केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के एक्साइज शुल्क में भारी कटौती करने के फैसले से अब राज्य सरकारों पर वैट घटाने का दबाव बढ़ गया है ताकि आम नागरिकों को और राहत मिल सके।
अक्टूबर में एटीएफ की बिक्री 4,34,600 टन रहीं, जो महामारी-पूर्व के 2019 के स्तर से 34 प्रतिशत कम है। वहीं इसी माह के दौरान रसोई गैस की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़ गयी है।
पेट्रोल-डीजल के रिकॉर्ड तोड़ बढ़ते दामों की वजह से आम लोगों का बजट पूरी तरह से पटरी से उतर गया है। आज भी ईधन के दामों में इजाफा हुआ है।
कंपनी के अनुसार, सेवाएं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, केरल, गुजरात, गोवा और नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद और गाजियाबाद सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
शनिवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल कीमतों में बढ़ोतरी हुई। पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 35-35 पैसे प्रति लीटर और बढ़ गए हैं। इस बढ़ोतरी के साथ मई, 2020 की शुरुआत से यानी 18 महीने से कम समय में पेट्रोल 36 रुपये लीटर महंगा हो चुका है।
मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों में डीजल के दाम 99.50 रुपये प्र्रति लीटर के पास हैं। उपभोक्ताओं के एक वर्ग ने शिकायत की कि कुछ जिलों के पेट्रोल पंपों पर शुक्रवार को डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बिक रहा है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के उपकर को कम करने की मांग अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी है। मंत्री ने कहा कि घरेलू दरें अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों से जुड़ी हुई हैं, जो कई कारणों से बढ़ी है, जिसे समझने की जरूरत है।
पेट्रोल डीजल पर जारी दो दिनों की राहत आज खत्म हो गई। गुुरुवार को सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल दोनों की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी कर दी है। सोमवार को हुई बढ़ोत्तरी के बाद आज पेट्रोल व डीजल के दाम में 35-35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई है। ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल प्रति लीटर 104.79 रुपये वहीं डीजल 93.52 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
सरकार ने कहा है कि भारत के नए उदारीकृत पेट्रोल पंप लाइसेंसिंग नियमों के अनुसार पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू करने से पहले ही ईवी चार्जिंग स्टेशन और सीएनजी आउटलेट स्थापित करने की अनुमति दी गई है।
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और संबद्ध तेल उत्पादक देशों (ओपेक प्लस) द्वारा महामारी के दौरान उत्पादन में की गई कमी को क्रमिक रूप से बहाल करने के फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को उछाल आया।
पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने के संबंध में बड़ी खबर है। अधिकारियों ने इस संबंध में बड़ी जानकारी साझा की है। वाहन चलाने वाले पेट्रोल डीजल की बड़ी कीमतों को लेकर बहुत परेशान है ऐसे में इस संबंध में अब एक आधिकारिक बयान भी सामने आया है।
दिल्ली में इसकी कीमत 101.19 रुपये और मुंबई में 107.26 रुपये प्रति लीटर है। डीजल की कीमत में लगातार दूसरे दिन वृद्धि की गयी और 24 सितंबर के बाद से यह तीसरी वृद्धि है।
इस हफ्ते दूसरी बार डीजल की कीमतों में बढ़त की गयी है। कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल की वजह से ये फैसला लिया गया है। फिलहाल ब्रेंट क्रूड 78 डॉलर प्रति बैरल के पार है।
केंद्र पेट्रोल पर 32 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी के रूप में लेता है। हमने जब कच्चा तेल 19 डॉलर प्रति बैरल था तब भी 32 रुपये प्रति लीटर कर लिया, और अब जब कच्चा तेल 75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है तब भी उसी दर से कर ले रहे हैं।
सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक में किये गये फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘जीएसटी परिषद का मानना है कि यह समय पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर के दायरे में लाने का नहीं है।’’
वित्त मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो यह दोनों दवाएं बेहद जरूरी दवाएं है जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए परिषद ने इन 2 के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है।
सूत्रों ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय कीमतें इस स्तर पर बनी रहती हैं, तो तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में वृद्धि करनी होगी। पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में पिछली बार क्रमश: 17 जुलाई और 15 जुलाई को वृद्धि की गई थी।
ई्रंधन पर एक समान कर लगाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नरम बनाने में मदद मिलेगी, जिनकी कीमत हाल ही में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उच्च कर लगाने की वजह से अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
सभी मोबाइल पेट्रोल पंप "प्योर फॉर श्योर" मानक प्राप्त हैं, जो उपभोक्ताओं को शुद्धता के साथ मिलावट की आशंका से मुक्त रखते हैं।
ये लगातार 8वां दिन है जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों कोई बदलाव नहीं किया गया। सितंबर के दौरान दो बार में ईंधन कीमतें 30 पैसे कम हुई हैं।
संपादक की पसंद