रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत में, डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की एक घातक लहर ने अप्रैल और जून के बीच 2,40,000 लोगों की जान ले ली थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था। निकट समय में इसी तरह के हालात पैदा हो सकते हैं।'
भार्गव ने कहा कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से गंभीर बीमारी नहीं होती और भारत में मिले सभी मामलों में से लगभग एक तिहाई हल्के लक्षण वाले थे।
उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर वयस्क और वृद्ध आबादी की तुलना में बच्चों में संक्रमण के मामले दो से तीन गुना अधिक हैं। बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron का कम्युनिटी स्प्रेड शुरु हो गया है।
दिल्ली में संक्रमण के कारण अबतक 25,098 लोगों की मौत हो चुकी है। आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में कोविड-19 के कारण सात लोगों की मौत हुई है जो पिछले महीने में राष्ट्रीय राजधानी में सबसे ज्यादा है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट के उद्गम की स्थितियां अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि इसमें म्यूटेशन की संख्या असामान्य है।
डब्ल्यूएचओ ने दुनिया भर के अन्य देशों से अपील की कि वे ओमिक्रॉन को लेकर चिंता के कारण दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध नहीं लगाएं। अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने देशों से यात्रा प्रतिबंधों का उपयोग करने से बचने के लिए विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का पालन करने का आह्वान किया।
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट का पता लगा है जिससे अधिक तेजी से संक्रमण फैसले की आशंका है और अधिकारियों ने इससे जुड़े 22 मामलों की बृहस्पतिवार को पुष्टि की।
आंकड़े बताते हैं कि वायरस के इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में से केवल 33 प्रतिशत को लक्षणों की संभावना है जबकि डेल्टा से संक्रमित 46 प्रतिशत लोगों में लक्षण दिखाई देते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में अब तक कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के लगभग 300 मामलों का पता चला है।
महामारी विज्ञान के अध्ययनों के अनुसार, पहली बार 2020 के अंत में भारत में पहचाना गया डेल्टा वेरिएंट, पिछले साल ब्रिटेन में पहली बार पहचाने गए अल्फा वेरिएंट की तुलना में कम से कम 40 प्रतिशत अधिक पारगम्य है।
महामारी विज्ञान के अध्ययनों के अनुसार, पहली बार 2020 के अंत में भारत में पहचाना गया डेल्टा वेरिएंट, पिछले साल ब्रिटेन में पहली बार पहचाने गए अल्फा वेरिएंट की तुलना में कम से कम 40 प्रतिशत अधिक पारगम्य है।
कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा स्वरूप से संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती किए जाने की जरूरत उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है, जो कोरोना वायरस के शुरुआती स्वरूपों से संक्रमित हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि महाराष्ट्र में सामने आए डेल्टा प्लस स्वरूप के 27 नए मामलों में गढ़चिरौली और अमरावती में छह-छह, नागपुर में पांच, अहमदनगर में चार, यवतमाल में तीन, नासिक में दो और भंडारा जिले में एक मामला पाया गया।
उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने दोनों व्यक्तियों के सम्पर्क में आए कुल 88 लोगों के नमूने लिए हैं और इनकी कोविड-19 की जांच कराई जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 1,53,046 मरीज मिले हैं।
इजरायल में हुए एक शोध के अनुसार टीकाकरण के बाद के महीनों में गंभीर बीमारी से सुरक्षा कम हो जाती है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने की आशंका बढ़ सकती है। हालांकि इस संबंध में स्टडी बहुत पुख्ता नहीं है लेकिन जानकार इस ओर इशारा कर रहे हैं कि आने वाले महीनों में बूस्टर डोज की जरूरत पड़ेगी।
वहीं, मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों में ढील के बाद शहर में सभी बाग, खेल के मैदान,चौपाटी,समुद्र तट सुबह छह बजे से रात दस बजे तक खुले रहेंगे।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमित अब तक 66 मरीज मिले हैं और उनमें से पांच की मौत हो चुकी है। इन 66 मरीजों में से कुछ ने टीके की दोनों खुराक ले रखी थी।
महाराष्ट्र ने डेल्टा प्लस कोविड -19 वायरस वेरिएंट से तीसरी मौत की सूचना दी है। अधिकारियों ने कहा कि राज्य में इस वेरिएंट के रोगियों की कुल संख्या अब तक 65 से अधिक है।
बताया जा रहा है कि मृतक 63 वर्षीय महिला मरीज में 21 जुलाई को कोरोना डिटेक्ट हुआ था। मृतक महिला को कोवीशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज भी लगी हुई थी। 24 जुलाई को इस महिला मरीज को ICU में भर्ती किया गया था।
जैन ने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक नमूनों को दूसरी लहर के दौरान जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया और उसके बाद डेल्टा स्वरूप की मौजूदगी पाई गई।
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