साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले अपराधी लगातार नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। इसी कड़ी में डिजिटल अरेस्ट के भी काफी मामले सामने आ रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों को डिजिटल अरेस्ट से सतर्क रहने की अपील करते हुए चेतावनी दी है।
डिजिटल अरेस्ट का एक खतरनाक मामला बेंगलुरु से सामने आया है। यहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से करीब 12 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। इस केस में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है।
ठगों ने महिला से 22 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए थे, लेकिन और पैसे मांग रहे थे। महिला के पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उसने जहर खा लिया। उसकी मौत के बाद भी ठगों ने धमकाना जारी रखा और पैसे मांगते रहे।
इडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा कि समाज को इसके प्रति जागरूक करने की जरूरत है, यह चुनौती पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ा खतरा है।
महिला को फोन पर बताया गया था कि उसके आईडी कार्ड से जुड़े सिमकार्ड के जरिए कई लोगों को परेशान किया गया है। इसके बाद कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए महिला से 1.58 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
मुंबई की मालाड पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट के एक मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
बिहार में इस साल 'डिजिटल अरेस्ट' के आए मामले के आंकड़े जारी किए गए हैं। ठग अलग-अलग देशों से कॉल करते हैं और बिहार के लोगों को फंसा लेते हैं।
आज हम एक ऐसे क्राइम की तहकीकात करेंगे..जो ठगी का सबसे लेटेस्ट और सबसे मॉर्डन वर्जन है...इसमें एक ही झटके में सारी कमाई साफ हो जाती है और ठगी के शिकार शख्स को पता ही नहीं चल पाता कि उसके साथ फ्रॉड हो रहा है...
Digital Arrest का एक चौंकाने वाला मामला देश के साइबर हब कहे जाने वाले शहर बेंगलुरू से आया है, जहां अपराधियों ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 12 करोड़ रुपये की ठगी की है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया है। हालांकि युवक की जागरुकता की वजह से डिजिटल अरेस्ट की कोशिश नाकाम हो गई। इसका वीडियो भी सामने आया है।
गांव के लोगों का कहना है कि आरोपियों ने नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोगों से पैसे लिए थे और शिकायत दर्ज होने पर कुछ पैसे लौटाए भी थे। वहीं, उनके परिवार के लोगों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कैसे करोड़ों रुपये उनके खाते में आए और निकल गए।
पिछले कुछ समय में साइबर फ्रॉड और स्कैम के मामले में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। अब सरकार की तरफ से TRAI के नाम से की जा रही है धोखाधड़ी से देशभर के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को सावधान किया है। सरकार ने TRAI के नाम पर आने वाली धमकी से अलर्ट रहने के लिए कहा है।
राजस्थान के जोधपुर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के रिटायर्ड मैनेजर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ 84 लाख 50 हजार रुपये की ठगी कर डाली।
How to avoid digital arrest : कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। क्राइम करने पर असली वाली गिरफ्तारी होती है।
भोपाल की महिला डॉक्टर को जालसाजों ने घर के अंदर ही डिजिटल अरेस्ट कर लिया। महिला डॉक्टर को जान से मारने की धमकी भी दी गई। डर के मारे महिला डॉक्टर ने जालसाजों के खाते में 10 लाख रुपये ट्रांसफर भी कर दिए।
Digital Arrest का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें IIT बॉम्बे के छात्र से लाखों रुपये की ठगी गई है। स्कैमर्स ने TRAI अधिकारी बनकर छात्र को डराया-धमकाया, फिर उसके अकाउंट से 7.29 लाख रुपये लूट लिए।
आजकल हर कोई इंटरनेट की दुनिया से जुड़ा है। इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। सरकार ने लोगों को साइबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों से राहत दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने डिजिटल फ्रॉड से जुड़े लाखों मोबाइल नंबर को बंद कर दिया है।
Digital Arrest Fraud के तेजी से बढ़ रहे मामलों के बीच सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। 17,000 से ज्यादा WhatsApp अकाउंट ब्लॉक करने का निर्देश जारी किया है। इनमें से ज्यादातर नंबर कंबोडिया, म्यामांर लाओस और थाईलैंड से एक्टिव थे।
केरल पुलिस के त्रिशूर साइबर सेल ने एक ठग का वीडियो शेयर किया है। जिसमें वह ठग नकली पुलिस वाला बनकर लोगों को चूना लगाने की फिराक में था लेकिन उसकी किस्मत इतनी खराब थी कि उसने स्कैम करने के लिए पुलिस को ही वीडियो कॉल कर दिया।
बदमाशों ने 6 घंटे तक विडियो कॉल में रहते हुए व्यापारी को घर में कैद रखा। इस दौरान उससे 10 लाख से ज्यादा पैसे भी लूट लिए।
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