कूड़ेदानों में 'सर्च', 'अनलॉक' और 'डाउनलोड' बटन्स को देख लोग हैरान थे। सोशल मीडिया पर इन वीडियो और फोटोज़ को पोस्ट कर वे पूछ रहे थे कि आखिर ये क्या है? जिसका जवाब अब लोगों को मिल चुका है।
सीबीडीसी से जुड़े ग्राहक संबंधित टर्मिनल पर ‘यूपीआई क्यूआर कोड’ को स्कैन कर डिजिटल रुपये में आपस में लेन-देन कर सकते हैं। एचडीएफसी बैंक फिलहाल 26 शहरों में ई-रुपया भुगतान सुविधा प्रदान कर रहा है।
कूड़ेदानों में 'सर्च', 'अनलॉक' और 'डाउनलोड' बटन्स को देख लोग हैरान रह गए। किसी को भी ये नहीं समझ आ रहा था कि ये आखिर क्या है। इसके मायने क्या हैं? कई लोगों ने कमेंट कर पूछा कि क्या हम डिजिटल डिटॉक्स की राह पर हैं?
Panchayat level: इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर केंद्र सरकार पंचायत स्तर पर यूपीआई पेमेंट को अनिवार्य करने की तैयारी में है। आइए सरकार के प्लान को समझते हैं।
Digital Payment: भारत में डीपीआई ने सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ महिलाओं के लिए निर्धारित राशि का बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित किया है।
Google Advertising Business: गूगल पर एक बार फिर कार्रवाई की गई है। इस बार कंपनी यूरोपीय यूनियन के निशाने पर आ गई है। कंपनी पर डिजिटल एडवरटाइजिंग बिजनेस में एंटी-कॉम्पिटेटिव प्रैक्टिस करने का आरोप भी लगा है।
सस्ता इंटरनेट उपलब्ध होने के बाद से भारत में जमकर डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑनलाइन पेमेंट को लेकर हाल में ताजा आंकड़ें जारी किए हैं जिसके मुताबिक अब भारत डिजिटल पेमेंट में नंबर वन देश बन गया है।
रिजर्व बैंक ने पिछले साल डिजिटल रुपये के इस्तेमाल को लेकर पायलट परीक्षण किया था। शुरुआती दौर में सीबीडीसी के थोक इस्तेमाल का परीक्षण किया गया था और बाद में खुदरा उपयोग को भी परखा गया।
G20 Summit के दौरान अब मनुष्यों, पशुओं और पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए दुनिया अपनाएगी ‘वन-हेल्थ’ दृष्टि कोण अपनाने का निर्णय लिया गया है। दुनिया को डर है कि मौजूदा वक्त में लोग किसी नए और गंभीर संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। इसलिए अभी से नई स्वास्थ्य नीति बनाकर चौकन्ना रहना होगा।
पीएम मोदी ने अब देश के युवाओं को सशक्त बनाने का प्रण लिया है। इसलिए 4 जुलाई से देश में होने जा रहे शिखर सम्मेलन में पहली बार युवा सशक्तिकरण और स्टार्टअप पर फोकस किया गया है।
समाचारों को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा दिलचस्पी (63 प्रतिशत या 23.8 करोड़) है जबकि शहरी इलाकों में यह सिर्फ 37 प्रतिशत है।
G-20 में दुनिया भारत के डिजिटल स्वास्थ्य की मुरीद हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत का डिजिटल स्वास्थ्य दूसरे देशों के लिए मॉडल बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारत जब जी-20 की अध्यक्षता संभाल रहा है तो डिजिटल स्वास्थ्य पर उसका ध्यान देना दूसरे देशों के लिए मॉडल हो सकता है
अभी तक हमें लोन क्रेडिट स्कोर को देखकर ही बैंक देता था, लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इससे जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है। जिसके जरिये अब हम यूपीआई डिजिटल क्रेडिट लाइन के साथ आसानी से लोन पा सकेंगे और हमारी दौड़-धूप बचेगी।
फोनपे के माध्यम से आप कुछ ही मिनट में आसानी से अपना लोन चुका सकते हैं। आपको ईएमआई भरने के लिए या फिर लोन की किश्त जमा करने के लिए बैंक में लंबी लंबी लाइन भी नहीं लगाना पड़ेगा। आइए आपको बताते हैं कि आप कैसे फोनपे के जरिए ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं.
Digital India: बड़ी आबादी वाले भारतीय बच्चों की शिक्षा के संबंध में समाज का एक तबका पूरी तरह डिजिटल हो रहा है, जबकि बड़ी संख्या में अभिभावक जरूरत के स्टेशनरी उत्पाद खरीदने में भी सक्षम नहीं हैं।
यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शंस पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स फीस लागू होगी। यह फीस 2000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर देना होगा।
आज जब इन इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से कुछ मिनट भी दूर रह पाना मुश्किल हो गया है ऐसे में महाराष्ट्र में एक ऐसा गांव है जहां लोग शाम को करीब 2 घंटे तक डिजिटल दुनिया के इन उपकरणों को पूरी तरह से बंद कर देते हैं। इसे पूरी प्रक्रिया को डिजिटल डिटॉक्स के नाम से जाना जाता है।
पीएम मोदी आज मन की बात के 98वें एपिसोड को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा 'मन की बात' को आप सभी ने जनभागीदारी की अभिव्यक्ति का अद्भुत प्लेटफॉर्म बना दिया है. वहीं पीएम ने भारत में तेजी से बढ़ते Digital को लेकर भी कई बड़ी बातें बताई.
नोट बंदी के बाद से ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजेक्शन का चलन तेजी से बढ़ा है. अब अधिकांश लोग अलग अलग डिजिटिल ऐप्स से पेमेंट करते हैं. आप भी अगर ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान देने की जरूरत है वरना आपकी मेहनत का पैसा अकाउंट से गायब हो सकता है.
UPI Payment: डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और देश में डिजिटल भुगतान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार, आरबीआई, एनपीसीआई और बैंकों द्वारा कई पहल की गई हैं। इसका रिजल्ट भी अब देखने को मिल रहा है।
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