सीतारमण ने छात्रों से कहा, ‘जिस वर्ष हम ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मना रहे होंगे, अर्थात 2047 में हम एक विकसित देश बनना चाहते हैं और बनने की आकांक्षा रखते हैं।’
बुधवार को संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी और अंतरिम बजट है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कई अहम बाते कही हैं।
दुबई में चल रहे कॉप-28 सम्मेलन में गरीब और विकासशील देशों ने मिलकर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके तहत जलवायु संकट पैदा करने वाले अमीर देशों को मिलकर प्रभावित गरीब और मध्यम विकासशील देशों को जुर्माना देना होगा। ताकि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ उनकी जंग भी मजबूत हो सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी अब प्रौद्योगिकी के लिए जानी जाएगी। जिस देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महारत हासिल नहीं की, वह पीछे छूट जाएगा। इसलिए 2047 तक भारत को विकसित करना है तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मार्ग पर देश को आगे बढ़ना होगा। चंद्रयान-3 की सफलता से युवाओं को जोड़ना होगा।
Developed countries:विश्व में तेजी से बदलते आर्थिक, राजनीतिक और सामरिक परिवेश में विकासशील देशों के समक्ष नई-नई चुनौतियां पेश हो रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया के हालात तेजी से खराब हुए हैं। खासकर के विकासशील देशों के आर्थिक हालात बदतर होते जा रहे हैं।
India at UNGA: संयुक्त राष्ट्र सभा में भारत ने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित देशों की श्रेणी में खड़ा करने का ऐलान किया। एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत वर्ष 2047 तक यानी आजादी के 100वें वर्ष तक खुद को एक विकसित देश के रूप में देखता है।
Floods Crisis in pakistan: पाकिस्तान में बाढ़ का कहर ऐसा टूटा है कि कई देशों द्वारा दी गई अंतरराष्ट्रीय मदद भी अब नाकाफी होने लगी है। इसकी वजह ये है कि अपने लोगों को बचाने के लिए पाकिस्तान सिर्फ दूसरे देशों पर ही निर्भर हो गया है। स्वयं से कुछ भी नहीं कर रहा।
Green House Emissions: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को लेकर पूरी दुनिया को चेतावनी दी है। अगर इसका उत्सर्जन कम नहीं किया तो फिर खामियाजा पूरे विश्व को भुगतना पड़ सकता है।
India by 2047: योजना आयोग (Yojana Aayog) के उपाध्यक्ष रह चुके मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ बनने के लिये सालाना आठ प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर की जरूरत होगी।
विकसित देशों में मौत का सबसे बड़ा कारण कैंसर बन गया है। वैश्विक स्तर पर किए गए दो सर्वेक्षणों में यह तथ्य सामने आया है।
जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया ने शनिवार को कहा कि भारत और कई अन्य देशों ने अपने काम-काज से इस पुरानी सोच को झुठला दिया है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए संरक्षणवाद लाभदायक होता है।
भारत के पास अपनी स्थिति को बदलकर विकसित देशों की कतार में शामिल होने के लिए सिर्फ एक दशक का वक्त है। इसके लिए भारत को शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी। अगर वह इस मोर्च पर विफल हुआ तो देश की युवा आबादी का लाभ नुकसान में बदल जाएगा।
भारत ने कहा कि विकसित देशों को रिन्युएबल एनर्जी को प्रोत्साहित करना चाहिए न कि इसमें अड़चन डालना चाहिए। जावड़ेकर ने यह बात संयुक्त राष्ट्र में कही।
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