दिल्ली में बुधवार की सुबह प्रदूषण का स्तर “बहुत खराब” श्रेणी में पहुंच गया। एक सरकारी एजेंसी की ओर से यह जानकारी दी गई।
हरियाणा में फरीदाबाद के कुछ स्थानों पर सोमवार को वायु गुणवत्ता “बहुत खराब“ श्रेणी में रही जबकि उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद तथा हरियाणा के गुड़गांव में हवा की गुणवत्ता “खराब“ श्रेणी में दर्ज की गई।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई, वहीं सरकारी एजेंसियों ने कहा कि अगले कुछ दिन में हवा की दिशा में बदलाव और गति में कमी की वजह से इसमें और गिरावट से वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकता है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली समेत नोएडा, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में जरूरी व आपात सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता में गिरावट आ गई है। दिल्ली में वायु की गुणवत्ता सोमवार को ‘खराब' श्रेणी में दर्ज की गई लेकिन हवा की गति ठीक होने से इसमें आंशिक सुधार होने की संभावना है।
दिल्ली-NCR में हवा की गुणवत्ता हर बीतते दिन के साथ खराब होती जा रही है। देश की राजधानी में हवा की क्वालिटी बेहद खराब स्थिति में है। यह पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में जलने वाली पराली का असर है।
दिल्ली में बढ़े प्रदूषण के कारण गुरुवार को आसमान में धुंध की चादर छाई थी और इसके चलते वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गया। GRAP के तहत सख्त वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों के क्रम में जनरेटर पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
आज से, वायु प्रदूषण से लड़ने के कुछ सख्त उपाय दिल्ली और इसके पड़ोसी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शहरों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के हिस्से के रूप में लागू होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को आठ महीनों में सबसे निचले स्तर पर रही। शहर के पीएम 2.5 स्तर में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी केवल छह प्रतिशत रही।
दिल्लीवालों की सुबह आज प्रदूषण की धुंध से शुरू हुई। मौसम में कुछ ठंडक जरूर आई है लेकिन अब प्रदूषण की समस्या बढ़ने लगी है। धीमी हवा, पराली का धुआं और धूल ने देश की राजधानी की हवा को खराब कर दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में सोमवार सुबह वायु की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और अतिसुक्ष्म कणों - पीएम 2.5 और पीएम10 - का स्तर इस मौसम में अब तक का अधिकतम रहा।
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता (Air Quality of Delhi) उच्च मानक अंकों के साथ ‘सामान्य’ श्रेणी में दर्ज की गई और रविवार को इसमें आंशिक रूप से और सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह थोड़ी देर के लिए ‘‘खराब’’ की श्रेणी में पहुंच गई थी। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 सुबह 10 बजे 225 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
वर्तमान में दिल्ली में वायु गुणवत्ता हालांकि मध्यम श्रेणी में है, लेकिन आने वाले दिनों में राजधानी की हवा और दूषित हो सकती है। इसका कारण पराली जलाने की घटनाओं का बढ़ना है। यह जानकारी सोमवार को सफर ने दी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार सुबह 'मध्यम' श्रेणी में दर्ज की गई और तापमान गिरने तथा हवा की गति कम रहने से इसके रविवार को 'खराब' श्रेणी में पहुंचने की संभावना है।
राष्ट्रीय राजधानी से मॉनसून वापसी में हुई देरी से दिल्ली में हवा की क्वॉलिटी पर आने वाले दिनों में बहुत ही खराब असर हो सकता है।
दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में रही वहीं सोमवार को इसके ‘खराब’ की श्रेणी में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। दिल्ली में सुबह साढ़े नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 168 रहा जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।
हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में 28 मई से उड़ानों का संचालन शुरू होगा। वहीं आंध्र प्रदेश में 26 मई से आपरेशन की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही महाराष्ट्र के अन्य हवाई अड्डों पर एक तिहाई क्षमता के साथ आपरेशन शुरू होगा।
भारत में 25 मई से घरेलू विमानों के फिर से उड़ान भरने की तैयारी के बीच दिल्ली हवाईअड्डा सोमवार से करीब 380 उड़ानों का संचालन करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
राष्ट्रीय राजधानी के आईजीआई (IGI) हवाईअड्डे ने स्वस्थ एवं सुरक्षित हवाई यात्रा को बढ़ावा देने के लिए बोडिर्ंग और बस गेट्स पर बैग इत्यादि को साफ करने के लिए यूवी प्रौद्योगिकी की तैनाती जैसे विभिन्न उपायों को लागू किया है।
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