कंपनी के अनुसार, सेवाएं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, केरल, गुजरात, गोवा और नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद और गाजियाबाद सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों में डीजल के दाम 99.50 रुपये प्र्रति लीटर के पास हैं। उपभोक्ताओं के एक वर्ग ने शिकायत की कि कुछ जिलों के पेट्रोल पंपों पर शुक्रवार को डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बिक रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के उपकर को कम करने की मांग अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी है। मंत्री ने कहा कि घरेलू दरें अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों से जुड़ी हुई हैं, जो कई कारणों से बढ़ी है, जिसे समझने की जरूरत है।
सरकार ने कहा है कि भारत के नए उदारीकृत पेट्रोल पंप लाइसेंसिंग नियमों के अनुसार पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू करने से पहले ही ईवी चार्जिंग स्टेशन और सीएनजी आउटलेट स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और संबद्ध तेल उत्पादक देशों (ओपेक प्लस) द्वारा महामारी के दौरान उत्पादन में की गई कमी को क्रमिक रूप से बहाल करने के फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को उछाल आया।
पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने के संबंध में बड़ी खबर है। अधिकारियों ने इस संबंध में बड़ी जानकारी साझा की है। वाहन चलाने वाले पेट्रोल डीजल की बड़ी कीमतों को लेकर बहुत परेशान है ऐसे में इस संबंध में अब एक आधिकारिक बयान भी सामने आया है।
दिल्ली में इसकी कीमत 101.19 रुपये और मुंबई में 107.26 रुपये प्रति लीटर है। डीजल की कीमत में लगातार दूसरे दिन वृद्धि की गयी और 24 सितंबर के बाद से यह तीसरी वृद्धि है।
इस हफ्ते दूसरी बार डीजल की कीमतों में बढ़त की गयी है। कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल की वजह से ये फैसला लिया गया है। फिलहाल ब्रेंट क्रूड 78 डॉलर प्रति बैरल के पार है।
सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।’’
वित्त मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो यह दोनों दवाएं बेहद जरूरी दवाएं है जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए परिषद ने इन 2 के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है।
सूत्रों ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय कीमतें इस स्तर पर बनी रहती हैं, तो तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में वृद्धि करनी होगी। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में पिछली बार क्रमश: 17 जुलाई और 15 जुलाई को वृद्धि की गई थी।
ई्रंधन पर एक समान कर लगाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नरम बनाने में मदद मिलेगी, जिनकी कीमत हाल ही में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उच्च कर लगाने की वजह से अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
सभी मोबाइल पेट्रोल पंप "प्योर फॉर श्योर" मानक प्राप्त हैं, जो उपभोक्ताओं को शुद्धता के साथ मिलावट की आशंका से मुक्त रखते हैं।
ये लगातार 8वां दिन है जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों कोई बदलाव नहीं किया गया। सितंबर के दौरान दो बार में ईंधन कीमतें 30 पैसे कम हुई हैं।
तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने गुरुवार को चार महानगरों में ईंधन की कीमतों में संशोधन पर विराम का बटन दबाया। राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल 101.19 रुपये प्रति लीटर बिका।
सरकार को चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 10,000 करोड़ रुपये, 2023-24 में 31,150 करोड़ रुपये और उससे अगले साल में 52,860.17 करोड़ तथा 2025-26 में 36,913 करोड़ रुपये का भुगतान तेल बॉन्ड को लेकर करना है।
लोग आज सार्वजनिक परिवहन की तुलना में अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल करने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
जानकार मान रहे हैं कि तेल की सप्लाई में बढ़त, कोरोना के बढ़ते मामले और अमेरिका और चीन के सुस्त आर्थिक आंकड़ों की वजह से क्रूड कीमतों में फिर दबाव देखने को मिल सकता है।
ब्रेंट क्रूड वापस 71 के स्तर पर पहुंच गया है, जो कि एक हफ्ते पहले 67 के स्तर से नीचे आ गया था। फिलहाल देश के कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार है।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री ने कहा “कच्चे तेल की आयात लागत बढ़ गई है। इसलिए, हमें (केंद्र सरकार को) पेट्रोल, डीजल, एलपीजी की खुदरा कीमतों में वृद्धि करनी होगी।
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