ATGM Weapon: भारत ने गुरुवार को स्वदेश विकसित ‘एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल’ (ATGM) का महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक मिलिट्री बेस से सफल परीक्षण किया।
विमान की यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में जरूरी तकनीक को साबित करती है।
DRDO Missile Test: भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण क्षेत्र, चांदीपुर से जमीन से हवा में मार करने वाली (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम का परीक्षण सफतापूर्वक किया गया। इसकी जाकारी डीआरडीओ (DRDO) ने दी।
आकाश मिसाइल का परीक्षण डीआरडीओ और आर्मी के अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। जानकारी के मुताबिक मिसाइल ने टारगेट को सफलता पूर्वक ध्वस्त कर दिया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रॉकेट प्रणाली को उन्नत प्रौद्योगिकी, सामने आ रही जरूरतों को पूरा करने के लिए बढ़ी हुई मारक क्षमता के साथ अपग्रेड किया गया है।
डीआरडीओ ने ये दोनों परीक्षण आज सुबह 10 बजकर 14 मिनट और 11 बजकर 3 मिनट पर किया। इस मिसाइल को आज विभिन्न एंगल से जमीन से हवा में छोड़ा गया। इस परीक्षण में मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को भेंदने में सफल रही।
इस परीक्षण में मिसाइल ने बहुत दूरी पर स्थित अपने लक्ष्य को सीधे भेद लिया। ये जानकारी डीआरडीओ के अधिकारियों ने साझा की है।
इस सात मंजिला इमारत में भारतीय वायु सेना के लिए पांचवीं पीढ़ी के, मध्यम वजन के, गहरे तक मार करने वाले लड़ाकू विमानों को विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाएं होंगी।
मिसाइल के क्षेत्र में भारत को एक बड़ी कामयाबी हाथ मिली है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।
प्रलय मिसाइल गाइडेंस प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स प्रणाली शामिल हैं।
हाइपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र ध्वनि की गति (मैक) से कम से पांच गुना रफ्तार से लक्ष्य की तरफ बढ़ता है। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए और देश के सशस्त्र बलों को सौंपे गए कई प्लेटफार्मों (उपकरणों व प्रणालियों) ने भारत के सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया है।
रक्षा अधिकारी ने कहा, "भारतीय नौसेना के लिए DRDO द्वारा हथियार प्रणाली विकसित की जा रही है।"
बयान में कहा गया कि विभिन्न दूरियों से 24 रॉकेटों को विस्फोटक क्षमताओं के साथ दागा गया और सबने पूरी सटीकता तथा स्थिरता के साथ लक्ष्य को भेदा। इसके साथ ही उद्योग साझेदार द्वारा पिनाक-ईआर की प्रौद्योगिकी के शुरूआती चरण को सफलतापूर्वक पूरा किया गया।
मंत्रालय ने बताया कि यह प्रणाली हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना की क्षमता को और मजबूत बनाएगी।
आकाश प्राइम में -20 डिग्री सेल्सियस से 60 डिग्री सेल्सियस पर काम करने वाली बैटरियों की सुविधा होगी, जो उन्हें ठंडे मौसम की स्थिति में उपयोग के लिए व्यावहारिक बनाती है जहां वायु रक्षा प्रणाली को लंबी अवधि के लिए विपरीत जलवायु में तैनात किया जाता है।
पुलिस के अनुसार उनके पास से कई आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गयी है। बयान में कहा गया है कि चारों के खिलाफ चांदीपुर पुलिस थाने में इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भारतीय वायुसेना ने तस्वीरें ट्वीट करते हुए कहा कि भदौरिया ने तेजस एमके1 विमान में सामरिक उड़ान भरी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक ऐसी आधुनिक तकनीक तैयार की है भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को रडार की पकड़ में आने से बचाएगी।
भारत ने ओडिशा के अपतटीय क्षेत्र में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से शुक्रवार को सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफल परीक्षण किया।
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