Paytm ने साल 2022 पर आधारित अपनी ईयर-एंड रिपोर्ट पेश की है, जिसमें देश के कई हिस्सों में डिजिटल ट्रांजैक्शन कई गुना बढ़ने का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में दिल्ली-एनसीआर 'डिजिटल पेमेंट कैपिटल ऑफ इंडिया' बनकर उभरा है। वहीं, भारत के नॉर्थ-ईस्ट हिस्से में सबसे ज्यादा ट्रांजैकशन का रिकॉर
Online Payment: भारत यूपीआई के जरिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने के मामले में दुनिया के टॉप देशों में गिना जाता है। इस बार तो वर्ल्ड बैंक ने भी भारत का लोहा मान लिया है।
UPI: वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ‘यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस’ (UPI) लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर शुल्क लगाने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है।
UPI Transaction आज के समय में शहरी क्षेत्रों में लगभग लोग कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में भी इसकी संख्या में बढ़ोतरी होनी शुरु हो गई है। भारत सबसे अधिक डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने वाले देश की लिस्ट में शामिल हो गया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली ई-आरयूपीआई लॉन्च की। ई-आरयूपीआई डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित साधन है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग के माध्यम से लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर पहुंचा दिया जाता है।
आज देश को ई-रुपी (e-RUPI) के रूप में एक नया डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन मिल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ई-रुपि को लॉन्च करते हुए कहा कि आज देश डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है।
ई-रुपी डिजिटल भुगतान के लिए एक कैशलेस और संपर्क रहित माध्यम है। यह एक क्यूआर कोड या एसएमएस स्ट्रिंग-आधारित ई-वाउचर है, जिसे लाभार्थियों के मोबाइल पर पहुंचाया जाता है।
क्रेडिट को निर्धारित समय अवधि के भीतर सम्पन्न किया जाना चाहिए और ऐसा न कर पाने की स्थिति में लाभार्थी को क्षतिपूर्ति राशि दी जाएगी।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से लाखों लोगों को फायदा होने की उम्मीद है। दरअसल एसबीआई ने व्यापारियों को कम लागत वाली डिजिटल भुगतान संरचना प्रदान करने के लिए YONO Merchant App लॉन्च करने का फैसला लिया है।
केंद्रीय बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की । उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट के लिए 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है ।
प्रदेश में सितंबर तक एक अरब 76 करोड़ 46 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किए जा चुके हैं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में किए गए कुल ट्रांजेक्शन 77 करोड़ 93 लाख रुपये की तुलना में 98 करोड़
डाक पे के जरिए ग्राहक पैसों को देश में एक जगह से दूसरी जगह भेज या पा सकेंगे। इसकी मदद से क्यूआर कोड स्कैन, वर्चुअल डेबिट कार्ड और यूपीआई के जरिए किसी भी सेवा या वस्तु के लिए भुगतान किया जा सकेगा। वहीं पोस्टल फाइनेंशियल सर्विस भी घर तक मुहैया कराई जाएगी।
मूल्य के हिसाब से चेक द्वारा भुगतान 20.08 प्रतिशत रहा। 2015-16 में चेक के जरिये भुगतान का मात्रा के हिसाब से 15.81 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 46.08 प्रतिशत हिस्सा था।
2015-16 से लेकर 2019-20 के बीच डिजिटल भुगतान 55.1 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। इस दौरान डिजिटल भुगतान की मात्रा मार्च 2016 में 593.61 करोड़ से बढ़कर मार्च 2020 तक 3,434.56 करोड़ हो गई।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने रविवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुष्टि की है कि करंसी नोट कोरोना के संभावित वाहक हो सकते हैं।
सरकार ने 15 अगस्त को ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत डिजिटल अपनाएं अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का मकसद ग्राहकों को बैंक के डिजिटल चैनल से जोड़ना है।
सीबीडीटी ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी 2020 के बाद से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर अगर कोई शुल्क लगाया गया तो तुरंत उसे ग्राहकों को वापस किया जाए। सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि बैंक आगे इन इलेक्ट्रॉनिक मोड से ट्रांजेक्शन पर शुल्क नहीं लेगें।
वित्तीय समावेश को लेकर सरकारी नीतियों तथा व्यापारियों के बीच बढ़ते डिजिटलीकरण के दम पर 2025 तक भारत में डिजिटल भुगतान बाजार के तीन गुना बढ़कर 7,092 हजार अरब रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है।
पीएम मोदी ने कहा कि होम डिलिवरी सेवा में लगे लोगों से लेकर डॉक्टर, बैंकिंग सेक्टर में लगे लोगों के लिए सभी देशवासी डिजिटल पेमेंट को अपना कर हौसला बढ़ाएं
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