नोटबंदी के दौरान एक बैंक के सामने लाइन में लगी महिला ने जिस बच्चे को जन्म दिया था उसका आज अखिलेश यादव ने 8वां जन्मदिन मनाया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा।
वैसे तो पूरे साल सुप्रीम कोर्ट में कई मुद्दे पहुंचे और कई मुद्दों पर अहम फैसले भी आए, लेकिन हम यहां उनमें 5 अहम फैसलों की बात करेंगे जिन्होंने हर किसी को न्याय पर ना सिर्फ भरोसा करने के लिए प्रेरित किया बल्कि सुरक्षा का भाव भी जगाए रखा।
आज से 2 हजार के गुलाबी नोटों की विदाई शुरू होने जा रही है। आज से देशभर के बैंकों में 2 हजार के नोट जमा होंगे। लोग अपने बैंक खाते में बिना किसी लिमिट के दो हजार के नोट जमा कर सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार बाजार में 1000 रुपये के नोट को फिर से पेश करेगी और कहा कि 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को वापस लेना एक बड़ी गलती थी।
RBI Withdraws Notes News: 2,000 रुपये के नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 प्रतिशत है और इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है। अर्थव्यवस्था के चश्मे से देखते हैं।
2000 रुपये के नोटों के बंद होने की घोषणा के बाद से ही विपक्ष सरकार पर हमलावर है और इस पर सवाल उठा रहा है।
30 सितंबर 2016 को देश में नोटबंदी का बड़ा फैसला लिया गया था। अब करीब साढ़े 6 साल बाद 19 मई 2023 को RBI ने बड़ा फैसला लिया है कि पूरी तरह से 2000 रुपए के नोट छपना अब बंद हो जाएंगे।
आज सुप्रीम कोर्ट कीं पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने नोटबंदी की वैधानिकता पर 4-1 के बहुमत से फैसला किया। कोर्ट में जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने नोटबंदी की वैधता को चुनौती देने वाली 58 पिटीशन्स थी।
आज सुप्रीम कोर्ट कीं पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने नोटबंदी की वैधानिकता पर 4-1 के बहुमत से फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने नोटबंदी की वैधता को चुनौती देने वाली 58 पिटीशन्स थी।
Notebandi पर Supreme Court ने क्या कहा? #PMModi #Demonetisation #SupremeCourt #Congress #BJP #Shorts #HindiNews #BreakingNews
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर मुहर लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की संविधान पीठ ने 4-1 के फैसले से नोटबंदी को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं हुई। ये फैसला लेने से पहले केंद्र सरकार और RBI के बीच विचार विमर्श हुआ था।
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना ने अचानक की गई नोटबंदी को गैरकानूनी माना। उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों की पूरी सीरीज को बंद कर देना गंभीर मामला है और सिर्फ एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि कानून के जरिए नोटबंदी की जानी चाहिए थी।
upreme Court के फैसले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री Ravi Shankar Prasad ने Press Conference को संबोधित करते हुए कहा कि Rahul Gandhi नोटबंदी पर राजनीति करते रहे लेकिन नोटबंदी का फैसला सही निकला. #demonetisation #rahulgandhi #indiatv
Demonetisation के मामले पर सुनवाई करते हुए Supreme Court ने सुनवाई करते हुए सभी याचिका को खारिज कर दिया और नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया. #demonetisation #scondemonetisation #hindinews #indiatv
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की संविधान पीठ ने 4-1 के फैसले से नोटबंदी को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी की प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं हुई।
जस्टिस नजीर अपने रिटायरमेंट से दो दिन पहले नोटबंदी पर फैसला सुनाया है। फैसला सुनाने वाली बेंच में जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए.एस. बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन, और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में साल 2016 में 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को बंद करने संबंधी सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सोमवार को अपना फैसला सुनाए जाने की संभावना है। न्यायमूर्ति एस.ए.नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ दो जनवरी को इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है।
Supreme Court on Demonetisation: देश में नोटबंदी हुए छह वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। विभिन्न पक्षों की ओर से दायर 58 याचिकाओं पर देश की शीर्ष अदालत सुनवाई कर रही है।
केंद्र के 8 नवंबर, 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। बैंकों और एटीएम के सामने हजारों लोगों की लाइनें लगी थीं। कई लोगों ने तो अपने नोटों को जला भी दिया था। हालांकि नोटबंदी क्यों की गई, इसका जवाब केंद्र ने अब SC में दिया है।
लोकलसर्किल की एक रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के छह साल बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि इस बड़े फैसले ने अपने लक्ष्य को हासिल किया या नहीं।
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