रक्षा अधिकारी ने कहा, "भारतीय नौसेना के लिए DRDO द्वारा हथियार प्रणाली विकसित की जा रही है।"
बयान में कहा गया कि विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। इसके साथ ही उद्योग साझेदार द्वारा पिनाक-ईआर की प्रौद्योगिकी के शुरूआती चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
मंत्रालय ने बताया कि यह प्रणाली हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमता को और मजबूत बनाएगी।
आकाश प्राइम में -20 डिग्री सेल्सियस से 60 डिग्री सेल्सियस पर काम करने वाली बैटरियों की सुविधा होगी, जो उन्हें ठंडे मौसम की स्थिति में उपयोग के लिए व्यावहारिक बनाती है जहां वायु रक्षा प्रणाली को लंबी अवधि के लिए विपरीत जलवायु में तैनात किया जाता है।
पुलिस के अनुसार उनके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गयी है। बयान में कहा गया है कि चारों के खिलाफ चांदीपुर पुलिस थाने में इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भारतीय वायुसेना ने तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा कि भदौरिया ने तेजस एमके1 विमान में सामरिक उड़ान भरी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसी आधुनिक तकनीक तैयार की है भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को रडार की पकड़ में आने से बचाएगी।
भारत ने ओडिशा के अपतटीय क्षेत्र में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से शुक्रवार को सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफल परीक्षण किया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को ओडिशा के तट से एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-NG) का सफलतापूर्व परीक्षण किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को दावा किया कि भारत की सुरक्षा नीति विदेश नीति से ‘‘प्रभावित रहती थी या भारतीय विदेश नीति का अतिव्यापन करती थी’’ और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही देश को पहली स्वतंत्र सुरक्षा रणनीति मिली।
D-4 सिस्टम नाम की तकनीक से ड्रोन को पकड़ने के लिए तैयार होने वाले उपकरणों के लिए भी DRDO ने कंपनियों का चुनाव कर लिया है और जल्द ही उन्हें तकनीक का ट्रांसफर किया जाएगा। कंपनियों द्वारा तैयार किए जाने वाले ड्रोन रोधी उपकरणों को संवेदनशील जगहों पर लगाया जाएगा।
डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड ने सोमवार को 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) की व्यावसायिक शुरुआत की घोषणा की।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज शुक्रवार को उन्नत पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण किया।
कोविड-19 के मरीजों को डॉक्टरों की देखरेख और प्रिस्क्रिप्शन के तहत 2डीजी दवा दी जा सकती है। मरीज या फिर उनके संबंधी इस दवा की सप्लाई के लिए डॉ रेड्डी लैब, हैदराबाद से ईमेल के जरिए संपर्क कर सकते हैं- 2DG@drreddys.com
DRDO की इस एंटी कोविड दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है और उत्पादन का जिम्मा फार्मा कंपनी डॉ रेड्डी को सौंपा गया है।
कोरोना की जल्द जांच के लिए DRDO ने एक एंटीबॉडी टेस्ट के लिए एक नई किट तैयार की है। इस किट का नाम DIPCOVAN है। ये किट SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (S&N) प्रोटीन का भी 97% की उच्च संवेदनशीलता और 99% की विशिष्टता के साथ पता लगा सकता है।
डीआरडीओ की तरफ से डेवलप की गई कोरोना की दवा को इस वायरस के संक्रमण से मुक्ति दिलाने में बड़ा गेम चेंजर माना जा रहा है। 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोजे (2-DG) नाम की यह दवा जल्द ही मार्केट में उपलब्ध हो जाएगी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित 2-डीजी दवा को लेकर बहुत ही अच्छी खबर सामने आयी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित की गयी कोविड-19 रोधी दवा 2DG को आज लॉन्च किया गया है। जानिए इस दवा के बारे में सबकुछ।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से विकसित की गयी Covid-19 रोधी दवा 2DG की आज लॉन्च की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस दवा को लॉन्च किया।
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