15 मार्च को हुई कटौती को मिलाकर देखा जाए तो नंवबर 2021 से पेट्रोल 15 और डीजल 17 रुपये प्रति लीटर तक सस्ता हो गया है। डीजल से चलने वाले 58 लाख से अधिक भारी माल वाहनों, 6 करोड़ कारों और 27 करोड़ दोपहिया वाहनों की परिचालन लागत कम हो जाएगी।
किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में डीजल और गैस सिलेंडर की काफी किल्लत हो गई है। लोग काफी परेशान हैं। कहा जा रहा है कि आंदोलन की वजह से सड़क जाम हैं और आपूर्ति बाधित है।
Petrol Diesel Price Reduction Ahead of Lok Sabha Election 2023: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार देशवासियों को बड़ा तोहफा दे सकती है... क्योंकि आम आदमी को महंगाई से बड़ी राहत देने की तैयारी चल रही है...खबर है कि सरकार जल्द ही तेल की कीमतों में कटौती कर बड़ी राहत दे सकती है.
मिली जानकारी के मुताबिक, पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी से पड़ने वाले बोझ को सरकार और तेल कंपनिया दोनों मिलकर वहन करेंगी। आपको बता दें कि पिछले साल 22 मई से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नही किया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्रालय व पेटोलियम मंत्रालय के उच्च अधिकारियो के बीच इस मुद्दे को लेकर बड़ी बैठक आयोजित की गई है। पिछली तीन तिमाही से तेल कंपनियां बंपर मुनाफा दर्ज कर रही है।
Petrol Diesel Price: तेल कंपनियों को बंपर मुनाफे के बाद सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने पर विचार कर रही है।
पिछले साल छह अप्रैल से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चुनावी साल में हर कोई ईंधन की कीमत में राहत की उम्मीद लगाए हुए है। अब ये जानकारी आई है।
Fuel Credit Card: अगर आप भी महंगे पेट्रोल-डीजल पर सेविंग करना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड की मदद से कर सकते हैं।
अगर क्रूड ऑयल की वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर यह टैक्स लगाया जाता है। यह फैसला विंडफॉल गेन टैक्स की हर 15 दिनों पर होने वाली समीक्षा में लिया गया।
सरकारी तेल कंपनी बीपीसीएल की ओर से 14,273 नए पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई गई है। इसके लिए कंपनी ने विज्ञापन भी जारी कर दिया है।
ठंड की आहट के साथ ही दिल्ली वालों के लिए प्रदेश की हवा मुसीबत बनती जा रही है। इस संकट की स्थिति से बचने के लिए केजरीवाल सरकार ने कोशिश शुरू कर दी है।
हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इससे पेट्रोलियम कंपनियों पर दबाब बढ़ा है। इसकी भरपाई के लिए ईंधन के दाम में वृद्धि की जा रही है। अगर कच्चे तेल के दाम और बढ़े तो तमाम कंपनियां रेट बढ़ा सकती है।
पहले जेपी मॉर्गन ने इसी साल फरवरी में कहा था कि इस साल तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना नहीं है।
उन्होंने एक्स पर ट्वीट कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि सरकार द्वारा डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लागने का वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
पिछले हफ्ते, सरकार ने सभी 33 करोड़ उपभोक्ताओं के लिए घरेलू 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपये/सिलेंडर की कटौती की थी।
जानकारों का कहना है कि भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी तेल विदेशों से आयात करता है। कच्चा तेल महंगा होने से भारत का आयात बिल बढ़ेगा जो चालू खाते का घाटा बढ़ेगा।
अगस्त के महीने में पेट्रोल और डीजल दोनों की डिमांड में कमी दर्ज की गई है। पेट्रोल की डिमांड करीब 8 प्रतिशत और डीजल की करीब 6 प्रतिशत मांग घटी है।
ऊर्जा विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल अब कच्चे तेल के भाव में उछाल आने की आशंका नहीं है। कच्चे तेल का भाव 80 डॉलर के आसपास रहने की पूरी उम्मीद है।
डीजल की कीमतों की बात करें तो राजधानी में 14 जुलाई को डीजल के दाम 86.26 रुपये प्रति लीटर है। लेकिन वैट में बढ़ोत्तरी के बाद डीजल के दाम अब बढ़कर 89.26 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगे।
टमाटर खरीदने मंडी में चले जाओ तो भाव सुन के कान बजने लगता है। आपने कभी सोचा था कि ये 10-20 रुपए किलो बिकने वाला ये टमाटर आज इतना महंगा हो जाएगा।
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