दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग की चादर ने ढक रखा है। नवंबर महीने में दिल्ली में हवा की क्वालिटी साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। स्कूल कॉलेज आज भी बंद हैं। हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को सीधे शब्दों में बताएं तो यहां रहने वाला हर शख्स हर दिन औसतन 25 सिगरेट का धुंआ सांसों के जरिए ले रहा है। नवंबर का लगभग आधा महीना बीतने वाला है लेकिन एक दिन को छोड़कर दिल्ली के लोगों को अब तक किसी भी दिन साफ-सुथरी हवा सांस लेने को नहीं मिली है।
दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेना एक बार फिर दुभर हो गया है। राजधानी और आसपास के शहरों में बीते दो दिनों से हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
दिल्ली में बहुत ज्यादा प्रदूषण है जिसकी वजह से यहां विजिबिलिटी बहुत कम है।
श्रीनगर से लेकर मनाली तक भारी बर्फबारी हो रही है। भारी बर्फबारी की वजह से रास्ते ब्लॉक हैं, जिंदगी की रफ्तार थम गई है। वहीं देश के पश्चिम तट पर बुलबुल तूफान ने भयंकर तबाही मचाई है।
नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा।
पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार का यह दावा सही नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान वायु प्रदूषण में 25 प्रतिशत की कमी आई है।
दिल्ली वालों के फेफड़ों को खुश करने वाली खबर है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में पिछले कुछ दिनों में सुधार देखने को मिला है।
दिल्ली और इससे लगे इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए खुद से एक नया मामला दर्ज किया, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी।
दिल्ली एनसीआर में आज पिछले दो दिन के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन लगातार तीसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंचा हुआ है। इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक को भी पार कर गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बने प्रदूषण विरोधी प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सोमवार को कहा कि दिल्ली और उसके उपनगरों में प्रदूषित ईंधन से चलने वाले उद्योग आठ नवंबर की सुबह तक बंद रहेंगे।
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए शहर की केजरीवाल सरकार जिम्मेदार है। वह राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर तनिक भी प्रयत्न नहीं कर रही है उल्टे, पराली का बहाना बनाकर अपने ऊपर लगने वाले आरोपों से बचने का प्रयास कर रही है।
सेलिब्रेटी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर ने कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताएं है। जिन्हें अपनाकर आसानी से काफी हद तक प्रदूषण से बच सकते है।
आपको बता दें कि हर एक एयरमास्क का अपना एक नंबर दिया जाता है। जिसका मतलब होता है कि यह मास्क कितने स्तर तक प्रदूषण को रोक सकता है।
रविवार को प्रदूषण के रिकॉर्ड तोड़ने के बाद सोमवार को भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। जहरीली हवाओं ने दिल्ली को बीमार कर दिया है, राजधानी का प्रदूषण जानलेवा बन चुका है।
सार्वजनिक क्षेत्र की एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इलेक्ट्रिक वाहनों (ई - वाहन) को सम-विषम योजना से छूट देने का आग्रह किया है। यह योजना सोमवार (4 नवंबर) से लागू हो रही है।
दिल्ली-NCR का इलाका इस समय किसी गैस चैंबर की शक्ल ले चुका है। यहां की हवा में प्रदूषण के बाद अब धुंध भी बढ़ती जा रही है।
दिल्ली-NCR में रविवार को प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। दिल्ली में कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 900 के पार चला गया।
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुके हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पराली जलाने की घटनाओं की जानकारी देने वालों को इनाम के रूप में नकदी देने की घोषणा की है।
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