Farmani Naaz: देश में इन दिनों कांवड़ सिंगर फरमानी नाज का गया हुआ 'हर हर शंभु' खूब बज रहा है। उनके इस गाने पर कट्टरपंथियों ने ऐतराज जताया था। फरमानी नाज को देवबंदी उलेमा ने नसीहत देते हुए कहा था कि इस्लाम में किसी भी तरह का गाना नहीं गाना चाहिए, ये इस्लाम के खिलाफ है।
Jamiat Ulema-e-Hind: जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में कहा गया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद का ये सम्मेलन स्पष्ट कर देना चाहता है कि कोई मुसलमान इस्लामी क़ायदे क़ानून में किसी भी दख़ल अन्दाज़ी को स्वीकार नहीं करता। इसीलिए जब भारत का संविधान बना तो उसमें मौलिक अधिकारों के तहत यह बुनियादी हक़ दिया गया है कि देश के हर नागरिक को धर्म के मामले में पूरी आज़ादी होगी।
देवबंद एक मुस्लिम बहुल इलाका है। यहां करीब एक लाख से अधिक वोटर हैं। लोगों ने इंडिया टीवी के साथ बातचीत में ये भी कहा कि देवबंद मोहब्बत का पैगाम है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद और बंगाली अभिनेत्री नुसरत जहां के सिंदूर लगाने, जैन धर्म के व्यक्ति से शादी करने और शपथ ग्रहण के दौरान वंदे मातरम बोलने पर देवबंदी उलमा ने आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि इस्लाम में इनकी कतई गुंजाइश नहीं है।
देवबंद वो जगह है जहां से जारी हर फतवा, हर पैगाम हिन्दुस्तान के मुसलमानों के लिए पत्थर की लकीर मानी जाती है।
दरगाह आला हजरत के मरकजी दारुल इफ्ता से जारी फतवे में कहा गया है कि शादी समारोह और जलसों के मौकों पर औरतों और मर्दों का एक साथ भोजन करना नाजायज है।
Women who offered prayers to Lord Ram in Varanasi Temple are no more Muslims : Deobandi Ulema Fatwa
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