दिल्ली में प्रदूषण की डराने वाली तस्वीर पर कल लोकसभा में जबरदस्त चर्चा हुई। लोकसभा में हुई चर्चा इस बात के संकेत हैं कि ये समस्या बड़ी है और इस पर नियंत्रण पाना भी बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है। सफर ने कहा कि 14 नवंबर को पराली जलाने की केवल दो घटनाओं का पता चला।
दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग की चादर ने ढक रखा है। नवंबर महीने में दिल्ली में हवा की क्वालिटी साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। स्कूल कॉलेज आज भी बंद हैं। हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को सीधे शब्दों में बताएं तो यहां रहने वाला हर शख्स हर दिन औसतन 25 सिगरेट का धुंआ सांसों के जरिए ले रहा है। नवंबर का लगभग आधा महीना बीतने वाला है लेकिन एक दिन को छोड़कर दिल्ली के लोगों को अब तक किसी भी दिन साफ-सुथरी हवा सांस लेने को नहीं मिली है।
दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेना एक बार फिर दुभर हो गया है। राजधानी और आसपास के शहरों में बीते दो दिनों से हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
श्रीनगर से लेकर मनाली तक भारी बर्फबारी हो रही है। भारी बर्फबारी की वजह से रास्ते ब्लॉक हैं, जिंदगी की रफ्तार थम गई है। वहीं देश के पश्चिम तट पर बुलबुल तूफान ने भयंकर तबाही मचाई है।
नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा।
दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बुधवार की सुबह सुधार हुआ और यह 'अति गंभीर प्लस' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इससे हफ्ते भर के बाद लोगों को राहत मिली।
दिल्ली एनसीआर में आज पिछले दो दिन के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन लगातार तीसरे दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार पहुंचा हुआ है। इसका मतलब ये हुआ कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक को भी पार कर गया है।
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सरकार ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुके हैं।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिवाली के बाद से ही दिन-ब-दिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो चुका है। दिल्ली में आज भी प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है।
शहर के अन्य क्षेत्रों की स्थिति भी कोई अच्छी नहीं रही। आंनद विहार 436 एक्यूआई के साथ राजधानी का सबसे प्रदूषित जगह थी और नेहरू नगर 430 के साथ शहर में दूसरे स्थान पर था।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को दिवाली के दिन प्रदूषण की वजह से धुंध छा गई और वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर पहुंच गयी।
दीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है।
सर्दियों का मौसम शुरू होने से पहले ही रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर धुंध छा गई। साथ ही, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है।
सरकार का कहना है कि पराली के डिस्पोज़ल के लिए मशीनें लगाई गई हैं लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं है। कुछ जगहों पर विशेष तरह के उपकरण लगाकर पराली जलाने वाली जगहों की पहचान की जा रही है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
सफर ने कहा कि पूरा उत्तर पश्चिम भारत धूल भरी आंधी की चपेट में है और गुरुवार तथा शुक्रवार को वाणु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर से बेहद खराब की श्रेणी में रह सकता है। 10 मई के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार के आसार हैं।
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बुधवार को 341 पर था जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
संपादक की पसंद