उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा कि उसकी अधिकृत सोशल मीडिया साइट पर दिल्ली में वायु प्रदूषण के बारे में मिली करीब 250 शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने वाले सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में बृहस्पतिवार को हल्का सा सुधार देखा गया और वह ‘खराब’ श्रेणी में आ गई। अधिकारियों ने बताया कि हवा की गति तेज होने के बाद यह सुधार हुआ है।
सीओपीडी फेफड़ों के रोगों का समूह है, जैसे एम्फीसेमा, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस और रीफ्रैक्टरी (नॉन-रिवर्सिबल) अस्थमा, जिसमें सांस लेने में कठिनाई होती है और सांस गहरी हो जाती है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश है। उससे ऊपर केवल नेपाल है। इसमें कहा गया कि एशिया में जीवन प्रत्याशा की कमी सबसे ज्यादा हुई है जो भारत और चीन के अनेक हिस्सों में छह साल से ज्यादा कम हो गयी।
पर्यावरण मंत्रालय एयर फोर्स की मदद ले रहा है, जो विमान मुफ्त देगा। उपकरण आइआइटी कानपुर देगा। पर्यावरण मंत्रालय को सिर्फ केमिकल उपलब्ध कराना होगा, जो बादलों के बीच रासायनिक क्रिया कर उन्हें बारिश के बूंदों में बदल देता है।
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, शहर में वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार के साथ गुरुवार को 'खराब' स्तर दर्ज होने के बाद शनिवार को यह 'बेहद खराब' स्तर पर पहुंच गया।
वायु गुणवत्ता व मौसम पूर्वानुमान व अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, बीती रात हुई बूंदा-बादी से प्रदूषण स्तर में गिरावट आई है और वायु गुणवत्ता की श्रेणी 'खराब' दर्ज की गई।
मंगलवार को हुई बारिश के कारण विजिबिलिटी साफ हो गई। मौसम साफ हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। मंगलवार को दिल्ली की हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर थी।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 'बेहद खराब' वायु गुणवत्ता देखने को मिली और पूर्वानुमान में दिन में हल्की बारिश होने की बात कही गई थी।
कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय जैविक केन्द्र ने वेस्ट डी. कम्पोजर बनाया है। अगर 200 लीटर पानी में दो किलो गुड़ घोलकर उसमें वेस्ट डी. कम्पोजर मिलाकर खेत की सिंचाई कर दी जाए तो 15 दिन के अंदर पराली गलकर खाद बन जाएगी।
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। वहां पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी।
शहर और उसके आस-पास के सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता 'अति खराब' बनी हुई है, जिसमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, बुराड़ी और द्वारका शामिल हैं। वहीं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, आईटीओ, जवाहर लाल नेहरू और लोधी कॉलोनी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही जबकि प्रदूषण के स्तर में धीमा लेकिन महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
प्रदूषण कम करने के लिए जगह-जगह पानी का छिड़काव किया जा रहा है। बकायदा टैंकर से दिल्ली के तमाम इलाकों में छिड़काव हो रहे हैं, फिर भी प्रदूषण है कि कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
बुधवार को दिल्ली वालों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवाली के मौके पर तय समय में पटाखे जलाने के आदेश की धज्जियां उड़ा जमकर आतिशबाजी की।
शहर-शहर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कोर्ट ने दिवाली पर आतिशबाजी पर सख्ती की थी। दिल्ली में कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत थी वो भी एक निश्चित समय पर लेकिन कल रात दिल्ली और इसके आसपास लोगों ने खूब पटाखे जलाए
आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले ट्रक को इस प्रतिबंध से छूट दिया गया है। इस संबंध में ईपीसीए ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के मुख्य सचिवों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
'सफर' की ओर से कहा गया कि पिछले साल की तुलना में इस साल विषैले पटाखे कम भी चलाए जाएं तो भी दीपावली के बाद आठ नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता के और खराब होकर ‘बेहद गंभीर और आपात’ की श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, यह स्थिति दिवाली तक रहेगी।
पिछले कई दिनों से दिल्ली वालों को तनाव दे रही हवा की गुणवत्ता में रविवार को हल्का-सा सुधार देखने को मिला है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़