बिहार के पूर्वी चंपारण जिले से होकर नेपाल की दर्जनों नदियां हर साल कहर बरपाती हैं, लेकिन इस साल बारिश नहीं होने के कारण किसानों का हाल बेहाल है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘अर्थव्यवस्था में मजबूती देखी जा रही है, इसके सात प्रतिशत की दर से वृद्धि करने का अनुमान है जो अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि की तुलना में अधिक है।
जल संकट से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिये सरकार विस्तृत योजना लाने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की।
सूत्र ने बताया कि बारिश की कमी की वजह से खरीफ फसलों को नुकसान हो रहा है और कुछ किसानों को अपने मवेशियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वे उनके लिए चारा खरीदने में सक्षम नहीं हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य में सूखे की स्थिति से अवगत कराया और इससे निपटने के लिए केन्द्र से मदद का अनुरोध किया।
महाराष्ट्र सरकार ने वैट के साथ 3 रुपए का सूखा उपकर (ड्रॉट सेस) लगाया है। इसके बाद से मुंबई में पेट्रोल सबसे अधिक महंगा हो गया है।
स्पाइसजेट ने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के सूखाग्रस्त लातूर जिले के 11 गांवों में करीब 71,500 लीटर पानी की आपूर्ति करेगी।
10 राज्यों में सूखे की वजह से अर्थव्यवस्था पर 6,50,000 करोड़ रुपए का प्रभाव पड़ने का अनुमान है। 256 जिलों के 33 करोड़ लोग गंभीर स्थिति में हैं।
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