Rupees vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर कमजोर हो गया है। रुपये में गिरावट से एक ओर जहां व्यापार घाटा बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर जरूरी सामान के दाम में बढ़ोतरी होगी।
Dollar Vs Rupee: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है।
पूरी दुनिया में मंदी की आशंका है। कुछ देशों में उसके असर भी देखे जाने लगे हैं। उन देशों की करेंसी कमजोर होनी शुरु हो गई है। यही हाल इस समय ब्रिटेन (Britain) का भी है। ब्रिटेन की करेंसी लगातार गिर रही है। यूएस डॉलर (USD) के मुकाबले पाउंड (Pound) कमजोर होता जा रहा है।
Dollar in Rupee: भारतीय करेंसी (Indian Currency) की वैल्यू आज 79.37 रुपये प्रति डॉलर (Dollar) हो गई है। आखिर इतना कमजोर क्यो होता चला गया रुपया? आज के एक्सप्लेनर में पढ़िए रुपये का इतिहास।
भारतीय रिजर्व बैंक की बांड खरीदने की योजना के कारण बीते सप्ताह रुपये में कमजोरी आई और अब शेयर बाजार में बिकवाली होने के कारण देसी करेंसी पर दबाव देखा जा रहा है।
प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में गुरुवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 900 अंकों से अधिक की तेजी देखने को मिली, जिसकी अगुवाई वित्त, आईटी और एफएमसीजी क्षेत्र के शेयरों ने की।
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और घरेलू इक्विटी बाजार में कमजोरी के चलते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई और भारतीय मुद्रा 75 के स्तर से नीचे गिर गई।
भारतीय रुपये में गिरावट का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा और शुरुआती कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे टूटकर 74.03 पर आ गया।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस की वजह से पड़ने वाले प्रभाव के बीच मंगलवार को शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरे रुख के साथ खुले।
डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर सोमवार को प्रारंभिक कारोबार में 31 पैसे नीचे गिर कर 72.11 रुपए प्रति डॉलर पर चल रही थी।
बैंकों और आयातकों की मांग बढ़ने से सोमवार को शुरुआती कारोबार में मजबूती के साथ खुलने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे गिरकर 71.73 रुपए प्रति डॉलर रहा।
स्थानीय बाजार में विदेशी पूंजी निवेश का लगातार बने रहने और कच्चे तेल में नरमी के रुझान के बीच डालर के मुकाबले रुपये की विनियम दर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 16 पैसे बढ़कर 70.65 रुपए प्रति डॉलर पर चल रही थी।
हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आज शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला, सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान पर खुले। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख से बीएसई के सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में गिरावट देखी गई।
शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले सोमवार को रुपया नौ पैसे टूटकर 71.03 पर खुला। इसकी प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमतों में तेजी होना और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार तनाव की चिंताएं बढ़ना है। इसके चलते निवेशकों का रुख सावधानी भरा रहा।
शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया बृहस्पतिवार को 24 पैसे टूटकर 71.36 पर खुला। इसकी प्रमुख वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व का नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करना रही। सुबह के कारोबार में अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार पर भारी उतार-चढ़ाव का दौर देखा गया।
कच्चे तेल के दाम में आई जोरदार तेजी के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल सोमवार को एक बार फिर मंद पड़ गई। डॉलर के मुकाबले रुपये में तकरीबन एक फीसदी की कमजोरी आई, जो कि देसी करेंसी में दो अगस्त के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
आज गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार में मामूली तेजी देखने को मिल रही है। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9.30 बजे 110.85 अंकों की बढ़ते के साथ 36,835.59 के स्तर पर कारोबार कर रहा है
बैंकों एवं आयातकों की ओर से डॉलर की मांग आने और विदेशी पूंजी निकासी से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में 42 पैसे गिरकर 72.08 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी-चीन के बीच व्यापार मोर्चे पर टकराव बढ़ने के संकेतों से भी रुपये पर दबाव रहा।
घरेलू शेयर बाजार शुक्रवार लगातार दूसरे दिन मजबूत कारोबारी रुझान से गुलजार दिखा। विदेशी बाजारों से मिले मजबूत संकेतों और सकारात्मक घरेलू कारकों से शुरूआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स करीब 380 अंकों की तेजी के साथ 37,700 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर चला गया। वहीं, निफ्टी भी 100 अंक से ज्यादा उछला।
जीडीपी को लेकर विश्व बैंक की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब चर्चा चल रही है कि 2025 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है।
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