 में ही इस तकनीक के परीक्षण की इजाजत दे दी गई होती तो 2014-15 में इसे लॉन्च किया जा सकता था।
राहुल गांधी ने ''मिशन शक्ति'' की सफलता के लिए डीआरडीओ की सराहना की और राष्ट्र के नाम संबोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि वह मोदी को ''विश्व रंगमंच दिवस'' की बधाई देते हैं।
गंभीर रूप से घायल सुरक्षा कर्मियों में से 90 प्रतिशत कुछ घंटे में दम तोड़ देते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए डीआरडीओ की चिकित्सकीय प्रयोगशाला ‘कॉम्बैट कैजुएलिटी ड्रग’ लेकर आयी है।
श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केन्द्र से गुरुवार को होने वाले पीएसएलवी-सी44 के प्रक्षेपण के लिए 16 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
निशांत अग्रवाल मौजूदा वक्त में ब्रह्मोस मिसाइल इंटीग्रेशन में तैनात था। निशांत को यंगेस्ट साइंटिस्ट का अवॉर्ड भी मिल चुका है। एटीएस के मुताबिक निशांत अग्रवाल लंबे वक्त से सोशल मीडिया में एक्टिव था।
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