गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों द्वारा नीचे की सर्विस रोड वाले हिस्से को खोला जा रहा है। जो रोड गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाती है, उसके सर्विस लेन वाले हिस्से को खोला जाएगा जिस पर मीडिया सेंटर बना था और जहां लंगर लगते थे। अब किसान सिर्फ ऊपर फ्लाईओवर वाले हिस्से पर बैठे रहेंगे।
2022 के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा है... किसान आंदोलन.. अभी तक किसान आंदोलन का फोकस प्वाइंट हरियाणा और पंजाब था... लेकिन जैसे-जैसे यूपी का चुनाव करीब आ रहा है किसान आंदोलन फोकस प्वाइंट वेस्टर्न यूपी बनता जा रहा है... और एंटी मोदी फ्रंट का नया चैप्टर खुल रहा है... किसान आंदोलन के कल 7 महीने होने वाले हैं और उससे पहले पश्चिमी यूपी के जिलों से किसान एक बार फिर हजारों ट्रैक्टर के साथ दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं
दिल्ली पुलिस की तरह से कहा गया, "गाजीपुर सीमा पर मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति और जनता की सुविधा को देखते हुए, उत्तर प्रदेस के गाजियाबाद जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ परामर्श के बाद, दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाने वाले NH-24 के मार्ग को खोल दिया गया है।"
स्थानीय लोगों की मांग है कि फौरन हाईवे को खाली किया जाए। इसके लिए आज शाहजहांपुर बॉर्डर पर फिर 42 गांवों की महापंचायत हुई है। अभी तनाव की स्थिति है।
India TV पर देखिए आंदोलनकारी किसानों की आंखें खोलती रिपोर्ट
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पहली बार किसानों के आंदोलन पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव देते हुए कहा कि सरकार उनकी हर समस्या पर बातचीत करने के लिए तैयार है। अमित शाह ने साथ ही किसानों से अपील की कि वे सड़कों से अपने ट्रैक्टर्स और ट्रालियों को हटा लें ताकि राहगीरों को परेशानी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि किसान दिल्ली पुलिस द्वारा तय की गई जगह पर जाकर लोकतांत्रिक तरीके से धरना दे सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि यदि किसान बुराड़ी के मैदान में शिफ्ट हो जाते हैं तो उनके साथ 3 दिसंबर को तय की गई तारीख से पहले भी बातचीत की जा सकती है।
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