थाना सेक्टर 39 क्षेत्र के छलेरा गांव के शिवम (22) ने मानसिक तनाव के चलते अपने घर पर पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं, थाना बिसरख क्षेत्र के पुराना हैबतपुर गांव में रहने वाली शालू ने अज्ञात कारणों के चलते बीती रात पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
सामान्यतया डिप्रेशन किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
डाइट से कुछ चीजों का सेवन सीमित करके डिप्रेशन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
एक स्टडी के मुताबिक, हैप्पीनेस से हीलिंग पावर बढ़ती है। पॉजिटिव रहने से काम करने की क्षमता 72 प्रतिशत और रोगों से लड़ने की ताकत 52 प्रतिशत बढ़ जाती है।
एंजायटी डिसऑर्डर में पैनिक अटैक आते हैं। दिल की धड़कन बढ़ जाती है। पसीना आता है। सांस लेने में तकलीफ होती है। चक्कर तक आते हैं और सीने में दर्द जैसे लक्षण भी महसूस होते हैं।
भारत में करीब 10 करोड़ लोग डिप्रेशन और एंजाइटी के शिकार हैं। जिसमें से करीब 55 फीसदी लोगों को ये पता भी नहीं होता कि वो किसी तरह के डिप्रेशन की गिरफ्त में हैं।
अगर आप भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्वामी रामदेव ने बताया है कि कैसे मुश्किल हालात में भी मुस्कुराते हुए जिंदगी को सही तरीके से जिया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 8 से 10 लाख लोग खुद अपनी जान ले लेते हैं। हर 40 सेकंड में एक सुसाइड का मामला सामने आता है। जानिए डिप्रेशन से निजात पाने के आयुर्वेदिक उपाय।
प्रियंका चोपड़ा के पिता डॉ. अशोक चोपड़ा का 10 जून 2013 को 62 साल की उम्र में कैंसर के कारण निधन हो गया था
लाइफ में कोई बड़ा बदलाव, कोई एक्सीडेंट, कोई आर्थिक समस्या, हार्मोनल बदलाव की वजह से लोगों को डिप्रेशन हो जाता है।
सर्दी को डिप्रेशन बढ़ाने वाला मौसम कहा जाता है। सर्दियों के दिन लगातार मूड खराब रहना, भूख कम लगना, नींद न आना आदि समस्या सीजनल डिप्रेशन की ओर संकेत देता है।
इंडियन साइक्रेटिक सोसाइटी के एक सर्वे के अनुसार भारत में हर 5 से 1 व्यक्ति को मेंटल हेल्थ से परेशान हैं। स्वामी रामदेव के जानिए मानसिक स्वास्थ्य को फिट रखने के लिए कौन से योगासन, प्राणायाम कारगर साबित हो सकते हैं।
गुलशन देवैया का कहना है कि डिप्रेशन को एक बीमारी के रूप में स्वीकार करने की बजाय लोग इसे एक मानसिक अवस्था के तौर पर लेते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 8 से 10 लाख लोग खुद अपनी जान ले लेते हैं। हर 40 सेकंड में एक सुसाइड का मामला सामने आता है। जानिए स्वामी रामदेव से डिप्रेशन से कैसे पाएं छुटकारा।
कोरोना काल में ज्यादातर लोग डिप्रेशन का शिकार हुए। ये दावा एक रिपोर्ट में किया गया। ऐसे में जानना ये जरूर है कि क्या होता है डिप्रेशन? आखिर ये कैसे किसी को सुसाइड करने के लिए मजबूर कर सकता है। जानिए डिप्रेशन से जुड़ी हर एक चीज...
उत्तर प्रदेश के जनपद गौतम बुद्ध नगर में 24 घंटे के अंदर अलग-अलग घटनाक्रमों में 5 लोगों ने कथित रूप से मानसिक तनाव और घरेलू विवाद के चलते अपनी जान दे दी।
एक सर्वे में साफ हुआ है कि कोरोना काल में 43 फीसदी भारतीय डिप्रेशन की गिरफ्त में आ चुके हैं। स्वामी रामदेव ने डिप्रेशन यानी कि अवसाद से छुटकारा पाने के लिए कुछ योगासन और प्राणायाम बताए हैं जिन्हें अपनाकर आप वापस जिंदगी में लौट सकते हैं।
पार्थ समथान ने सोशल मीडिया पर बताया है कि लॉकडाउन के दौरान वो डिप्रेशन से जूझ रहे थे।
पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से ठीक हो चुके कई लोग अकेलेपन और परिजनों, पड़ोसियों की बेरुखी के कारण अवसाद का सामना कर रहे हैं। कोलकाता में एक सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने इस बारे में बताया है।
श्रीसंत ने बताया कि सुशांत की तरह वह भी उस किनारे पर पहुंच गए थे जब उनके मन में भी सुसाइड करने का ख्याल आया था, लेकिन उन्होंने ऐसा कदम नहीं उठाया।
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