मंगलवार को दिन के 11.43 बजे बिजली की अखिल भारतीय मांग अब तक सर्वोच्च स्तर 1,97,060 मेगावाट पहुंच गयी। सरकार ने मांग के 2,00,000 मेगावाट पहुंचने का अनुमान दिया है
एचडीएफसी चेयरमैन ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र अपने कुल राजस्व का 1.5 प्रतिशत से भी कम प्रौद्योगिकी पर खर्च करता है। प्रौद्योगिकी रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही ला सकती है।
अप्रैल के पहले पखवाड़े के दौरान व्यस्त समय की बिजली की मांग पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38 प्रतिशत बढ़कर 182.55 गीगावॉट के उच्चस्तर पर पहुंच गई।
पिछले साल अप्रैल में बिजली की मांग 2019 के समान महीने के 110.11 अरब यूनिट की तुलना में घटकर 84.55 अरब यूनिट पर आ गई थी। इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस की वजह से मार्च के आखिरी सप्ताह में लगाया गया लॉकडाउन था।
बीते साल एक से 12 मार्च की अवधि में बिजली की खपत 40.92 अरब यूनिट थी। बिजली की मांग और उपभोग में बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब अर्थव्यवस्था पूरी तरह उबर चुकी है।
डीजल की मांग फरवरी में 8.5 प्रतिशत घटकर 65.5 लाख टन रह गई। वहीं पेट्रोल की खपत 6.5 प्रतिशत घटकर 24 लाख टन पर आ गई। रसोई गैस एलपीजी की बिक्री में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
एक मार्च 2014 को रसोई गैस सिलेंडर का दाम 410.5 रुपये प्रति 14.2 किलो पर था जो कि अब 819 रुपये प्रति सिलेंडर हो चुका है। इसके बावजूद खपत में भी बढ़त देखने को मिली है।
फरवरी 2021 में दिन में सबसे ज्यादा बिजली की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 188.15 गीगावाट तक पहुंच गई। यह मांग एक साल पहले फरवरी में 176.38 गीगावाट रही थी।
अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए राहत कदमों की श्रंखला के ऐलान के बाद अब वित्त मंत्री के पास एक अवसर है कि वो एक आर्थिक रूपरेखा, पेश करें जिसमें मुसीबत में फंसे क्षेत्रों को मजूबती और बढ़ते हुए क्षेत्रों को प्रोत्साहन दोनो ही हों, साथ ही आम लोगों की उम्मीदों का भी ख्याल रखा जाए।
देश में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान 40 प्रतिशत घटकर 12.3 अरब डॉलर रहा। पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में इस मूल्यवान धातु का आयात 20.6 अरब डॉलर का था। हालांकि नवंबर महीने में सालाना आधार पर आयात 2.65 प्रतिशत बढ़कर 3 अरब डॉलर रहा।
रसोई गैस सिलेंडर के दाम में इस महीने दो बार बढ़ोतरी हो चुकी है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम उत्पाद विपणन कंपनियों द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर की कीमत 644 रुपये से बढ़कर 694 रुपये कर दी गई है।
नवंबर, 2020 में देश में डीजल की खपत 62.3 लाख टन रही। यह साल भर पहले 67 लाख टन थी। अक्टूबर, 2020 में देश में 57 लाख टन डीजल की खपत हुई थी।
6 महीने की गिरावट के बाद सितंबर के महीने में बिजली की खपत में बढ़त देखने को मिली थी। सितंबर में खपत पिछले साल के मुकाबले 4.4 फीसदी की बढ़त के साथ 112.24 बीयू रही थी। वहीं अक्टूबर के दौरान बिजली की खपत 12 फीसदी बढ़ी है।
2020 की तीसरी तिमाही में सोने की छड़ और सिक्कों की मांग सालाना आधार पर 51.1 प्रतिशत तथा तिमाही आधार पर 70.9 प्रतिशत बढ़कर 33.8 टन पर पहुंच गई। वहीं चालू कैलेंडर वर्ष के पहले नौ माह में सोने की उपभोक्ता मांग में पिछले साल के मुकाबले 49.2 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।
डीजल की बिक्री अक्टूबर महीने में साल भर पहले के 57.9 लाख टन से बढ़कर 61.7 लाख टन पर पहुंच गयी। महीने के अंतिम दो सप्ताह में डीजल की मांग में उछाल आया। पहले दो सप्ताह के दौरान डीजल की बिक्री 26.5 लाख टन रही थी। अक्टूबर में सितंबर 2020 के 48.4 लाख टन की तुलना में 27.5 प्रतिशत अधिक बिक्री हुई।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में देश की बिजली खपत 110.94 अरब यूनिट रही। पिछले साल अक्टूबर में यह आंकड़ा 97.84 अरब यूनिट था। अक्टूबर में व्यस्तम समय के दौरान अधिकतम बिजली आपूर्ति अक्टूबर 2019 के मुकाबले 3.52 प्रतिशत अधिक है।
तिमाही के दौरान सोने की कुल निवेश मांग 21 प्रतिशत बढ़कर 494.6 टन पर पहुंच गई। तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर निवेशकों ने 222.1 टन सोने की छड़ और सिक्के खरीदे। इसके अतिरिक्त उन्होंने गोल्ड ईटीएफ के जरिये 272.5 टन सोना खरीदा।
कंपनी के मुताबिक भारत अगले 20 वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला ईंधन और लुब्रिकेंट्स का बाजार होगा। रिलायंस के साथ बीपी समूह का उद्यम देश में पेट्रोल पंपों के नेटवर्क को मौजूदा 1,400 से बढ़ाकर अगले 4-5 वर्षों में 5,500 तक करेगा। उन्होंने कहा कि नेटवर्क के निर्माण में 80,000 रोजगार सृजित होंगे।
अधिकतर कार कंपनियों की बिक्री में अगस्त में 20 प्रतिशत से अधिक की बिक्री दर्ज की गयी है। आगामी त्यौहारी मौसम में इसके और बढ़ने की उम्मीद है। इसके चलते वाहनों की सर्विस कराने का बाजार भी बढ़ा है जिससे कलपुर्जों का बाजार भी बेहतर हुआ है।
अक्टूबर के पहले 15 दिन में डीजल की मांग 26.5 लाख टन रही है, पिछले साल की इसी अवधि में मांग 24.3 लाख टन थी। वहीं सितंबर के पहले 15 दिन में डीजल की मांग 21.3 लाख टन के स्तर पर थी।
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