टूलकिट केस में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के समर्थन में स्वीडन की इंटरनेशनल क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने शुक्रवार को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि बोलने की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। किसी भी लोकतंत्र में यह मूल अधिकार होना चाहिए।
टूलकिट साजिश की जांच में ऐसे ऐसे चेहरे सामने आ रहे हैं...जो हैरान करने वाले हैं...कोई बीस-पच्चीस साल का एक्टिविस्ट है...तो कोई खालिस्तानी और आईएसआई से जुड़ा एजेंट...किसान आंदोलन की शुरुआत के साथ ही विदेश में बैठे खालिस्तानी आकाओं ने साजिश रचनी शुरू कर दी थी और उनका साथ भारत में निकिता जैकब...दिशा रवि और शांतनु मुलुक जैसे लोग दे रहे थे
निकिता जैकब, दिशा रवि, शांतनु मुलुक कैसे कनाडा में बसे खालिस्तानी मो धालीवाल के संपर्क में थे? दिशा रवि, निकिता जैकब के साथ खालिस्तानी साज़िश में पाकिस्तानी हाथ के सबूत और कौन है पीटर फेड्रिक, जिसने 2019 में ह्यूस्टन में मोदी विरोधी रैली को संबोधित किया था? देखिए- आज की बात, रजत शर्मा के साथ
टूलकिट के तार कहां तक हैं, साज़िश कितनी बड़ी थी। हर कनेक्शन अब बेपर्दा हो रहा है और खालिस्तानी लिंक सामने आ रहा है। दिल्ली दंगों की टूल किट में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निकिता जैकब और शांतनु की तलाश है।
टूलकिट मामले की जांच में एक और बड़ा खुलासा, भारत में माहौल बिगाड़ने के मकसद 11 जनवरी को हुई थी पहली मीटिंग
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