दिल्ली में बारिश की वजह से जहां हवा की गुणवत्ता कुछ ठीक हुई थी, वहीं दिवाली में पटाखों की वजह से एक बार फिर से वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच सियासत तेज हो गई है।
सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद राजधानी दिल्ली में कई जगहों पर जमकर पटाखे फुटे हैं। दिवाली की अगली सुबह कई इलाकों में धुंध देखने को मिल रही है। ऐसे में लोगों को फिर से परेशानी उठानी पड़ सकती है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। लेकिन आशंका जताई जा रही है कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। इस बीच दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जनता से पटाखे न फोड़ने व दीये जलाने की मांग की है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गिर गया है। शुक्रवार को हुई बारिश ने दिल्ली की हवा को साफ कर दिया। हालांकि आशंका है कि दिवाली के बाद एक्यूआई में फिर वृद्धि होगी और लोगों का सांस लेना मुश्किल हो सकता है। बता दें कि एक्यूआई वर्तमान में 200-300 के बीच बना हुआ है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को एक पत्र लिखा है। गोपाल राय ने यह पत्र वायु प्रदूषण के मद्देनजर यूपी सरकार के मंत्री को लिखी है। इस खत में यूपी से आने वाले कुछ वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। यहां आईटीओ पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से अधिक दर्ज किया है। बता दें कि बीते कल बारिश के कारण एक्यूआई लेवल में गिरावट आई थी। लेकिन एक बार फिर यह बढ़ने लगा है।
दिल्ली में बारिश के कारण एक्यूआई के स्तर में गिरावट देखने को मिली है। अधिकांश स्थानों पर एक्यूआई का लेवल 100 से कम हो गया है। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि ऑड-ईवन के कार्यान्वयन पर की गई स्टडी को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने जा रहे हैं।
दिल्ली-एनसीआर में आधी रात के बाद झमाझम बारिश देखने को मिली। इस कारण दिल्ली के एक्यूआई लेवल में गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान एक्यूआईर गंभीर श्रेणी से गिरकर बहुत खराब की कैटेगरी में आ गया है। दिल्ली-एनसीआर में लोगों को इससे राहत मिलेगी।
Muqabla: दिल्ली में अब दम घुटने लगा है...पॉल्यूशन की मार से दिल्ली बेहाल है...सॉल्यूशन कुछ नहीं सिर्फ सवाल ही सवाल हैं...दिल्ली-एनसीआर की हवा और सियासत दोनों जहरीली हो चुकी हैं...गैस चैम्बर बनी दिल्ली में रहने वाले लोग हर दिन इस उम्मीद से जागते हैं कि शायद आज कोई रास्ता निकले...लेकिन तमाम कोशिशें क
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार कृत्रिम बारिश करवाने के विकल्प पर विचार कर रही है लेकिन यह काम इतना आसान भी नहीं है।
दिल्ली का वायु प्रदूषण अब भी कंट्रोल में नहीं आ रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा तमाम उपाय अपनाए गए लेकिन वायु प्रदूषण के स्तर में कुछ खास बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। गुरुवार के दिन दिल्ली के द्वारका में सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर द्वारका में दर्ज किया गया है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट के कारण दिल्ली ने अन्य राज्यों से ऐप-आधारित टैक्सियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। AAP का कहना है कि हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली ने अन्य राज्यों से ऐप-आधारित टैक्सियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्ली में पिछले कई दिनों से वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में दर्ज की जा रही है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। इसपर लगाम लगाने के कई उपाय किए जा रहे हैं।
Gaza में इतनी Bombing और Rocket दागे जाने के बावजूद वहां की हवा, Delhi की हवा से 10 गुना से ज्यादा साफ है कैसे? Delhi air Pollution | Israel vs Hamas
राष्ट्रीय राजधानी में गंभीर वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली सरकार ने 9 नवंबर से स्कूलों में जल्दी शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है। इस संबंध में एक ऑफिशियल सर्कुलर जारी किया गया है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण चरम पर है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से साफ कहा है कि पराली जलाने पर रोक लगाएं। कोर्ट ने कहा कि हम नहीं जानते कि आप यह कैसे करते हैं, यह आपका काम है। लेकिन इसे रोका जाना चाहिए।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। लोग जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं। अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हालांकि ऑड-ईवन नियम फिर से लागू करने की बात कही गई है।
Delhi Air Pollution Updates: दिल्ली में पॉल्यूशन पर काबू पाने की सारी सरकारी कोशिशें बेकार साबित साबित हो रही है....पिछले 24 घंटे में दिल्ली की एवरेज एयर क्वालिटी का इंडेक्स 421 रहा है, जो भयंकर रूप से ख़राब कहा जाता है.
दिल्ली गैस चेंबर बन चुकी है। स्मॉग में सांस लेना मुश्किल हो चुका है। एक्यूआई 488 पहुंच चुका है लेकिन अब भी इससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। ऐसे में ये जानना अहम है कि प्रदूषण क्या केवल पराली जलाने से होता है या कुछ अन्य कारण भी हैं।
दिल्ली को वायु प्रदूषण की चपेट से फिलहाल क्लाउड सीडिंग के जरिए ही निकाला जा सकता है। दरअसल यह एक तरह का छिड़काव होता है जिसे बादलों के ऊपर किया जाता है ताकि बारिश हो सके, जिससे आसमान में मौजूद धूलकण जमीन पर आ जाएं और प्रदूषण से निपटा जा सके।
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