एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अवसाद समय से पहले मस्तिष्क को उम्रदराज बना देता है। जानिए ऐसा क्यों...
आज के समय में हर कोई पैसा कमाना चाहता है। जिसके लिए वह जी-तोड़ मेहनत भी करता है। जिससे कि इस कभी भी पैसों की कमी न हो, लेकिन वह यह भूल जाते है कि इससे वह डिप्रेशन में जा सकते है। एक शोध में यह बात सामने आई कि 39 लाख से कम कमाने वाले लोगों को कभी भी तनाव की समस्या नहीं होती है। जानिए क्यों...
अमेरिका में हुए एक अध्ययन में यह पता चला है कि स्कूलों में योग एवं ध्यान से जुड़ी गतिविधियां छोटे बच्चों को तनाव एवं चिंता दूर करने में मदद कर सकती हैं और इससे उनके शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ डे 2018 : कई बार ऐसा होता है कि आप डिप्रेशन में होते हुए भी इंसान को पता नहीं होता कि वह डिप्रेशन में हैं और जब उसे पता चलता है तब बहुत देर हो जाती है। डिप्रेशन जैसी बीमारी से निपटने के लिए आज हम आपको बताएंगे कुछ आसान टिप्स।
ऐसे लोग जो अपने मानसिक स्वास्थ्य से संघर्ष करते हैं, उनमें अपने स्मार्टफोन के इस्तेमाल की संभावना ज्यादा होती है। वह फोन का इस्तेमाल चिकित्सा पद्धति के रूप में करते हैं।
एक अध्ययन के अनुसार काम के सिलसिले में बार-बार बाहर का दौरा करने वाले लोगों में बेचैनी और अवसाद का खतरा बढ़ने की संभावना होती है। उनके धूम्रपान करने की, उनके सुस्त होने की और नींद में दिक्कत का सामना करने का खतरा बढ़ सकता है।
पिछले साल अंडर-16 क्रिकेट में 1009 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी खेलकर क्रिकेट जगत में तहलका मचाने वाले मुंबई के क्रिकेटर ने डिप्रेशन में आकर क्रिकेट खेलना छोड़ दिया.
एक नये अध्ययन के अनुसार समूह में गाने से ना केवल इंसान ज्यादा खुश होता है बल्कि बेचैनी एवं अवसाद जैसी दशाओं सहित उसकी मानसिक स्वास्थ्य दशाएं भी बेहतर होती हैं।
अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, “हम हमारे वर्तमान रोग-निदान में लक्षणों को एक-साथ रखे जाने के चलन को सुलझाना चाहते हैं जिससे कि अंतत: मर्ज के अनुकूल उपचार विकल्प मुहैया कराए जा सकें
एक स्टडी के अनुसार स्मार्टफोन के यूज से युवाओं को अवसाद, बेचैनी और अनिद्रा जैसी बीमारियां अपनी चपेट में लेने की आशंका बढ़ जाती है।
मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठा के साथ ही सहमति और खुलापन उन पांच गुणों में शामिल हैं जिनके मौजूद रहने पर किसी भी व्यक्ति के अवसादग्रस्त होने का खतरा कम होता है।
फ़रार माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के बेटे मोईन नवाज़ डी. कास्कर ने परिवार के कारोबार का त्याग कर ख़ुदा की ख़िदमत करने यानी मैलाना बनने का फ़ैसला किया है.
कुछ दिन बाद ही कैट 2017 के एग्जाम होने वाले हैं और इसको लेकर बच्चों के अंदर अभी से डर ने अपना घर बनाना शुरू कर दिया है। तो किसी भी एग्जाम से डरने की जरूरत नहीं क्योंकि हम आपके लिए लाएं हैं पढ़ने के बेहतरीन टिप्स।
दूध में अधिक मात्रा में विटामिन ए, विटामिन बी और डी के अलावा कैल्शियम, प्रोटीन और लैक्टिक एसिड पाया जाता है। तो वहीं दूसरी ओर शहद में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण पाया जाता है। जानिए इस कॉम्बिनेशन के बेहतरीन लाभ के बारें में...
डिप्रेशन को घटाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक एप बनाया है। जिसमें 18-59 साल के 3500 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था।
जो व्यक्ति इस प्रकार की दवाएं नहीं लेते हैं, उनकी तुलना में दवा का सेवन करने वालों में मौत की संभावना 33 प्रतिशत बढ़ सकती है। जानिए कैसे बन सकती है जानलेवा...
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक, एडीएचडी की समस्या ज्यादातर प्री-स्कूल या केजी कक्षाओं के बच्चों को हो रहा है। जानिए पेरेट्स कैसे अपने बच्चों को इस बीमारी से बचाने में मदद कर सकते है।
अगर आप भी डिप्रेशन के कारण ठीकक से सो नहीं पाते है, तो आज से ही गन्ना का सेवन शुरु कर दें। आपको दोनों समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
तनाव के दौरान लोग अक्सर अपने जबड़े को भींचते हैं या गुस्से में अपने दांत पीसने लगते हैं। इस वजह से मांसपेशियां तनी हुई अवस्था में रहती हैं और जोड़ को आराम नहीं मिल पाता है। इससे जोड़ में सूजन, दर्द और शिथिलता हो सकती है। जानिए घरेलू उपायों के बारें..
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