दिल्ली में वायु प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा की अध्यक्षता में सोमवार को पड़ोसी राज्यों के साथ हुई बैठक में स्थिति से निपटने के उपायों की समीक्षा की गयी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि हर साल प्रदूषण से दिल्ली की हालत खराब हो रही है और किसी सभ्य देश में ऐसा नहीं हो सकता। न्यायालय ने कहा कि अपने घरों में भी कोई सुरक्षित नहीं है, यह अत्याचार है।
दिल्ली-NCR में प्रदूषण के चलते हालात ऐसे हैं कि कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो कई आंखों में जलन से परेशान हैं।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च स्तरीय बैठक की।
दिल्ली-NCR में रविवार को प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। दिल्ली में कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 900 के पार चला गया।
जहरीली हवा से दिल्ली के ‘गैस चैंबर’ में बदलने के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने राज्य में पराली जलाने से किसानों को नहीं रोक पाने के लिए कुछ हद तक जिम्मेदारी ली और केंद्र से किसानों को अलग से बोनस प्रदान करने का अनुरोध किया।
दिल्ली की जहरीली हवा में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी शुक्रवार के 44 प्रतिशत (इस मौसम में सबसे अधिक) से घटकर शनिवार को 17 फीसदी पर आ गई।
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सरकार ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है।
देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों से ‘गैस चैम्बर’ में तब्दील हो चुके हैं।
दिल्ली के मख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहा कि दिल्ली का आस्मां धुए से भर पड़ा है। केजरीवाल ने तुलना करते हुए 30 सितंबर और आज की तस्वीरें दिखाई।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण दिल्ली में सभी स्कूल 5 नवंबर तक बंद रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के एक पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। दिल्ली एनसीआर में 5 नवंबर तक निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। दिवाली के बाद से ही दिन-ब-दिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। राजधानी दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो चुका है। दिल्ली में आज भी प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर है।
दीपावली से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को इस मौसम के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। हवा की गति धीमी होने की वजह से प्रदूषकों का जमाव आसान हो गया है।
राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता बुधवार को बिगड़ गई और यह ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। बहरहाल, अधिकारी ने कहा कि इस दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है...
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता ‘‘खराब’’ और ‘‘बहुत खराब’’ के बीच रही और बदलते मौसम एवं बड़े स्तर पर पराली जलाने के सप्ताहांत तक इसमें भारी गिरावट की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए आज से क्रमिक कार्रवाई कार्ययोजना (जीआरएपी) प्रभाव में आ गई और स्थिति के हिसाब से निजी वाहनों को निरुत्साहित करने, डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक, ईंट के भट्टे और स्टोन क्रशर बंद करने जैसे कठोर कदम उठाये गए हैं।
सरकार का कहना है कि पराली के डिस्पोज़ल के लिए मशीनें लगाई गई हैं लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं है। कुछ जगहों पर विशेष तरह के उपकरण लगाकर पराली जलाने वाली जगहों की पहचान की जा रही है।
लोग तंबाकू छोड़ सकते हैं, सिरगेट से तौबा कर सकते हैं, शुद्ध पानी का इंतजाम भी कर सकते हैं। लेकिन अगर हवा ही जहरीली है..तो लोग भी क्या करें? साफ हवा कहां से लाएं? सांस लेना तो बंद नहीं कर सकते।
डॉक्टर्स का दावा है कि दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि अब दिल्ली में सांस लेने वालों को कैंसर का खतरा है। दिल्ली की हवा में कैंसर पैदा करने वाले कैमिकल्स मौजूद हैं।
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