कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार को एक राहत भरी खबर आई। दरअसल, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए एक दवाई के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। इस दवा का नाम 2-deoxy-D-glucose (2-DG) है, जिसकी मैनुफैक्चरिंग की जिम्मेदार हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज को दी गई है।
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शनिवार को एक राहत भरी खबर आई। दरअसल, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए एक दवाई के इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। इस दवा का नाम 2-deoxy-D-glucose (2-DG) है, जिसकी मैनुफैक्चरिंग की जिम्मेदार हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज को दी गई है। इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) ने बनाया है।
दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लेने के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, " यहां 6 दिन के समय में यह PSA प्लांट DRDO की मदद से लगाया गया। इस प्लांट की मदद से करीब 2.4-2.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है।"
कोरोना के मामलों में वृद्धि और कुछ अस्पतालों में बिस्तरों की कमी के बीच DRDO ने लखनऊ में विशेष कोविड अस्पताल तैयार किया है। लखनऊ में पिछले 24 घंटों में 4000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि डीआरडीओ आने वाले तीन महीनों में देशभर में 500 ऑक्सीजन प्लांट लगाने जा रहा है। इसके लिए पैसा पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा।
कोरोनोवायरस संक्रमण की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए अहमदाबाद में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्थापित एक नए अस्पताल का उद्घाटन आज शाम को किया जाएगा। इसका संचालन शनिवार से शुरू होगा। अस्पताल 10 दिनों से कम समय में तैयार किया गया है।
DRDO ने COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली हवाई अड्डे के पास एक मेडिकल अस्पताल खोलने का फैसला किया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ठोस ईंधन वाली रैमजेट (एसएफडीआर) मिसाइल प्रणोदन प्रणाली का ओडिशा के चांदीपुर परीक्षण केंद्र से शुक्रवार को सफल उड़ान परीक्षण किया।
इंडियन एयर फोर्स ने आज पोकरण फायरिंग रेंज में सबसे कारगर ध्रुवास्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण किया। हेलिकॉप्टर ध्रुव से दागी गई देश में ही विकसित इस मिसाइल ने अपने लक्ष्य पर एकदम सटीक प्रहार कर उसे नष्ट कर दिया।
उत्तराखंड के वैज्ञानिकों को ऋषिगंगा नदी के छह किलोमीटर उपर एक कृत्रिम झील मिली जिसके बारे में अभी यह नहीं मालूम हो सका है कि इस झील से निचले इलाकों में रहने वाली जनसंख्या को कोई खतरा है या नहीं। यह पता लगाने के लिए आईटीबीपी और डीआरडीओ की एक संयुक्त टीम उस स्थान तक पहुंच गयी है।
पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत एक ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी।
अर्जुन मार्क 1A मारक और बचाव क्षमता के लिहाज से विश्वस्तरीय टैंक है। इस टैंक में मुख्य हथियार और सहायक हथियार, दोनों की भूमिका निभाने की क्षमता है। टैंक में उच्च कोटी का इंजन लगा हुआ है।
देश की सेना को आज मिलेगी स्वदेशी अर्जुन टैंक की ताकत, पीएम मोदी चेन्नई में टैंक की नई खेप सेना को सौपेंगे,,, रक्षा मंत्रालय ने 118 टैंक को सेना में शामिल करने की दी है मंजूरी
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के आसमान में विमानों की अद्भुत प्रदर्शनी से हर कोई दंग रह गया।
जमीन से हवा में मार करने वाली मौजूदा आकाश मिसाइल 96 फीसदी स्वदेशी है। ये हवा में 25 किलोमीटर तक मार कर सकती है। इस सिस्टम को भारतीय वायु सेना ने 2014 में और भारतीय सेना ने 2015 में सेवा में शामिल किया था। कैबिनेट ने हाल ही में सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है।
भारत का पहला स्वदेशी 9 एमएम मशीन पिस्तौल संयुक्त रूप से DRDO तथा भारतीय सेना द्वारा विकसित किया गया है
Defence Institute of Physiology & Allied Sciences (DRDO) के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव वार्ष्णेय ने बताया कि DRDO ने पूर्वी लद्दाख, सियाचिन और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना के लिए 'हिम तपक' (Him Tapak) नामक नई space heating devices बनाई है। यह सुनिश्चित करेगा कि backblast और carbon monoxide poisoning के कारण जवानों की मौत न हो।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने आज देश की सुरक्षा को लेकर एक और बड़ी सफलता हासिल की है। DRDO ने भारतीय सेना के लिए सतह से हवा में मध्यम दूरी की वायु मिसाइल प्रणाली का परीक्षण किया है।
डीआरडीओ वैज्ञैनिकों का कहना है कि यह दुनिया की सबसे अच्छी तोप है। इससे भारतीय सेना को और ज्यादा ताकत मिली है। यह तोप भारतीय सेना की 1800 आर्टिलरी गन सिस्टम की जरूरत को पूरा करने में सक्षम है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने क्वांटम की डिस्ट्रिब्यूशन (क्यूकेडी) प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए बुधवार को अपनी दो प्रयोगशालाओं के बीच संचार का सफल परीक्षण किया।
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