दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 8506 नए मामले आए हैं, जबकि 289 मरीजों ने दम तोड़ दिया है, वहीं पिछले 24 घंटों में पॉजिटिविटी रेट 12.4 प्रतिशत हैI
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए जो लॉकडाउन लगाया हुआ है उसका असर दिखने लगा है। दिल्ली में अब कोरोना वायरस के मामले पहले के मुकाबले कम हो रहे हैं। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान दिल्ली में कोरोना वायरस के 10400 मामले दर्ज किए गए हैं और दिल्ली का कोरोना पॉजिटिविटी रेट भी घटकर 14 प्रतिशत तक आ गया है।
दिल्ली में प्राइवेट एंबुलेंस चालकों अपने मनमर्जी का किराया वसूल रहे थे, जिसकी कई शिकायतें मिल रही थीं। मरीजों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए अब केजरीवाल सरकार ने एंबुलेंस का किराया फिक्स कर दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण को लेकर लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 20,394 नए मामले आए जबकि 407 और मरीजों की मौत दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी ने अभी तक COVID-19 के कारण एक ही दिन में अपने सबसे अधिक घातक परिणाम दर्ज किए। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 395 कोविद रोगियों की मृत्यु हुई। इसी अवधि के दौरान शहर में 24,235 कोरोना के मामले दर्ज हुए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिल्ली में कोरोनावायरस संकट से संबंधित एक मामले की सुनवाई की। हाई कोर्ट के सवाल का जवाब देते हुए, दिल्ली सरकार ने आज कहा कि यह केंद्र के दृष्टिकोण के कारण है कि राष्ट्रीय को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है और एक कमी है।
राष्ट्रीय राजधानी में जारी ऑक्सिजन संकट को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को काफी सख्त रुख अपनाया और केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया कि लोग मर रहे हैं और आप मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आपसे हालात नहीं संभल रहे तो हमें बताइए, केंद्र को स्थिति संभालने के लिए कहेंगे।
हम फ्रांस से 21 रेडी-टू-यूज़ ऑक्सीजन प्लांट्स आयात कर रहे हैं। उन्हें तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है। ये विभिन्न अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे और इससे हमें उन अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के समाधान में मदद मिलेगी: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए एक पांच सितारा होटल को COVID-19 देखभाल केंद्र के रूप में चुना गया है। मध्य दिल्ली के अशोका होटल में एक सौ कमरे इस उद्देश्य के लिए बुक किए गए हैं।
कोरोना संकट के बीच, दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल के बाहर मरीजों के परिवार के सदस्यों का बुरा हाल है। अस्पताल में बेड की भारी कमी है।
कोरोना वायरस का संक्रमण देश में इतना भयानक हो चुका है कि रोजाना रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 2812 लोगों की जान चली गई है। एक दिन में पहले कभी भी कोरोना की वजह से इतने लोगों की जान नहीं गई है। देश में अब इस जानलेवा वायरस की वजह से जान गंवाने वालों का आंकड़ा 195123 तक पहुंच गया है। देश में संक्रमण के मामले इतने ज्यादा बढ़ चुके हैं कि अस्पतालों की मौजूदा व्यवस्था पर भारी बोझ आ गया है।
इंडिया टीवी से खास बातचीत में दिल्ली के डॉक्टर्स ने बतायी COVID अस्पतालों में ऑक्सीजन की वर्तमान स्थिति साथ ही ऑक्सीजन पर आयी आज यह बड़ी खबर अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के पीएम के निर्देश के अनुरूप, पीएम CARES फंड ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के अंदर 551 समर्पित Pressure Swing Adsorption Medical Oxygen Generation Plants की स्थापना के लिए धन के आवंटन के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
दिल्ली में जिस तेजी से हालात बेकाबू हो रहे हैं और कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हाथ खड़े कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो पर्याप्त संसाधन न होने के कारण मरीजों को अस्पताल में जगह तक नहीं मिल पा रही है। दिल्ली में मांग की तुलना में बहुत कम आक्सीजन उपलब्ध हो रही है, जिसके कारण मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है ऐसे में कुछ दिन और लॉकडाउन लगाकर इस पर काबू करने की कोशिश की जा सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच मेडिकल ऑक्सीजन का संकट लगातार गहराता जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी के इस संकट के बीच सवाल उठता है की आखिर इसका जिम्मेदार कौन हैै।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना को लेकर अस्पतालों में स्थिति बिगड़ती जा रही है। जहां एक ओर अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सजीन की किल्लत बनी हुई है वहीं अब दूसरी ओर अस्पतालों में कोविड बेड भी कम किए जा रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी की वजह से दिल्ली सरकार के हॉस्पिटल में कोरोना बेड्स कम किये जा रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में एक सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद, अपने घर लौटने के लिए गाजियाबाद के आनंद विहार बस टर्मिनल पर पहुंचे प्रवासी श्रमिकों के बीच दहशत पैदा कर दी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 26 अप्रैल को सोमवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक छह दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए आवश्यक था क्योंकि शहर की स्वास्थ्य प्रणाली अपनी सीमा तक खिंची हुई थी।
दिल्ली में जिस हिसाब से संक्रमण के मामले बेकाबू होते जा रहे हैं और उसके आगे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है। इसलिए जरूरी है कि संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए कम से कम 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया जाए। सदर बाजार भी एक सप्ताह तक बंद रखने का फैसला किया गया है। दिल्ली ड्रग ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव आशीष ग्रोवर ने बताया कि इस संबंध में सोमवार को भी कैट ने व्यापारियों की ऑनलाइन बैठक बुलाई है, जिसमें दिल्ली के बाजारों को बंद रखने पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कोरोना वायरस की स्थिति को लेक कहा कि दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर और कोरोना उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिवीर दवा की कमी है। बिस्तर की उपलब्धता और ऑक्सीजन की आपूर्ति धीरे-धीरे खत्म हो रही है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों में बेतहाशा वृद्धि के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अगले 15 दिनों में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या दोगुनी होने की आशंका जताई है। ठाकरे ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर यह आशंका जताई है।
आवश्यक सेवाओं को प्रदान करने वालों को कर्फ्यू जारी किया जाएगा। मॉल, जिम, स्पा और ऑडिटोरियम बंद किए जाने हैं। सिनेमा हॉल केवल 30% क्षमता पर संचालित होते हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों को डाइन-इन रेस्तरां की अनुमति नहीं होगी, केवल होम डिलीवरी की अनुमति होगी |
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