बरसाना में राधा रानी के जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। लाठीचार्ज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
अगर आप भी कृष्ण कन्हैया के भक्त हैं तो आपको जन्माष्टमी के दिन इन जगहों को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। यकीन मानिए इस त्योहार पर भारत की इन जगहों की वाइब ही कुछ और होती है।
सावन में देश-विदेश से भक्त दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ पहुंचते हैं। साइबर अपराधियों ने काशी विश्वनाथ मंदिर के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर बुकिंग शुरू कर दी। इसमें दर्शन, पूजन, रुद्राभिषेक समेत आरती की बुकिंग की गई।
काशी कॉरिडोर बनने के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं को अब गलियों और संकरे रास्तों से गुजरना नहीं पड़ता है। अब श्रद्धालु गंगा घाट से कॉरिडोर के रास्ते बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए जा सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में बने पहले हिंदू मंदिर ने श्रद्धालुओं ने दर्शन का बड़ा रिकॉर्ड बना दिया है। मंदिर की देखरेख करने वाली संस्था के अनुसार पहले महीने में ही यहां 3.5 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किया है।
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां शेयर की गई हैं। ट्रस्ट की ओर से मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
अयोध्या के राम मंदिर पिछले 11 दिनों में दान पेटियों में करीब आठ करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जबकि चेक और ऑनलाइन के जरिए करीब 3.50 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। भव्य मंदिर के गर्भगृह के सामने चार बड़े आकार की दान पेटियां रखी गई हैं, जिनमें श्रद्धालु राशि जमा कर रहे हैं।
अदालत के आदेश के बाद व्यास जी के तहखाने में पूजा हुई और इसे आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया है। यहां पूजा के बाद बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़े।
यात्रा में बच्चे हों या फिर बुजुर्ग सभी पहुंच रहे हैं। लेकिन इस बार यात्रा में कुछ ऐसे आंकड़े सामने आ रहे हैं जो की चिंता का विषय है। पिछले 34 दिन की बात करें तो इन 34 दिनों में करीब 75 यात्रियों की मौत हो चुकी है।
अयोध्या मास्टर प्लान-2031 के तहत 2031 तक वहां सालाना चार करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। अभी यह आंकड़ा दो करोड़ का है। आध्यात्मिक पर्यटन, जो प्राचीन काल से भारत में अस्तित्व में है, हाल के दिनों में और लोकप्रिय हुआ है।
इस बाबा का आश्रम तिवसा तहसील के मार्डी कारला मार्ग पर है। बाबा का नाम सच्चिदानंद गुरु दास बाबा है। सार्वजनिक कार्यक्रमों में रोटी बनाने के लिए जलाया गया चूल्हा और उस पर रखे तवा पर बाबा को बैठना अच्छा लगता है।
हादसे का शिकार हुए सभी लोगों को टनकपुर अस्पताल लाया गया। कुछ लोगों ने इलाज से पहले ही दम तोड़ दिया। जबकि कुछ घायलों का टनकपुर उप जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस हादसे की जांच में जुटी है।
Vaishno Mata Dham Yatra: जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित श्री वैष्णो माता धाम जाने वाले भक्तों के लिए बेहद जरूरी सूचना है। अगर आप भी अपने परिवार के साथ श्री वैष्णो माता धाम जाने का प्लान बना रहे हैं तो यह नया नियम जान लें, अन्यथा दर्शन करना मुश्किल हो जाएगा।
UP News: कांस्टेबल संदीप यादव और चंदन सिंह ने अपनी जान की परवाह किए बगैर डूबते हुए युवकों को बचाया था। उनके उत्साहवर्धन और अन्य पुलिसकर्मियों को प्रेरित करने के लिए आज पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने दोनों कांस्टेबल को सम्मानित किया।
Amarnath Yatra: बालटाल में हुई त्रासदी पर दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि उन्हें कोई डर नहीं है क्योंकि उन्हें भगवान शिव में पूरा विश्वास है। बेखौफ श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पूरे उत्साह और भक्ति के साथ जम्मू पहुंच रहे हैं।
Amarnath Yatra: ‘‘न चिंता न भय, बाबा अमरनाथ जी की जय’’, ऐसे जयघोषों के साथ श्रद्धालु बाबा बर्फानी की यात्रा करने के लिए जम्मू पहंचे हैं। उन्हें अभी जम्मू आधार शिविर और विभिन्न आवास केंद्रों में रखा गया है। बाबा बर्फानी की यह यात्रा कोरोना महामारी के कारण पूरे दो साल बाद हो शरू रही है।
15 मई तक तक चारों धाम में पांच लाख 14 हजार 129 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 1,86,668 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। मौसम इसी तरह साथ देता रहा तो आने वाले दिनों में यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की उमड़ रही भारी भीड़ को देखते हुए प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन के लिए पूर्व निर्धारित अधिकतम संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी की गयी है।
अव्यवस्थाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच वृद्ध और बीमार तीर्थयात्रियों की जान पर पैदल यात्रा भारी पड़ रही है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के पुख्ता इंतजाम होने के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कठिन पैदल मार्गों पर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ठहरने के पर्याप्त इंतजाम तक नहीं हैं।
बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह 6.15 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान बद्री विशाल के दर्शन के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद रहे। पूरे विधि-विधान, मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुनों के साथ भगवान के कपाट खोले गए।
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