दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और अदालत 18 नवंबर को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों को लागू करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
Delhi Pollution: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में प्रदूषण के हालात पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने दिल्ली के इस हालात की तुलना गैस चेंबर से कर दी है।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण ने एक बार फिर से विकराल रूप धारण कर लिया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-NCR क्षेत्र में GRAP 2, के नियम लागू कर दिए गए हैं। आइए जानते हैं जारी किए गए नोटिस में क्या कहा गया है।
दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद भी यहां वायु में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को भी प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। ऐसे प्रदूषण में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
Delhi Pollution GRAP Stage 2: दिल्ली एनसीआर में ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) का दूसरा चरण लागू किया गया है। जिसके बाद से कई चीजों पर प्रतिबंध लग गया है।
दिल्ली में पटाखे बैन करने के बाद अब प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एक और कदम उठाया है, इसके तहत पराली गलाने के लिए खेतों में बायो डि-कंपोजर का निशुल्क छिड़काव किया जाएगा। दिल्ली में बासमती और गैर बासमती धान के सभी खेतों में यह बायो डि-कंपोजर इस्तेमाल किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग ने पर्यावरण विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कक्षा छह और उससे ऊपर के छात्रों के लिए विद्यालयों और कोचिंग सेंटर को फिर से खोलने की मांग की गई है।
हालांकि, बूंदा बांदी के बावजूद, दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता 429 पर 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है, जो बुधवार को 370 था। पड़ोसी फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 428, गाजियाबाद में 347, ग्रेटर नोएडा में 356, गुरुग्राम में 377 और नोएडा में 408 रहा।
दिल्ली में सोमवार को हवा चलने से वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार देखा गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गंभीर से बेहद खराब में पहुंच गया। शहर में 24 घंटे के औसत एक्यूएआई 389 दर्ज किया गया।
दिल्ली में कम तापमान और धीमी हवाओं के कारण पैदा हुई मौसम संबंधी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गया और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 406 दर्ज किया गया।
तेज हवा चलने से रविवार तथा सोमवार को वायु गुणवत्ता में सुधार दर्ज किया गया था। मंगलवार को 24 घंटे का औसतन एक्यूआई 290 रहा था। इस महीने में दूसरी बार एक्यूआई में इतना सुधार देखा गया था, जो इससे पहले एक नवंबर को 281 दर्ज किया गया था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को 20 किलोमीटर प्रति घंटे और सोमवार को 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं से वायु गुणवत्ता में और दृश्यता में सुधार देखने को मिला है।
इससे पहले दिन में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र में अपने समकक्ष भूपेंद्र यादव से संयुक्त बैठक बुलाने और दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का आग्रह किया।
दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 353 रहा। पराली के उत्सर्जन में गिरावट से राजधानी में 24 घंटे का औसत एक्यूआई शनिवार को 437 था जो रविवार को 330 पर आ गया।
बता दें कि हर साल पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के लिए पराली जलाने को सबसे बड़ा कारक बताया जाता है।
हवा की धीमी रफ्तार और कम तापमान के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को बढ़ गया और गंभीर श्रेणी में आ गया, जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने और एन-95 या पी-100 रेस्पिरेटर्स पहनने की सलाह दी।
बादल छंटने, हवा की रफ्तार बढ़ने और पराली का धुआं घटने से दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खासा सुधार देखने को मिला है। शुक्रवार की सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरकर “मध्यम” श्रेणी में पहुंच गई और मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इसमें और सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार को “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई। शहर के 38 में से 18 केंद्रों पर वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी में दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता मंगलवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। दिल्ली की वायु गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के मुताबिक हवा को दूषित करने वाली गैसों की मात्रा हवा में बढ़ गई है जिस वजह से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी लगातार खराब हो रही है।
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