अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से किसानों का समूह आज दिल्ली कूच करने वाला है। क्या हैं इनकी मांगें और किसानों ने क्यों विरोध प्रदर्शन करने की ठानी है, जानिए 10 प्वाइंट्स में-
चुनाव प्रचार के अलावा, गर्मी की फसल कटाई के मौसम और चिलचिलाती गर्मी के चलते कारों में एसी की मांग बढ़ जाती है, जिससे ईंधन की खपत बढ़नी चाहिए थी। हालांकि इस साल यह रुझान उलट गया है।
डीडी फंड ट्रांसफर का एक सुरक्षित साधन उपलब्ध करते हैं, जिससे लेनदेन के दौरान धोखाधड़ी या अनऑथोराइज्ड एक्सेस का जोखिम कम हो जाता है। डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) एक खाताधारक की तरफ से बैंकों द्वारा जारी किया जाने वाला एक निगोसिएबल इंस्ट्रूमेंट है।
उत्तर 24 परगना के संदेशखाली की घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।
बाजार की गति बरकरार रखने के लिए सभी की नजरें आने वाले कुछ महीनों में त्योहारी मांग पर टिकी हैं। चुनाव के बाद स्थिर सरकार और आर्थिक नीतियों की निरंतरता बाजार को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बेमौसम बारिश ने मांग को प्रभावित किया और गर्मियों के दौरान तापमान घटने से ठंडक प्रदान करने वाले एयर कंडीशनर (एसी) जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कम हुआ।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को मांग की कि सरकार 'कुतुब मीनार परिसर' में प्राचीन मंदिरों का पुनर्निर्माण करे और वहां हिंदू अनुष्ठानों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे
अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी, जिसने राज्य के सियांग जिले के किशोर मिराम तारोन का अपहरण कर लिया था, उसे वापस भारत को सौंपा है। लेकिन इस दौरान उसे मारा-पीटा गया और इलेक्ट्रिक शॉक भी दिए गए। तापिर गाओ ने सरकार से मांग की है कि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएं।
नीय निर्माताओं के लिए आरएंडडी को लेकर रियायतों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कोविड-19 से आपूर्ति और मांग प्रभावित होने से उद्योग को सरकार से समर्थन की जरूरत है।
भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। सोने का आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करने के लिए किया जाता है।
अक्टूबर में एटीएफ की बिक्री 4,34,600 टन रहीं, जो महामारी-पूर्व के 2019 के स्तर से 34 प्रतिशत कम है। वहीं इसी माह के दौरान रसोई गैस की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़ गयी है।
जुलाई, अगस्त और सितंबर 2021 के दौरान आयात में वृद्धि लॉकडाउन के हटने, घरेलू और निर्यात मांग में सुधार और त्योहारी सीजन की शुरुआत के कारण हुई है, जिसकी वजह से मांग में तेज वृद्धि रही है
डीलर्स के मुताबिक त्योहारों के इस दो माह के दौरान वो सालाना बिक्री का 40 प्रतिशत हासिल कर लेतें हैं। हालांकि इस साल वाहनों की आपूर्ति न होने से बिक्री पर असर दिख रहा है।
सोमवार को ही ब्रेंट क्रूड की कीमत बढ़त के साथ 80.75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई थी, जो कि इसका 3 साल का उच्चतम स्तर भी था।
1-15 अगस्त के दौरान बिक्री 18.5 प्रतिशत बढ़कर 2.11 मिलियन टन हो गई है। इंडियन ऑयल के मुताबिक डीजल की मांग में तेजी से बढ़त जारी है और दिवाली तक ये कोविड से पहले के खपत के स्तर से ऊपर पहुंच जाएगी।
अगस्त के पहले सप्ताह में व्यस्त समय की पूरी की गई बिजली की मांग या दिन में बिजली की सबसे अधिक आपूर्ति 188.59 गीगावॉट की रही। जो पिछले साल से 14 प्रतिशत अधिक है।
जुलाई में बिजली की मांग में सुधार की प्रमुख वजह मानसून में देरी तथा राज्यों द्वारा अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेजी आना है।
सर्वे के अनुसार भारत में 10 में से तीन कार खरीदारों ने कहा कि वे इलेक्ट्रिक/हाइड्रोजन वाहन खरीदना पसंद करेंगे। इनमें से 40 प्रतिशत कारों के लिये 20 प्रतिशत से ज्यादा खर्च के लिये तैयार हैं।
देश में बिजली खपत जुलाई के पहले सप्ताह में पिछले साल इसी अवधि के मुकाबले करीब 18 प्रतिशत बढ़कर 30.33 अरब यूनिट रही और कोविड-19 से पहले के स्तर पर पहुंच गई।
आंकड़ों के अनुसार सात जुलाई, 2021 को देश में बिजली की खपत 450.8 करोड़ यूनिट दर्ज की गई, जो कि अब तक सबसे अधिक दैनिक बिजली खपत है।
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