ट्रम्प के रनिंग मेट बने जेडी वेंस ने अपने एक बयान से ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक बवाल मचा दिया है। उन्होंने ब्रिटेन को "परमाणु हथियारों वाला वास्तविक इस्लामिक राष्ट्र" की संज्ञा दे डाली है। हालांकि ब्रिटेन ने उनकी इस टिप्पणी को सिरे से खारिज कर दिया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और आगामी राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को मारने की साजिश का बड़ा खुलासा हुआ है। आपको बता दें कि हाल ही में ट्रंप पर जानलेवा हमला किया गया था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर शनिवार को पेंसिल्वेनिया में एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले के दो दिन बाद ट्रंप जब रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में पहुंचे तो वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। इस बीच मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुछ ऐसा कहा है जिसे लेकर चर्चा शुरू हो गई। बाइडेन ने एक बार फिर कहा है कि ट्रंप अब भी लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए खतरा बने हुए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का बयान सामने आया है। उन्होंने हमला करने वाले शख्स की तुलना एक राक्षस से की है।
डोनाल्ड ट्रंप ने जेडी वेंस को अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किया है। आपको बता दें कि जेडी वेंस का भारत के साथ भी एक खास कनेक्शन है। आइए जानते हैं।
अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अब रोचक हो गया है। आखिरकार ट्रंप ने भी अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। इस रेस में जेडी वेंस ने बाजी मार ली है। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा कि ट्रंप के सीने पर भी चली गोली और उनकी जान बुलेट प्रुफ जैकेट की वजह से बच गई। इंडिया टीवी की फैक्ट चेक में यह दावा गलत पाया गया।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव प्रचार कर रहे थे। ट्रंप पेंसिल्वेनिया में एक रैली को संबोधित कर ही रहे थे कि ऐसा कुछ हुआ जिसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। ट्रंप की सभा मे अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग हुई।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला किया गया था। इस हमले में ट्रंप की बाल-बाल बच गए। ट्रंप की जान इसलिए बच गई क्योंकि रैली को संबोधित करने से पहले उन्होंने बड़ा फैसला लिया था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुआ जानलेवा हमला चुनावी कैंपेन की दिशा बदल सकता है। चेहरे पर खून, गोली लगने के बाद प्रतिरोध में अपनी मुट्ठी उठाते हुए ट्रंप की तस्वीरें चुनाव अभियान में बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गोली चलाई गई थी। गोली उनके कान को छूती हुई निकली थी, जिससे उनके कान से खून निकलता भी देखा गया था। इस गोलीबारी में एक ट्रंप समर्थक की भी मौत हो गई है।
अमेरिका में बड़ी ही आसानी से लोग हथियार खरीद सकते हैं। यहां गोलीबारी की घटनाएं आम हैं और गन कल्चर बड़ी समस्या बन गई है। अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अभी हाल में उनकी चुनावी सभा के दौरान हमला हुआ था, जिसमें उनकी बाल-बाल जान बची। डोनाल्ड ट्रंप जैसा हर कोई इतना किस्मत वाला नहीं होता। सभा के दौरान ही भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे ने जान गंवाई थी।
डोनाल्ड ट्रंप पर पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में एक चुनावी रैली के दौरान हमला हुआ। जानलेवा हमले के बाद वह विस्कॉन्सिन के मिल्वौकी पहुंचे हैं।
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप की जान भगवान जगन्नाथ ने बचाई है।
बाइडेन ने कहा कि ट्रंप पर हमले की जांच गहन और त्वरित तरीके से करने का निर्देश दिया गया है। बाइडेन ने कहा कि हिंसा कभी भी जवाब नहीं रही है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप पर पेन्सिलवेनिया की रैली में जानलेवा हमला करने वाले शख्स के घर और गाड़ी से बम बनाने का बड़ा जखीरा बरामद हुआ है। इससे अमेरिकी पुलिस के होश उड़ गए हैं। हमलावर को अमेरिकी की सीक्रेट सर्विसेज ने मौके पर ही मार गिराया था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल डोनाल्ड ट्रंप की हालत गोली लगने के बाद स्थिर है। गोली उनके कान को छूती हुई निकली थी, लेकिन कान पर ज्यादा जख्म नहीं पहुंचा। कान के बाहरी हिस्से में चोट लगी। उनका प्रचार आगे कड़ी सुरक्षा में जारी रहेगा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले से पहले कई अन्य राष्ट्रपतियों की गोली मारकर हत्या की जा चुकी है। अमेरिका में राष्ट्रपतियों और इसकी दौड़ में शामिल उम्मीदवारों को भी मौत के घाट उतारा जा चुका है। बावजूद इस तरह की घटनाओं को लेकर अमेरिका में गंभीरता नहीं बरती जा रही।
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