अधिकारियों ने बताया कि बैठक शाम पांच बजे होगी जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव शिरकत करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में वृद्धि को “आपातकालीन स्थिति” करार दिया और जोर देकर कहा कि महत्वपूर्ण उपाय किए जाने की आवश्यकता है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केन्द्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने एक गाइडलाइन जारी की है, जिसमें लोगों को बाहर निकलने की मनाही और बाहरी गतिविधियां कम करने की सलाह दी गई है। हवा इतनी घातक है कि दिल्ली के अस्पतालों में ओपीडी मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ चुकी है।
दिल्ली में अगले दो दिनों तक एयर लॉक की स्थिति रहने वाली है और प्रदूषण भी कई गुना तक बढ़ सकता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बार फिर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा और पराली जलाने को लेकर इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है।
इस बीच पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को फिर से एक पत्र लिखकर पराली जलाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए एनसीआर के सभी राज्यों के साथ आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया।
दिल्ली में अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। दिन में आसमान साफ रहने के साथ ही हल्की धुंध या कोहरा छा सकता है। अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
पिछले चार वर्षों की धुंध की पहली घटना की तुलना करने पर मौजूदा धुंध 2018 और 2020 की पहली धुंध की अवधि से मिलती है जो छह दिनों तक रही थी। अगर परिस्थितियों में सुधार नहीं होता है तो यह 2019 की धुंध से भी अधिक समय तक रह सकती है जो आठ दिनों तक रही थी।
दिल्ली में 15 नवंबर से जोरदार ठंड पड़ेगी और 10 डिग्री तक तापमान गिर जाएगा। वहीं बुधवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 13 डिग्री रहने का अनुमान है। दोपहर में भी ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है इसकी वजह दोपहर में सर्द हवा का चलना है।
आज सुबह भी दिल्ली में AQI चार सौ से ऊपर दर्ज किया गया, दिल्ली का ताजा AQI 423 है.यानी आज भी दिल्ली वालों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
आज भी दिल्ली वालों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है इसी को देखते हुए अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र से इस पर इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है।
रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पराली से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा 48 प्रतिशत के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है।
आज भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में है। दिवाली की रात से शुरू हुआ ये सिलसिला लगातार जारी है। राजधानी के वायु गुणवत्ता के 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंचने के पीछे पटाखे चलाने के साथ पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना भी अहम कारण है।
प्रतिबंध के बावजूद बृहस्पतिवार को दिवाली के मौके पर खूब पटाखे चलने और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि की वजह से त्योहार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले पांच साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई।
दिल्ली सरकार द्वारा रात 8 बजे से 10 बजे के बीच ही हरे पटाखों का उपयोग करने के दिशा-निर्देश जारी किए जाने के बावजूद प्रदूषण के आंकड़ों से पता चला है कि लोगों ने सभी श्रेणियों के पटाखे फोड़े और इस प्रकार प्रदूषण को पीएम 2.5 तक ले गए।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय शुक्रवार को एंटी स्मॉग गन लगाने के लिए पुराने पीएचक्यू के पास आईटीओ जाएंगे। एंटी-स्मॉग गन वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक उपकरण है जो वायुमंडल में धूल और अन्य कणों को व्यवस्थित करने के लिए पानी का छिड़काव करता है।
दिल्ली की हवा का स्तर पहले से ही खराब बना हुआ था और पटाखों के धुएं ने इसे बेहद खराब हालत में पहुंचा दिया। हालत ये थी कि देर रात दिल्ली के वातावरण में पटाखों का धुआ छा गया, विजिविलिटी बेहद कम हो गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मॉडल अनुमान AQI को ‘उच्च उत्सर्जन के साथ भी’ ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंचने का संकेत नहीं देते है।
दिल्ली में सुबह नौ बजे एक्यूआई 302 दर्ज किया गया। आज दिन में आसमान साफ रहेगा और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, '' केरल तट के पास 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।''
एक नवंबर तक दिल्ली में न्यूनतम तापमान गिरकर 13 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना है। वहीं, अगले तीन दिनों में उत्तर भारत में खेतों में पराली जलाये जाने से दिल्ली का पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर बढ़ जाएगा।
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