Petrol Diesel Price: तेल कंपनियों को बंपर मुनाफे के बाद सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने पर विचार कर रही है।
Fuel Credit Card: अगर आप भी महंगे पेट्रोल-डीजल पर सेविंग करना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड की मदद से कर सकते हैं।
अगर क्रूड ऑयल की वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर यह टैक्स लगाया जाता है। यह फैसला विंडफॉल गेन टैक्स की हर 15 दिनों पर होने वाली समीक्षा में लिया गया।
सरकारी तेल कंपनी बीपीसीएल की ओर से 14,273 नए पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई गई है। इसके लिए कंपनी ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है।
हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इससे पेट्रोलियम कंपनियों पर दबाब बढ़ा है। इसकी भरपाई के लिए ईंधन के दाम में वृद्धि की जा रही है। अगर कच्चे तेल के दाम और बढ़े तो तमाम कंपनियां रेट बढ़ा सकती है।
पहले जेपी मॉर्गन ने इसी साल फरवरी में कहा था कि इस साल तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना नहीं है।
उन्होंने एक्स पर ट्वीट कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार द्वारा डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लागने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पिछले हफ्ते, सरकार ने सभी 33 करोड़ उपभोक्ताओं के लिए घरेलू 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये/सिलेंडर की कटौती की थी।
जानकारों का कहना है कि भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी तेल विदेशों से आयात करता है। कच्चा तेल महंगा होने से भारत का आयात बिल बढ़ेगा जो चालू खाते का घाटा बढ़ेगा।
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल अब कच्चे तेल के भाव में उछाल आने की आशंका नहीं है। कच्चे तेल का भाव 80 डॉलर के आसपास रहने की पूरी उम्मीद है।
डीजल की कीमतों की बात करें तो राजधानी में 14 जुलाई को डीजल के दाम 86.26 रुपये प्रति लीटर है। लेकिन वैट में बढ़ोत्तरी के बाद डीजल के दाम अब बढ़कर 89.26 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगे।
टमाटर खरीदने मंडी में चले जाओ तो भाव सुन के कान बजने लगता है। आपने कभी सोचा था कि ये 10-20 रुपए किलो बिकने वाला ये टमाटर आज इतना महंगा हो जाएगा।
एक से 15 मई के दौरान डीजल की बिक्री 33.1 लाख टन रही थी। पेट्रोल की बिक्री एक से 15 जून तक सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत गिरावट के साथ 13 लाख टन रह गई।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने एक साल में दूसरी बार पेट्रोल और डीजल पर कर बढ़ाने को फैसला किया है। इससे पहले फरवरी महीने में राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर 90 पैसे सेस लगाने का फैसला किया था।
सरकारी क्षेत्र की तीनों पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल, डीजल की कीमतों में दैनिक बदलाव करने पर पिछले साल से ही रोक लगाई हुई है। उन्होंने अपनी लागत के अनुरूप कीमतों में संशोधन भी नहीं किया है।
फिलहाल पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिलाया जाता है और सरकार 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने पर विचार कर रही है।
डीजल निर्यात पर कर 0.50 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर एक रुपये प्रति लीटर किया गया है। विमान ईंधन एटीएफ पर लगने वाले कर में कोई बदलाव नहीं है और यह शून्य बना हुआ है।
डीजल और पेट्रोल के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं। नतीजन लोगों के घर का बजट बिगड़ने लगा है। यही कारण है कि कई देश ई-फ्यूल के उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। आइए आज आपको बताते हैं कि ई-फ्यूल क्या होता है और यह कैसे बनता है।
नई कर दरें चार मार्च की तारीख से प्रभावी हो गई हैं। यह घरेलू ईंधनों पर कर कटौती का एक पखवाड़े में दूसरा मौका है। इसके पहले 16 फरवरी को भी ईंधनों पर लगने वाले कर में कटौती की गई थी।
पांच पेट्रोलियम उत्पाद कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन जीएसटी से बाहर है। इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की तिथि के बारे में माल एवं सेवा कर परिषद को विचार करना है।
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