कर्नाटक विधानसभा चुनाव में एक पखवाड़े से भी कम समय को देखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में प्रतिदिन होने वाले संशोधन को रोक दिया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 75 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं जो नवंबर 2014 के बाद सबसे अधिक कीमत है। कच्चे तेल की कीमतों में आई इस तेजी की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत बढ़ेगी
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से राहत मिलन की उम्मीद कम है, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती पर विचार नहीं कर रही है।
सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जब से रोजाना बदलाव करना शुरू किया है तब से लेकर अबतक इनकी कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है वह किसी भी एक साल में हुई अबतक की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है
घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के और महंगा होने की आशंका भी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है, गुरुवार को ब्रेंट क्रूड के भाव ने 74.24 डॉलर प्रति बैरल का ऊपरी स्तर छुआ है जो 41 महीने में सबसे ज्यादा भाव है
पेट्रोल-डीजल: सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली से सटे NCR के दूसरे शहरों में भी डीजल की कीमतों ने नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ है
महंगे क्रूड और कमजोर रुपए की वजह से तेल कंपनियों की लागत बढ़ गई है और इस लागत को ग्राहकों से वसूलने के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और बढ़ोतरी कर सकती हैं
डीजल का भाव पहले ही देश में रिकॉर्ड ऊंचाई पर है और पेट्रोल की कीमतें करीब 4 साल के ऊपरी स्तर पर हैं, ऐसे में अगर भाव और बढ़ा तो उपभोक्ताओं पर खराब असर पड़ेगा
प्रदूषण के बढ़ते स्तर और पर्यावरण को पहुंचने वाले नुकसानों के मद्देनजर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से डीजल के दाम बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।
कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी और घरेलू स्तर पर भारतीय करेंसी रुपए में आई गिरावट की वजह से ऑयल कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है
होली से ठीक एक दिन पहले पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों ने रंग में भंग का काम किया है। चार दिनों से पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग स्थिर थे, लेकिन एक मार्च को पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम में वृद्धि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत घटी है और उन्होंने इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाना शुरू किया है
क्रूड ऑयल की कीमतों में कमी आने के चलते पिछले दस दिनों से पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार कम हो रहे हैं। पिछले महीने क्रूड ऑयल का भाव 71 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के भाव तो घटाए हैं लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद जिस कटौती की उम्मीद थी उसके मुकाबले भाव बहुत कम घटा है
Petrol and Diesel Price: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने की वजह से ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की लागत घटी है और वह घटी हुई लागत का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती कर सकती हैं
दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत बुधवार को क्रमश: 72.43 रुपए प्रति लीटर, 75.13 रुपए प्रति लीटर और 75.12 रुपए प्रति लीटर रही।
महंगे पेट्रोल-डीजल की आग में जल रही जनता को थोड़ी राहत मिल सकती है। तेल मंत्रालय पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में और कटौती करने पर विचार कर रहा है।
इंडियन ऑयल के आंकड़ों के मुताबिक रविवार को दक्षिण भारत के शहर त्रिवेंद्रम में डीजल का भाव 68.21 रुपए और हैदराबाद में 68.26 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि पर नजर रखे हुए है।
ट्रोल और डीजल को GST के दायरे में रखा जाए या नहीं इसपर अंतिम फैसला GST काउंसिल को ही करना है और GST काउंसिल अगर पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में करती है तो इससे इनकी कीमत में भारी कटौती हो जाएगी
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