देश में पहली पर कोई विदेशी यूनिवर्सिटी अपना फुल कैंपस ला रही है। अच्छी शिक्षा के चक्कर में अब छात्रों को बाहर विदेश जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं हैं, आस्ट्रेलिया की फेमस यूनिवर्सिटी 'वोलोंगोंग यूनिवर्सिटी' देश में कैंपस खोलने जा रही है।
आज छात्रों के लिए 'अपना चंद्रयान कार्यक्रम' शुरू होगा। इस शुरुआत केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे। बता दें कि इसके जरिए छात्रों को स्पेस प्रोग्रामों से जुड़ी कई सारी जानकारियां दी जाएंगी, जिससे छात्रों में साइंटिफिक जिज्ञासा बढ़ेगी।
UGC, AICTE और NCTE को लेकर सरकार एक बड़े तैयारी में है। जल्द ही इन नियामक को सरकार खत्म कर सकती है। और HECI ला सकती है। इसे लेकर सरकार संसद में बिल लेकर आएगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक प्रोग्राम में कहा कि देश के बाहर पहले आईआईटी का उद्घाटन नवंबर की शुरुआत में ज़ांज़ीबार में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि किसी भी आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) का पहला ऑफशोर कैंपस ज़ांज़ीबार में स्थापित किया जा रहा है।
अब कोचिंग सेंटर्स की चाल फेल होने वाली है। धर्मेंद्र प्रधान ने कोटा में बढ़ती सुसाइड के मामलों के बीच इस बात के संदेश दिए हैं कि डमी स्कूल पर चर्चा की सख्त जरूरत है।
दसवीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लोकसभा चुनाव 2024 में भाग लेना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने भाजपा से सिफारिश करते हुए कहा है कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में ओडिशा से लड़ने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन को हमें चुनौती की तरह लेना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में ईडी के अधिकारियों ने बुधवार को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि भ्रष्टाचार में शामिल लोग वर्तमान में बंगाल के मामलों का प्रबंधन कर रहे हैं।
उत्तराखंड को पीएम श्री स्कूल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय का तोहफा मिला है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री व सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्कूल की आधारशिला रखी है।
एनसीईआरटी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने जा रहा है। जिसके बाद एनसीईआरटी स्वंय की ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और डॉक्टरेट डिग्री दे सकेगी। ये जानकारी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी है।
सीबीएसई के स्कूलों में अब कई भारतीय भाषाओं में पढ़ाई हो सकेगी जबकि अभी तक इनमें सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी माध्यम का ही विकल्प था।
देश में मोदी सरकार के आने के बाद मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। जो साल 2014 तक यानी कांग्रेस के शासन में 380 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में 262 नए मेडिकल कॉलेज बनाए हैं। ये बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक कार्यक्रम के दौरान कही।
NCERT की किताबों से चार्ल्स डार्विन थ्योरी को लेकर पिछले दिनों विवाद चल रहा था। इसी पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपना रूख स्पष्ट किया है। रूख स्पष्ट करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी दी है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
वहीं इससे पहले चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पिछले महीने जेपी नड्डा ने राज्य का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी विकास का पर्याय है, जबकि कांग्रेस का मतलब विनाश है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 27 जनवरी को ‘परीक्षा पे चर्चा’ करेंगे, जिसमें शामिल होने के लिए 38 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराकर एक अलग ही रिकॉर्ड बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2018 में पहली बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के तहत छात्रों, शिक्षकों व अभिभावकों के साथ संवाद किया था। इसके बाद से हर साल पीएम मोदी 'परीक्षा पे चर्चा' करते हैं। इस दौरान पीएम मोदी छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ सीधे संवाद करते हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘‘देश भर के छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 26 जनवरी, 2023 से वसंत पंचमी के अवसर पर भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री और बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश में अब उच्च शिक्षा की पुस्तके 12 भारतीय भाषाओं के साथ-साथ जनजातीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के माध्यम से अधिक आयु वर्ग के लोगों को भी शिक्षा हासिल करने के नए अवसर हासिल होंगे। नई शिक्षा नीति का लाभ केवल स्कूल, कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों तक सीमित नहीं है।
भारत के एजुकेशन सिस्टम को अब दुनिया लोहा मान रही है। भारत की नई एजुकेशन पॉलिसी ग्लोबलाइजेशन पर जोर दे रही है, जिससे कई देश भारत की ओर खींच रहे है। अब भारत कई देशों के शिक्षा क्षेत्र में मदद करने जा रहा है।
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