कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय जैविक केन्द्र ने वेस्ट डी. कम्पोजर बनाया है। अगर 200 लीटर पानी में दो किलो गुड़ घोलकर उसमें वेस्ट डी. कम्पोजर मिलाकर खेत की सिंचाई कर दी जाए तो 15 दिन के अंदर पराली गलकर खाद बन जाएगी।
गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में हवा की गुणवत्ता गंभीर रही जबकि गुड़गांव में स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिला है। वहां पर गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गयी।
शहर और उसके आस-पास के सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता 'अति खराब' बनी हुई है, जिसमें आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, बुराड़ी और द्वारका शामिल हैं। वहीं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, आईटीओ, जवाहर लाल नेहरू और लोधी कॉलोनी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में बनी रही जबकि प्रदूषण के स्तर में धीमा लेकिन महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिला है।
प्रदूषण कम करने के लिए जगह-जगह पानी का छिड़काव किया जा रहा है। बकायदा टैंकर से दिल्ली के तमाम इलाकों में छिड़काव हो रहे हैं, फिर भी प्रदूषण है कि कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
बुधवार को दिल्ली वालों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिवाली के मौके पर तय समय में पटाखे जलाने के आदेश की धज्जियां उड़ा जमकर आतिशबाजी की।
शहर-शहर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कोर्ट ने दिवाली पर आतिशबाजी पर सख्ती की थी। दिल्ली में कोर्ट ने ग्रीन पटाखे जलाने की इजाजत थी वो भी एक निश्चित समय पर लेकिन कल रात दिल्ली और इसके आसपास लोगों ने खूब पटाखे जलाए
आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई करने वाले ट्रक को इस प्रतिबंध से छूट दिया गया है। इस संबंध में ईपीसीए ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के मुख्य सचिवों को दिशानिर्देश जारी किए हैं।
'सफर' की ओर से कहा गया कि पिछले साल की तुलना में इस साल विषैले पटाखे कम भी चलाए जाएं तो भी दीपावली के बाद आठ नवंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता के और खराब होकर ‘बेहद गंभीर और आपात’ की श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
वायु गुणवत्ता और मौसम पूवार्नुमान और शोध (सफर) के मुताबिक, यह स्थिति दिवाली तक रहेगी।
पिछले कई दिनों से दिल्ली वालों को तनाव दे रही हवा की गुणवत्ता में रविवार को हल्का-सा सुधार देखने को मिला है।
आंकड़े के अनुसार, दिल्ली में चार इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर है जबकि 29 इलाकों में ‘बेहद खराब’ दर्ज की गई है।
दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका है आनंद विहार है जहां पीएम 2.5 का लेवल 427 और पीएम 10 का लेवल 860 है जो जानलेवा है। पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में पीएम 2.5 का लेवल 427 और पीएम 10 का स्तर 402 है जो बेहद खतरनाक है।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनी कमिटी पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) के चेयरमैन ने बताया कि हालात नहीं सुधरे तो लोगों को कुछ और सख्त कदम झेलने पड़ सकते हैं। इनमें प्राइवेट गाड़ियों पर बैन भी मुमकिन है।
दिल्ली के लोगों को आने वाले दिनों में प्रदूषण और हवा की खराब क्वॉलिटी से राहत मिलती नहीं दिख रही है।
हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण देखने को मिलता है। पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने और दीवाली पर पटाखे फोड़ने से पूरी दिल्ली धुंध की एक चादर में डूब जाती है।
दीपावली पर्व के नजदीक आने के साथ प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुये परिवहन विभाग अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
दिल्ली की वायु की गुणवत्ता का स्तर दो दिन तक ‘खराब’ स्तर पर रहने के बाद बुधवार को ‘बेहद खराब’ स्तर पर पहुंच गया।
हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘अत्यंत गंभीर’ स्तर पर माना जाता है
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपातकालीन योजना सोमवार को लागू की गई जिसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और इस क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए यातायात पुलिस की तैनाती जैसे उपाय शामिल होंगे।
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