दिल्ली सरकार के इस फैसले से उन लोगों की जेब पर बोझ पड़ना तय है जो लोग दूसरे शहरों में रहते हैं और दिल्ली में नौकरी करते हैं, क्योंकि नौकरी करने वाले लोगों को हर हफ्ते 5 से 6 दिन दिल्ली आना होगा और हर बार उन्हें कंजेशन टैक्स चुकाना होगा।
किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के चलते प्रशासन ने दिल्ली से सटे हरियाणा और पंजाब के सभी बॉर्डरों की अभेद किले में तब्दील कर दिया है। इन रास्तों पर बड़े कंक्रीट के बैरिकेड लगे हैं और कीलें बिछाई गई हैं। साथ ही दो स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाया है।
आंदोलन करने वाले 40 किसान संगठनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय से जारी प्रदर्शन को बृहस्पतिवार को स्थगित करने का फैसला किया और घोषणा की है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे।
26 जनवरी की हिंसा के बाद इस रूट को बंद कर दिया गया था। यहां कील, सरिया लगा दी गई थी और कंक्रीट की बैरीकेडिंग कर दी गई थी। अब दिल्ली पुलिस किसानों की समहति से जेसीबी की मदद से इस रास्ते को साफ कर रही है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों द्वारा नीचे की सर्विस रोड वाले हिस्से को खोला जा रहा है। जो रोड गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाती है, उसके सर्विस लेन वाले हिस्से को खोला जाएगा जिस पर मीडिया सेंटर बना था और जहां लंगर लगते थे। अब किसान सिर्फ ऊपर फ्लाईओवर वाले हिस्से पर बैठे रहेंगे।
किसान आंदोलन के 7 महीने हो रहे हैं पूरे, राकेश टिकैत बोले- अब बिना बताए ट्रैक्टर ले जाएंगे दिल्ली l
2022 के चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा है... किसान आंदोलन.. अभी तक किसान आंदोलन का फोकस प्वाइंट हरियाणा और पंजाब था... लेकिन जैसे-जैसे यूपी का चुनाव करीब आ रहा है किसान आंदोलन फोकस प्वाइंट वेस्टर्न यूपी बनता जा रहा है... और एंटी मोदी फ्रंट का नया चैप्टर खुल रहा है... किसान आंदोलन के कल 7 महीने होने वाले हैं और उससे पहले पश्चिमी यूपी के जिलों से किसान एक बार फिर हजारों ट्रैक्टर के साथ दिल्ली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं
दिल्ली पुलिस की तरह से कहा गया, "गाजीपुर सीमा पर मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति और जनता की सुविधा को देखते हुए, उत्तर प्रदेस के गाजियाबाद जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ परामर्श के बाद, दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाने वाले NH-24 के मार्ग को खोल दिया गया है।"
हरियाणा के एक 55 वर्षीय किसान ने रविवार को टिकरी-बहादुरगढ़ सीमा पर आत्महत्या कर ली है। पुलिस के मुताबिक, हिसार जिले के राजबीर के रूप में पहचाने गए पीड़ित ने पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
किसान आंदोलन का केंद्र बने गाजीपुर बाॉर्डर से राहत की खबर है। दिल्ली से गाजियाबाद जानेवाले रास्ते को खोल दिया गया है।
किसान आंदोलन के चलते हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश से लगती दिल्ली की सीमाओं के अनेक स्थानों पर बंद रहने के कारण सोमवार को लोगों को भारी यातायात जाम का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोगों की मांग है कि फौरन हाईवे को खाली किया जाए। इसके लिए आज शाहजहांपुर बॉर्डर पर फिर 42 गांवों की महापंचायत हुई है। अभी तनाव की स्थिति है।
केंद्र सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में किसान आंदोलन वाली जगहों यानि सिंघू बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर तथा इनसे सटे इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को रविवार 31 जनवरी रात तक अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है। पहले भी सरकार इन जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद कर चुकी है लेकिन बाद में बहाल किया गया था। अब एक बार फिर से इन जगहों पर इंटरनेट सेवा को बंद रखने का फैसला किया गया है। सुरक्षा कारणों से इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बृहस्पतिवार को भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर पुलिस बल की भारी तैनाती है।
दिल्ली के टिकरी बार्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के अवसर पर तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज किया है।
India TV पर देखिए आंदोलनकारी किसानों की आंखें खोलती रिपोर्ट
सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए आज 40 किसान संगठन ट्रैक्टर मार्च निकाल दिल्ली घेरने की तैयारी में हैं। आज हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। उनका कहना है कि ये गणतंत्र दिवस की रिहर्सल है।
देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों के बीच अबतक की बातचीत में कोई हल नहीं निकल पाया है। ऐसे में आज किसान संगठनों के मुखियाओं ने एक दिवसीय अनशन कर रहे हैं।
किसानों को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि विरोध दल किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर अराजकता का महौल बना रहे है। केंद्र ने किसानों के लिए कई बड़े कदम उठाए।
किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा कि अब ये आंदोलन सिर्फ पंजाब का न होकर पूरे देश में बढ़ चुका है, भारत बंद के आह्वान को लेकर सरकार तिलमिलाई हुई है। किसान नेताओं ने कहा कि 8 दिसंबर को सुबह से शाम तक बंद होगा। चक्का जाम 3 बजे तक होगा। एम्बुलेंस और शादियों के लिए रास्ता खुला रहेगा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन रहेगा।
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