केंद्रीय गृह मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय ने चिकित्सा पेशवरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तैयार मसौदा विधेयक में अस्पष्टता और खामियों को रेखांकित करते हुए इसकी समीक्षा करने को कहा है।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में गुरुवार शाम कुछ मरीजों के परिजनों ने दो रेजिडेंट डॉक्टरों की पिटाई कर दी।
भगवान आपकी रक्षा करे क्योंकि दिल्ली में 'भगवान' के रूप हड़ताल पर है। दिल्ली के एम्स और सफदरजंग समेत दूसरे प्रमुख अस्पतालों में डॉक्टरों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है।
आज ईश्वर करे कि आप बीमार न पड़ें, क्योंकि आज एम्स समेत पूरी दिल्ली के बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। डॉक्टर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल का विरोध कर रहे हैं।
आज यदि आप बीमार पड़ते हैं तो आपके लिए अगले कुछ घंटे बेहद घातक हो सकते हैं क्योंकि आपके जीवन रक्षक कहे जाने वाले डॉक्टर्स आज आपका इलाज नहीं करेंगे, वे आज हड़ताल पर हैं।
एलएनजेपी अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने दावा किया कि मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज के पोस्टग्रेजुएशन के तीसरे साल में अध्ययनरत और आपात विभाग में डयूटी कर रहे एक छात्र पर कल रात करीब 11 बजे कथित हमला होने के बाद हड़ताल की गई है।
दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। जिसके चलते अस्पताल में ओपीडी सहित विभिन्न डिपार्टमेंट में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कोलकाता सचिवालय में हुई बैठक में मांगें माने जाने का आश्वासन मिलने के बाद पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रामा सेंटर में आपात सेवा में तैनात एक जूनियर डॉक्टर के साथ रविवार की रात कथित रूप से हाथापाई और गाली गलौज की घटना के बाद साथी चिकित्सक मंगलवार सुबह तक हड़ताल पर चले गए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली डॉक्टरों की सभी 12 मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया। उन्होंने डॉक्टरों को भरोसा दिया है कि वे 7 दिनों के अंदर उनकी मांगें पूरी कर देंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि देश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग वाली याचिका पर वह 18 जून को सुनवाई करेगा।
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की पिटाई के विरोध में आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित रहेंगी। दरअसल सैकड़ों डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय राजधानी के साथ देश के लगभग सभी इलाकों में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में आज स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 17 जून को देश भर में गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ वह अपनी हड़ताल की दिशा में आगे बढ़ेगा।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ बैठक की जगह तय करने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैठक खुले में होनी चाहिए।
गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर परामर्श जारी करते हुए आंदोलन को लेकर रिपोर्ट मांगी है, लेकिन ममता बनर्जी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे परामर्श उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को भेजे जाने चाहिये जहां बीते दो सालों में हत्याओं के कई मामले सामने आए हैं।
पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील ठुकराते हुए कहा है कि ममता ने कोई ईमानदार पहल नहीं की है इसलिए हम उनकी अपील को ठुकराते हुए प्रदर्शन जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के पांच दिन बाद भी आवश्यक सेवा संरक्षण कानून (एस्मा) लागू नहीं किया और उन्होंने डॉक्टरों से फौरन ड्यूटी पर लौटने की अपील की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली डॉक्टरों से अपील की है कि वे काम पर वापस लौट आएं, हम उन्हें सुरक्षा देंगे। उन्होंने डॉक्टरों पर हुए हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने हालांकि कहा कि वे विरोध के संकेत के रूप में लाल स्टेन वाले बैंडेज और हेलमेट पहनना जारी रखेंगे।
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