किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने आज ऐलान किया है कि आज सरकार के साथ होनेवाली बैठक में आर-पार की लड़ाई करके आएंगे।
किसान कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। किसान आंदोलन के चलते दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज शुक्रवार (4 दिसंबर) को 9वां दिन है। नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ जारी बातचीत के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार होते नजर नहीं आ रहे हैं।
महाराष्ट्र के नासिक, गुजरात के मेहसाणा और राजस्थान के बारां में रहने वाले किसानों ने इंडिया टीवी को बताया कि आखिर नए कृषि कानूनों से उच्च मूल्यों पर फसल बेचकर फायदा उठा रहे हैं। आज की बात में रजत शर्मा के साथ देखिए पूरी रिपोर्ट
नए कृषि कानूनों के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में किसान कल शाम से ही चिल्ला बार्डर पर जमे हुए हैं। वह संसद और जंतर मंतर जाने की मांग कर रहे हैं।
हरियाणा से लगनेवाले सिंघू बॉर्डर पर किसानों का सबसे बड़ा जमावड़ा है और इसे दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। लामपुर, औचंदी और अन्य छोटे बॉर्डर एंट्री प्वॉइंट को भी बंद कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों पर कहा कि इसपर भ्रम फैलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी-प्रयागराज 6 लेन चौड़ी सड़क का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण में कहा कि नए कृषि सुधारों से किसानों को नए विकल्प और नए कानूनी संरक्षण दिए गए हैं। पहले मंडी के बाहर हुए लेनदेन ही गैरकानूनी थे। अब छोटा किसान भी, मंडी से बाहर हुए हर सौदे को लेकर कानूनी कार्यवाही कर सकता है। किसान को अब नए विकल्प भी मिले हैं और धोखे से कानूनी संरक्षण भी मिला है।
सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक के बाद लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सरजीत सिंह फूल ने कहा, 'हमने केंद्र के निमंत्रण को स्वीकार नहीं किया है क्योंकि यह इस शर्त के साथ आया है कि सभी किसानों को बुराड़ी पार्क में शिफ्ट कर देना चाहिए और अगले दिन सरकार से बातचीत होगी। हरियाणा सरकार ने हमारा रास्ता रोकने के लिए सड़कों को खोद दिया। अब जब सरकार ने शर्त रखी है तो हम बुराड़ी पार्क नहीं जाएंगे क्योंकि यह एक खुली हुई जेल है।
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को पहली बार किसानों के आंदोलन पर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने किसानों को बातचीत का प्रस्ताव देते हुए कहा कि सरकार उनकी हर समस्या पर बातचीत करने के लिए तैयार है। अमित शाह ने साथ ही किसानों से अपील की कि वे सड़कों से अपने ट्रैक्टर्स और ट्रालियों को हटा लें ताकि राहगीरों को परेशानी न हो। उन्होंने यह भी कहा कि किसान दिल्ली पुलिस द्वारा तय की गई जगह पर जाकर लोकतांत्रिक तरीके से धरना दे सकते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि यदि किसान बुराड़ी के मैदान में शिफ्ट हो जाते हैं तो उनके साथ 3 दिसंबर को तय की गई तारीख से पहले भी बातचीत की जा सकती है।
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