बढ़ती ठंड के बीच दिल्ली में एक बार फिर प्रदूषण बड़ी समस्या बन गया है। इसको देखते हुए दिल्ली और इसके आस-पास के इलाके में GRAP- 4 लागू कर दिया गया है।
जब ठंड का प्रकोप बढ़ता है तो थायरॉ्क्सिन शरीर को अंदर से गर्म रखता है..जिससे बॉडी के ऑर्गन्स हार्ट, किडनी, लिवर,लंग्स सबका टेंपरेचर मेंटेन रहता है....और जब ये हार्मोन कम बनता है...तो शरीर के अंदर तापमान घटने लगता है और हार्ट अटैक-स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है इन सब परेशानियों से बचना है तो थायराइड को कंट
स्काईमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, हम अगले तीन दिनों में 1-2 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि हवाएं लगातार बनी रहेंगी।
दिल्ली में ग्रैप 3 और 4 को रद्द कर दिया गया है। दिल्ली में 15 अक्तूबर से 9 दिसंबर यानी कुल 50 दिनों तक ग्रैप 3 और 4 लागू किया गया था। इसी समयावधि में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 266 करोड़ के चालान काटे हैं।
दिल्ली में ग्रैप 3 और 4 के प्रदूषणरोधी उपायों को रद्द कर दिया गया है। इस बीच दिल्ली सरकार ने आदेश जारी करते हुए दिल्ली के स्कूलों को एक बार फिर से खोलने का फैसला किया है।
दिल्ली में ग्रैप 3 और 4 के प्रदूषणरोधी उपायों को रद्द कर दिया गया है। अधिकारिक आदेश में यह जानकारी साझा की गई है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार होने के बाद यह फैसला लिया गया है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान दिल्ली सरकार द्वारा मजदूरों को दिए गए मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया। साथ ही ग्रेप 4 के नियमों में भी राहत दी गई है।
दिल्ली में पिछले 50 दिनों से AQI का स्तर खराब से लेकर गंभीर श्रेणी के बीच झूल रहा था लेकिन बुधवार का दिन दिल्लीवालों के लिए एक अच्छी खबर लेकर आया।
अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि प्रदूषण को कम करने का सबसे अच्छा तरीका जीवाश्म ईंधन की खपत को कम करना है।
दिल्ली में एक तरफ ठंड बढ़ने लगी है। वहीं दूसरी तरफ वायु प्रदूषण लोगों को बेहाल कर रही है। इस कारण लोगों को ठंड लगने के साथ-साथ वायु प्रदूषण के कारण सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। दिल्ली में ग्रेप 4 के लागू होने के बाद से वायु प्रदूषण सूचकांक में मामूली गिरावट दर्ज की जा रही है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में कुछ खास कमी ग्रैप 3 के लागू होने के बावजूद नहीं देखने को मिल रही है। दिल्ली में आज एक्यूआई 400 के नीचे दर्ज किया गया है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली का एक्यूआई 400 के नीचे और 300 के ऊपर देखने को मिल रहा है। इस कारण लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा ह
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि दिल्ली में सोमवार तक ग्रैप-4 लागू रहेगा। सिर्फ स्कूलों को इससे छूट मिलेगी। अगली सुनवाई सोमवार को ही होगी, जिसमें ग्रैप-4 की बजाय ग्रैप-3 या ग्रैप-2 लागू करने पर फैसला किया जाएगा।
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रैप 4 को लागू कर दिया गया है, जिसका रिजल्ट अब दिखने लगा है। दिल्ली में एक्यूआई में मामूली राहत देखने को मिली है। दिल्ली का औसतन एक्यूआई 302 दर्ज किया गया है।
दिल्ली में मंगलवार सुबह AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। राजधानी में आज अधिकतम तापमान 26 तो न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। यहां एक्यूआई एक बार फिर 400 के पार पहुंच चुाक है और गंभीर श्रेणी को दर्शाने लगा है। दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है, बावजूद इसके दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जवान दिन भर प्रदूषण के बीच सड़क पर रहते हैं। ऐसे में उनको सांस से संबंधी बीमारियां होने का डर है। इसी वजह से पुलिस ने जवानों के लिए योगा सेशन का आयोजन किया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि दिल्ली के सभी 113 एंट्री प्वाइंट पर चेकपोस्ट बनाएं। इसके साथ ही सभी एंट्री प्वाइंट्स के सीसीटीवी फुटेज जल्द से जल्द एमिकस को सौंपने का आदेश दिया है।
हर साल इतना पॉल्यूशन..आखिर कब मिलेगा सॉल्यूशन...क्या वाकई, दिल्ली-NCR छोड़ने का वक्त आ गया है ?...क्या दिल्ली में रहने वालों को एक और ठिकाना बनाने की जरूरत है...जहां 'गैस चेंबर बनी दिल्ली' से बचने के लिए परिवार के साथ जाएं..और साफ हवा में सांस ले सकें..जब दुश्मन हजार हों..तो समाधान सिर्फ एक ही समझ आ
दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर में तमाम प्रयासों के बावजूद खास कमी देखने को नहीं मिल रही है। दिल्ली के कई स्थाने पर अब भी एक्यआई 400 के पार बना हुआ है। दिल्ली ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस बीच दिल्ली में स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से क्लासेस चलाए जा रहे हैं।
हवा में मौजूद जहरीली गैस और पार्टिकल्स हार्ट में पहुंचकर आर्टरीज़ को ब्लॉक कर देते हैं.. जिससे ब्लड सर्कुलेशन घटता है...और दिल को ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है....non communicable डिजीज़ से होने वाली मौतों में वैसे ही दिल से जुड़ी बीमारियां सबसे उपर हैं..ऐसे में
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