आपके वाहन चलाने का खर्च 35 रुपए प्रति लीटर घटने वाला है। वाहन चलाने वालों के लिए बड़ी खबर है। पेट्रोल डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है।
राजस्थान का श्रीगंगानगर देश का पहला जिला है, जहां पेट्रोल सबसे पहले 100 रुपये प्रति लीटर के पार हुआ था। फरवरी के मध्य में वहां पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था।
आठ राज्यों और संघ शासित प्रदेशों.राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का खुदरा दाम 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो गया है।
देश के कई राज्यों में तेल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े के करीब पहुंच चुकी है इसमें पेट्रोल और डीजल दोनों शामिल है वहीं कही पर 100 के आंकड़े को पार कर गई है।
कोविड-19 की वजह से राज्यों में लगे लॉकडाउन में ढील के साथ भारत में जून के पहले पखवाड़े में ईंधन की मांग फिर से बढ़ गयी लेकिन पिछले साल के मुकाबले खपत अब भी कम है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को ईंधन की महंगाई से आम जनता को हो रही परेशानी को स्वीकार करते हुए कहा कि टीकाकरण कवरेज के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी खर्च बढ़ गया है।
पेट्रोल और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे कांग्रेस शासित राज्यों को वाहन ईंधन पर करों में कटौती करनी चाहिए।
भारत-पाकिस्तान सीमा के पास राजस्थान के उत्तरी हिस्से में स्थित एक छोटा सा शहर श्री गंगानगर देश का पहला शहर बन गया है
देश में ईंधन की मांग मई में घटकर नौ महीने के निचले स्तर पर आ गयी। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम के लिये लगायी गयी पाबंदियों से आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों का प्रभावित होना है।
तेल कंपनियों द्वारा सोमवार को एक बार फिर कीमतों में बढ़ोतरी के चलते राजस्थान में पेट्रोल के बाद अब डीजल का दाम भी 100 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है।
पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के पीछे मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच जाना है।
पूरे भारत में इस योजना के तहत मई 2021 में 21,080 आपात वाहनों के लिए कुल 811.07 किलोलीटर (केएल) ईंधन वितरित किया गया, जिसकी कीमत 7.30 करोड़ रुपये है।
देश में पिछले साल मई में लगाया गया लॉकडाउन दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन में से एक था, जिसमें सभी तरह की आवाजाही और आर्थिक गतिविधियों को लगभग ठप कर दिया गया था।
शुक्रवार की वृद्धि के साथ राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल अब 91.27 रुपये लीटर और डीजल 81.73 रुपये लीटर पर बेचा जा रहा है।
2020 की दूसरी तिमाही में लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की तरह इस बार लॉकडाउन न लगाए जाने की वजह से ऊर्जा की मांग अब तक अपेक्षाकृत रूप से मजबूत साबित हुई है
लॉकडाउन के लागू रहने की वजह से अप्रैल 2020 में ईंधन की बिक्री बेहद कम रही थी इसलिए इस वर्ष अप्रैल माह में ईंधन बिक्री की तुलना वर्ष 2019 से की गई है।
तेल कंपनियों ने सोमवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल-डीज़ल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके पहले रविवार को पेट्रोल और डीज़ल का भाव स्थिर था।
वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 90.40 रुपये प्रति लीटर और डीजल 80.73 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है।
पेट्रोल डीजल को लेकर बड़ी खबर आई है। जनता पहले ही तेल की कीमत बढ़ने से परेशान है। भारत सरकार अबतक तेल के बड़े हुए दाम से लोगों को बहुत ज्यादा राहत नही दे पाई है।
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