दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) द्वारा ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के लिए दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र को नोटिस जारी किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, जिनकी पहले से कमी है, जमा करने का काम सियासी नेताओं का नहीं है...
कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आई ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने का आदेश दिया।
कोरोनावायरस की दूसरी लहर से दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है. दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति (Oxygen Shortage), बेड और दवाओं की कमी को लेकर हाईकोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई हुई. और हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है
कोरोना की दूसरी लहर के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि पानी अब सिर से ऊपर चला गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि कोविड-19 रोगियों को रोजाना भर्ती करने और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी मिलने के बारे में सूचना मुहैया कराएं और ऐसे लोगों के बारे में भी सूचना दें जो एक अप्रैल के बाद दस दिनों से ज्यादा समय से भर्ती हैं।
राजधानी स्थित बत्रा अस्पताल में शनिवार को यहां के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (जठरांत्र विज्ञान) विभाग के प्रमुख सहित 12 कोरोना संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई।
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक शोएब इकबाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय से राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा करने की मांग की है। इकबाल ने कहा कि उन्हें शहर में लोगों की पीड़ा को देखकर पीड़ा होती है क्योंकि उन्हें अस्पतालों, आवश्यक दवाओं, ऑक्सीजन और अन्य सुविधाओं में बिस्तर नहीं मिल पा रहे हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली में कोरोनावायरस संकट से संबंधित एक मामले की सुनवाई की। हाई कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए, दिल्ली सरकार ने आज कहा कि यह केंद्र के दृष्टिकोण के कारण है कि राष्ट्रीय को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है और एक कमी है।
ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र चाहता है कि ‘‘लोग मरते रहें’’ क्योंकि कोविड-19 के उपचार में रेमडेसिविर के इस्तेमाल को लेकर ‘परिवर्तित’ प्रोटोकॉल के मुताबिक केवल ऑक्सीजन पर आश्रित मरीजों को ही यह दवा दी जा सकती है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड उपचार प्रोटोकॉल में परिवर्तन पर आपत्ति जताते हुए यह टिप्पणी की।
राष्ट्रीय राजधानी में जारी ऑक्सिजन संकट को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को काफी सख्त रुख अपनाया और केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया कि लोग मर रहे हैं और आप मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आपसे हालात नहीं संभल रहे तो हमें बताइए, केंद्र को स्थिति संभालने के लिए कहेंगे।
कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने जजों के लिए 5 स्टार होटल में 100 कमरे बुक कर कोविड केयर सेंटर बनाने का जो आदेश जारी किया है उसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को केजरीवाल सरकार को लताड़ लगाई है।
राष्ट्रीय राजधानी में जारी ऑक्सिजन संकट को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को काफी सख्त रुख अपनाया और केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन का कड़वा डोज दिया। ऑक्सीजन के लिए मची त्राहि पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया कि लोग मर रहे हैं और आप मुनाफा कमा रहे हैं।
रेलवे ने सोमवार को बताया कि 19 अप्रैल को मुंबई से विशाखापत्तनम के लिए खाली टैंकरों के साथ पहली ट्रेन के रवाना होने के बाद से भारत के विभिन्न राज्यों में 302 टन से अधिक ऑक्सीजन सुरक्षित पहुंचाई जा चुकी है और 154 टन ऑक्सीजन रास्ते में है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन में कोई अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई में अड़चन डाली तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं ।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन का कोई अधिकारी ऑक्सीजन की आपूर्ति में अड़चन पैदा कर रहा है तो ‘हम उस व्यक्ति को लटका देंगे।”
फिल्मकार ने दावा किया कि फिल्म के नाम ‘शशांक’ और सुशांत सिंह राजपूत के नाम में काफी अंतर है और फिल्म की कहानी चार लोगों पर आधारित है जो मुंबई में फिल्म उद्योग में संघर्ष करते हैं।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्रियों को हटाने से संबंधित मामलों पर विचार करने के दौरान अदालतों द्वारा पालन किये जाने वाले दिशा-निर्देश मंगलवार को निर्धारित कर दिये, ताकि ऐसी सामग्रियों तक पहुंच को यथाशीघ्र रोका जा सके और कोई अन्य इन्हें दोबारा पोस्ट नहीं करे।
केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को मंगलवार को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है और कुछ उद्योगों को छोड़कर ऑक्सीजन के अन्य तरह के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
राष्ट्रीय राजधानी में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार से इस साल के दाखिल केवल अहम मामलों पर ही सुनवाई होगी।
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