भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मॉडल अनुमान AQI को ‘उच्च उत्सर्जन के साथ भी’ ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंचने का संकेत नहीं देते है।
दिल्ली में सुबह नौ बजे एक्यूआई 302 दर्ज किया गया। आज दिन में आसमान साफ रहेगा और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा, '' केरल तट के पास 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।''
बता दें कि हर साल पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता के लिए पराली जलाने को सबसे बड़ा कारक बताया जाता है।
पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं का दिल्ली के प्रदूषण में अहम योगदान होता है। आंकड़ों के मुताबिक छह अक्टूबर से अबतक पंजाब में पराली जलाने की 1,008 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि हरियाणा में ऐसी घटनाओं की संख्या 463 है।
दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता खराब होनी शुरू हो गई है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच पंजाब में किसानों ने पराली जलाना फिर से शुरू कर दिया है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को मध्यम श्रेणी में रही, लेकिन अगले 3 दिनों में इसके खराब श्रेणी में आने की संभावना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड के अनुसार, रविवार को राजधानी का सामान्य वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 168 रहा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि दिल्ली में घना कोहरा छाने से बृहस्पतिवार सुबह कई इलाकों में दृश्यता घटकर 100 मीटर रह गई। सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हवा की धीमी रफ्तार और कम तापमान के कारण दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बुधवार को बढ़ गया और गंभीर श्रेणी में आ गया, जिससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने लोगों को बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने और एन-95 या पी-100 रेस्पिरेटर्स पहनने की सलाह दी।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को ‘‘अत्यंत खराब’’ श्रेणी में दर्ज की गई, लेकिन इसमें वायु की गति बढ़ने के पूर्वानुमान के कारण आगामी दो दिन में सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई और यहां हवा की गति धीमी होने की वजह से ‘स्थानीय जनित प्रदूषक तत्वों’ का जमाव हो रहा है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही और आगामी दो दिन भी इसमें कोई सुधार होने की उम्मीद नहीं है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।
दिल्ली में शनिवार को एक बार फिर वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी जबकि एक दिन पहले अनुकूल हवाओं की वजह से उसमें सुधार देखने को मिला था।
बादल छंटने, हवा की रफ्तार बढ़ने और पराली का धुआं घटने से दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में खासा सुधार देखने को मिला है। शुक्रवार की सुबह दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरकर “मध्यम” श्रेणी में पहुंच गई और मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक इसमें और सुधार होने की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार को “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई और सरकारी एजेंसियों ने कहा कि हवा की गति बढ़ने के साथ इसमें सुधार की उम्मीद है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बुधवार सुबह ‘‘बहुत खराब’’ से ‘‘गंभीर’’ की श्रेणी में आ गई। राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई 15 नवंबर तक ‘‘गंभीर’’ की श्रेणी में था लेकिन इसके बाद इसमें सुधार आया
प्रदूषण के स्तर के बढ़ने के कारण शनिवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी पर विषाक्त धुंध का एक मोटा आवरण नजर आया। इसके साथ हवा का स्तर 'बहुत खराब' की श्रेणी में रहा और अब यह रात तक 'गंभीर' हो जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और दिवाली रात में इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुबह नौ बजे 330 दर्ज किया गया।
संपादक की पसंद