10 जून को पीएम मोदी वायनाड के दौरे पर थे। यहां उन्होंने आपदा प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और आपदा की मार झेल रहे पीड़ितों से भी उन्होंने मुलाकात की। इस दौरान उन्हें राहत शिविर में एक प्यारी सी बच्ची मिली। जिसे उन्होंने खूब दुलार और प्यार दिया। बच्ची भी मोदी जी को अपने दादा जी समझकर उनके साथ खेलने लगी।
केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। जिले में 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी मलबे से शव निकाले जा रहे हैं। सेना और एनडीआरएफ टीम का राहत और बचाव कार्य जारी है।
लाल सागर से लेकर अरब सागर तक और अदन की खाड़ी से लेकर जिबूती और सोमालिया के पूर्वी तट तक भारतीय नौसेना के जांबाज अब प्रलय मचाने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्रालय ने वाणिज्यिक जहाजों पर लगातार हो रहे हमले को रोकने और समुद्री लुटेरों पर पाबंदी के लिए इन सभी क्षेत्रों में नौसेनिकों की तैनाती का फैसला किया है।
साल 2023 आपदाओं के मामले में सबसे मनहूस साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस साल दुनिया ने तुर्किये-सीरिया के भूकंप, लीबिया की बाढ़ और हिमाचल प्रदेश के भूस्खलन तक की तस्वीरें देखी और लोखों लोगों ने इन प्राकृतिक आपदाएं का दंश झेला और अब तक झेल रहे हैं। यहां हम साल 2023 की ऐसी ही टॉप 10 आपदाओं के बारे में बता रहे हैं।
फिलहाल लोगों को जोशीमठ से सुरक्षित बाहर निकालना ही एकमात्र उपाय है। हालांकि लोग आसानी से अपना घर-बार छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे विरोध कर रहे हैं। उनकी भावनाएं समझी जा सकती हैं क्योंकि जहां पीढ़ियों से रह रहे हैं।
UP News: इस सप्ताह के अंत में जारी अधिसूचना में सांड और नीलगाय के हमले के कारण हुई मौतों को राज्य आपदा घोषित किया गया है।
अगले 48 घंटे में दक्षिण-पश्चिम मानसून के ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। इधर, असम में मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह लैंडस्लाइड से आफत मची हुई है। वहीं हिमाचल के कुल्लू में बादल फटने की सूचना है।
SBI रिपोर्ट के अनुसार प्राकृतिक आपदा जोखिमों से बचाव के लिए एक राष्ट्रीय आपदा पूल बनाकर सार्वजनिक-निजी समाधान ही एकमात्र रास्ता है।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने इंडिया टीवी के एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की ओर से उत्तराखंड के चमोली आपदा पीड़ितों की मदद के लिए 64 लाख रुपए की मदद को राष्ट्र प्रेम की सराहनीय मिसाल बताया है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में 10 दिन पहले आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे कर्मियों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर क्षण के साथ और धूमिल होती उम्मीदों के बीच कीचड़ से भरी इस सुरंग में बचाव कार्य लगातार जारी है।
एनटीपीसी ने आपदा में जान गंवाने वाले श्रमिकों को 20 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। एनटीपीसी ने कहा है कि तपोवन परियोजना की वजह से बैराज ने कई गांवों को बह जाने से बचा लिया।
तपोवन में हुई तबाही के बीच एक और बड़ा खतरा दस्तक दे रहा है। जानकारी के मुताबिक सात फरवरी को हुई तबाही के बाद ऋषिगंगा नदी के मुहाने पर मलबा जमा होने से नदी का बहाव रूक गया है और यहां पर एक कृत्रिम झील बन गई है।
ऋषि गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने की वजह से चमोली के पास तपोवन टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल रोक दिया गया था लेकिन अब ऑपरेशन को फिर से शुरू किया गया है
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को एक ग्लेशियर टूटने से भयंकर तबाही हुई है। ग्लेशियर टूटने से पीपल कोटी पावर प्रोजेक्ट (Pipalkoti Hydro Electric Project (4 x 111 MW) को काफी नुकसान पहुंचा है।
ऋषि गंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है और ऐसी आशंका जताई जा रही है कि वह पुरी तरह से बह गया है, एनटीपीसी का एक प्रोजेक्ट है उसे भी नुकसान हुआ है वह प्रोजेक्ट पहले ही पूरा हो चुका था
बचाव कार्य के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। मदद के लिए 1070 और 9557444486 पर संपर्क कर सकते हैं।
प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने के साथ ही इस समस्या से निपटने वालों की भूमिका अहम हो गई है।
2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान चंचल बाढ़ में अपने माता-पिता से बिछड़ी गई थी।
तंजानिया की विक्टोरिया झील में एक नौका के डूबने से उस पर सवार कम से कम 79 लोगों की मौत हो गई है। तंजानिया की सरकारी मीडिया ने एक क्षेत्रीय गवर्नर के हवाले से यह जानकारी दी और कहा कि बचे हुए लोगों की तलाश के लिये अभियान चलाया जा रहा है।
उत्तराखंड मौसम विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक एक जनवरी 2015 के बाद से राज्य के विभिन्न हिस्से में, खासकर पहाड़ी चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और रूद्रप्रयाग जिले में हल्की तीव्रता के 51 झटके लग चुके है...
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