भारत और अमेरिकी की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बदलने जा रही है। इसके तहत दोनों देश मिलकर मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बड़े पैमाने पर रक्षा उत्पादन करेंगे। भारत में बने हथियार अब पूरी दुनिया पर राज करेंगे। अमेरिका भारत का साथ पाकर चीन को काउंटर करने में भी सक्षम होगा।
अमेरिका के साथ भारत अपनी रणनीतिक साझेदारी को लगातार मजबूत कर रहा है। अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी समकक्ष लॉयड ऑस्टिन के बीच वाशिंगटन में रक्षा, सुरक्षा से लेकर औद्योगिक सहयोग जैसे मुद्दों पर व्यापक वार्ता हुई है।
भारत और अमेरिका के बीच की रणनीतिक साझेदारी अब व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो रही है। यानि इसका दायरा अब और अधिक व्यापक होने जा रहा है। भारत के चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों को यह खबर जाहिर तौर पर अच्छी नहीं लगेगी। मगर भारत-अमेरिका की इस दोस्ती से दोनों देशों की ताकत और बढ़ेगी।
रूस और यूक्रेन के बीच कुर्स्क क्षेत्र में जंग अभी भी जारी है। 2 दिनों पहले यूक्रेन की सेना ने रूस के इस इलाके में घुसपैठ की थी। रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार यूक्रेनी सेना ने 300 से ज्यादा सैनिकों के साथ 11 टैंकों और 20 बख्तरबंद वाहनों के साथ इलाके में प्रवेश किया था।
बजट 2024 में भारत के रक्षा मंत्रालय को 6,21,940.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ये बजट सशस्त्र बलों को और सुदृढ़ करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देगा। आइए जानते हैं रक्षा बजट से जुड़ी खास बातें।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य सहित चीन और पाकिस्तान से भारत के समक्ष उत्पन्न खतरे को देखते हुए, भारत को आगामी बजट में केंद्र सरकार के कुल व्यय का कम से कम 25 प्रतिशत खर्च करना चाहिए।
अगर आपसे पूछा जाए..कि दुनिया का सबसे ताकतवर Non-Nuclear Bomb किसके पास है? तो आप कहेंगे..अमेरिका का Mother Of All Bombs..रूस का Father Of All Bombs...लेकिन अगर हम आपसे ये कहें..कि भारत ने अमेरिका और रुस को टक्कर देने वाला एक Non-Nuclear Bomb बना लिया है..तो आप भी चौंक जाएंगे।
शहीद अंशुमान के पिता रवि प्रताप ने कहा कि वे अपनी बहू स्मृति के व्यवहार से दुखी हैं। शहीद के पिता ने अपनी बहू स्मृति पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। रवि प्रताप ने कहा कि उनका बेटा शहीद हुआ लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला है। सम्मान और अनुग्रह राशि दोनों बहू लेकर चली गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा कई मायने में अहम साबित हुई है। खासकर के भारतीय सेना को मजबूत करने की दिशा में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुई वार्ता ने हथियारों के कलपुर्जों की आपूर्ति में होने वाली देरी के बड़े मुद्दे को हल कर दिया है। रूस अब इसके लिए भारत में ही संयुक्त उद्यम लगाएगा।
यह उपलब्धि पिछले 10 वर्षों में सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए लाए गए नीतिगत सुधारों/पहलों और व्यापार करने में आसानी के कारण हासिल हुई है।
भारत ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारत ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु विस्फोटक बना लिया है।
एक्सपर्ट का मानना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश स्थिरता पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य परिवहन नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और पर्यावरणीय परिणामों में सुधार करना है। चुनावों के बाद से भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख बना हुआ है, जो हर हफ्ते धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ रहा है।
रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुए नवीन सैन्य समझौते से दक्षिण कोरिया में भूचाल आ गया है। दक्षिण कोरियान ने इस समझौते को गलत बताते हुए रूसी राजदूत को तलब कर लिया है और कहा है कि मॉस्को उत्तर कोरिया को सैन्य सहयोग का इरादा तत्काल रोक दे। मगर रूस ने इसे मानने से इनकार कर दिया है। लिहाजा ये मामला लगातार तूल पकड़ रहा है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया की यात्रा पर जाने वाले हैं। यहां वह अपने समकक्ष किम जोंग उन से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस यात्रा में दोनों देशों के बीच कोई सैन्य समझौता भी हो सकता है।
कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने अपना नया रक्षा बजट पेश कर दिया है। बदहाली के बावजूद पाकिस्तान ने रक्षाबजट को 15 फीसदी तक बढ़ा दिया है। हालांकि अब भी पाकिस्तान का यह रक्षा बजट भारत के मुकाबले कई गुना कम है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि अगले पांच साल में उनका लक्ष्य देश की सुरक्षा के साथ आत्मनिर्भर भारत पर रहेगा। अगले पांच साल में भारत 50,000 करोड़ तक के हथियारों का निर्यात करे, यही उनका लक्ष्य होगा।
पीएम मोदी के नई कैबिनेट में नेताओं को मंत्रालयों का बटवारा कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि मोदी कैबिनेट में गृह, रक्षा, रेलवे और कृषि जैसे बड़े मंत्रालय किन नेताओं को मिले हैं।
चीन और अमेरिका के बीच युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच अमेरिकी रक्षामंत्री का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ युद्ध न तो आसन्न है और न ही अपरिहार्य। उन्होंने सिंगापुर में चीनी रक्षामंत्री के साथ बैठक के बाद यह बयान दिया।
भारत और अमेरिका के रिश्ते किस तरह से पिछले कुछ माह में बदले या मजबूत हुए हैं, इसे लेकर अमेरिका की ओर से नया बयान सामने आया है। अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत और अमेरिका के मौजूदा रिश्तों की सच्चाई बताई है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सर्गेई शोइगु की जगह आंद्रेई बेलोसाउ को नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया है। रूस और यूक्रेन जंग के बीच पुतिन का यह फैसला बेहद चौंकाने वाला माना जा रहा है।
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