दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा में षड्यंत्र से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा को दिसंबर में उनकी कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए तीन-दिवसीय कस्टडी पैरोल पर रिहा कर दिया।
देश की राजधानी में फरवरी में हुए दंगों के मामले में दिल्ली पुलिस को 20 लोगों की तलाश है। दिल्ली में हुए दंगों के इन 20 आरोपियों की तस्वीर पहली बार सामने आई है।
शाहीन बाग का धरना हो, जाफराबाद का प्रोटेस्ट हो, अलीगढ़ के छात्रों का विरोध हो, या भारत के कुछ अन्य शहरों में हो रहे प्रदर्शन हों, सभी एक ही तरह की कहानी कहते हैं।
दिल्ली दंगे की साजिश पर बड़ा खुलासा हुआ है। शरजील इमाम और उमर खालिद की WhatsApp चैट से पता चला है कि ये दोनों दिल्ली में खेले गए 'गंदे खेल' के मास्टरमाइंड थे।
दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम तथा फैजान खान के खिलाफ कड़कड़डुमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
दिल्ली की एक अदालत ने छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा को फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में शनिवार को जमानत दे दी।
दिल्ली हिंसा मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने गुरुवार को कहा कि कश्मीरी आतंकवादियों से उनका कोई संपर्क या रिश्ता नहीं है। खान ने कहा कि उन्हें इस बात का अंदेशा है कि उन्हें आतंकवाद या दंगों के किसी मामले में ‘फंसाया’ जा सकता है।
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे राष्ट्रीय राजधानी में ‘विभाजन के बाद सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगे थे।’
दिल्ली की अदालत ने फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित मामले में शुक्रवार को एक आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि घटना को लेकर दो सप्ताह तक गवाहों की खामोशी से उनकी विश्वसनीयता पर ''गंभीर संदेह'' पैदा होता है।
खालिद पर नागरिक संशोधन अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाकर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र उमर खालिद को 22 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कहा गया है दंगों के षडयंत्रकारियों का एकमात्र उद्देश्य सरकार को डराकर अपने नियंत्रण में करना था। चार्जशीट के मुताबिक षडयंत्रकारी सरकार को घुटनों पर लाकर नागरिकता कानून (CAA) को वापस लेने के लिए मजबूर करना चाहते थे
दिल्ली दंगों में भड़काऊ भाषण देने और दंगों में भूमिका को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का 27 जुलाई को बयान दर्ज किया। यह बयान सवाल और जबाब के रूप में दर्ज किए गए और पुलिस ने कपिल मिश्रा के बयान को दंगों की चार्जशीट का हिस्सा बनाया है।
चार्जशीट में ड्राइवरों के जो बयान दर्ज हैं उनके मुताबिक तबरेज नाम के व्यक्ति ने जहांगीरपुरी से शाहीन बाग के लिए 6 बसें और एक कैन्टर बुक करवाया हुआ था। ड्राइवरो के बयान के ताबिक बसों और केन्टर में अधिकतर महिलाएं और बच्चों के साथ कुछ आदमी थे और वे उन सभी को जहांगीरपुरी से शाहीन बाग तक लेकर गए
चार्जशीट के मुताबिक गवाह ने बताया कि दंगों से करीब 10 दिन पहले ताहिर हुसैन और उसके साथी उसकी कबाड़ की दुकान पर आए और बताया कि घर की छत पर सफाई का काम चल रहा है जिसके लिए तेजाब की जरूरत है
दिल्ली हिंसा मामले में कथित साजिश के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा हाल ही में दायर एक आरोपपत्र (चार्जशीट) में खुलासा किया गया है कि पांच आरोपी, जिनके खिलाफ यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) लगाया गया है, इन्हें साजिश को अंजाम देने के लिए 1.61 करोड़ रुपये दिए गए थे।
दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें हिंसा में शामिल कई लोगों के व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत का ब्यौरा भी दिया गया है और दावा किया गया है कि कई व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए दिल्ली में दंगे भड़काने की साजिश की गई।
दिल्ली की एक अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने पुलिस हिरासत के दौरान अपने परिवार से मिलने की इजाजत मांगी थी।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बुधवार को कड़कड़डूमा अदालत में फरवरी में हुए दंगों के मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ एक आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर की।
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