Pakistan Kneels in Front of China: पाकिस्तान ने एक मामले में चीन के सामने घुटना टेक दिया है। इससे पाकिस्तानी लोगों के आर्थिक रूप से बर्बाद होने की आशंका बढ़ गई है। दरअसल चीन पाकिस्तान से रिवॉल्विंग बैंक खाता खोलने की मांग करता आ रहा था। अब पाकिस्तान ने एक रिवॉल्विंग बैंक खाता खोलने की चीन की मांग के आगे घुटने टेक दिए।
पाकिस्तान का व्यापार घाटा जून माहीने में 32% अधिक बढ़कर 4.84 अरब डॉलर पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी महीने में यह 3.66 अरब डॉलर था। समाप्त वित्त वर्ष के लिए व्यापार घाटा 2017-18 के 37 अरब डॉलर के अब तक के उच्चतम स्तर से कहीं अधिक रहा है।
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के असर से चालू वित्त वर्ष में घाटा 40 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है।
मौजूदा वित्त वर्ष में पीडीआरडी के तौर पर पात्र 17 राज्यों को 5 किस्त में कुल 49,355 करोड़ रुपये की धनराशि अब तक जारी की जा चुकी है।
वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17 राज्यों को पीडीआरडी अनुदान के रूप में 1,18,452 करोड़ रुपये जारी करने की सिफारिश की थी। इस धनराशि में से अब तक चार किस्तों के तौर पर कुल 39,484 करोड़ रुपये की रकम जारी की गई है।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 9.5 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार ने 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।
सरकार अगले वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी। अगले वित्त वर्ष में सरकार का व्यय 34.83 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इनमें 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय है।
जोखिम से बचाव समेत विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देने वाली कंपनी फिच सॉल्यूशंस ने भारत के राजकोषीय घाटे को लेकर अपने अनुमान को बुधवार को बढ़ा दिया।
कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट आयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है।
मानसून की प्रगति में शिथिलता के कारण देश में खरीफ फसलों की बुवाई की रफ्तार भी धीमी है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल देश में सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की है लेकिन मानसून सीजन के पहले 20 दिन यानि पहली से 20 जून तक देशभर में औसत के मुकाबले 7 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 20 जून तक देशभर में औसतन 84.5 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान देश में 90.6 मिलीमीटर बरसात होती है।
अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान देशभर में भले ही सामान्य बरसात हुई हो लेकिन मानसून के रुकने की वजह से कुछेक राज्यों में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है जिस वजह से उन राज्यों में खरीफ की बुआई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अबतक बीते मानसून सीजन के दौरान गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में बारिश की भारी कमी देखी जा रही है
इस साल पूरे मानसून सीजन में भले ही सामान्य बरसात होने का अनुमान जारी किया गया हो लेकिन अबतक बीते सीजन में औसत के मुकाबले 9 प्रतिशत कम बरसात दर्ज की गई है। मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए बारिश के आंकड़ों के मुताबिक पहली जून से लेकर 5 जून तक देशभर में औसतन 14.2 मिलीमीटर बरसात हुई है जबकि सामान्य तौर पर इस दौरान औसतन 15.6 मिलीमीटर बारिश होती है
राजकोषीय जवाबदेही रूपरेखा के अनुकरण के मामले में केंद्र के मुकाबले राज्यों का रिकॉर्ड बेहतर है और घाटा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिक ढ़ील दी जा सकती है।
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