पीएम मोदी के 9 वर्षों के कार्यकाल में ही भारत ने रक्षा के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। भारतीय सेना की ताकत पहले से कई गुना बढ़ गई है। खास बात यह है कि हिंदुस्तान अब लड़ाकू विमानों और हथियारों के लिए विदेश पर निर्भर नहीं रहा।
रूस कम से कम इस दशक के अंत तक बढ़ती सैन्य संसाधनों की वैश्विक डिमांड को पूरा करने में उतना सक्षम नहीं रहेगा। इनमें सबसे अहम खरीदार भारत है, जिसने रूस के साथ ब्रह्मोस से लेकर एस.400 मिसाइल रोधक प्रणाली तक के लिए डील कर रखी है।
भारत और फ्रांस अपनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। ऐसे मौके पर फ्रांस ने भारत की धरती से उसके दुश्मनों को बहुत कड़ा संदेश दिया है। फ्रांस ने कहा है कि वह भारत के साथ ‘कंधे से कंधा मिलाकर’ खड़ा रहेगा।
भारत इस समय आत्मनिर्भरता के साथ पूरे विश्व को हथियार से लेकर गोला बारूद तक एक्सपोर्ट करने की तैयारी में जुट गया है और यही देश की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
Defence Export: इस वित्त वर्ष जो डिफेंस एक्सपोर्ट के आंकड़े आए हैं, वह बताते हैं कि भारत रक्षा क्षेत्र में कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। साल 2021-22 के आंकड़े बताते हैं कि डिफेंस एक्सपोर्ट के मामले में भारत ने 13 हजार करोड़ की उपलब्धी पा ली है।
भारत ने सोमवार को मॉरीशस को 10 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा (एलओसी) देने की घोषणा की। इसके जरिये मॉरीशस भारतीय रक्षा उपकरणों की खरीद कर सकेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि डील के तहत भारत अमेरिका को अपाचे और MH-60 रोमियो हेलिकॉप्टर देगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज मंगलवार (25 फरवरी) को होने वाली बातचीत बेहद अहम है।
दुनिया के सुपरपावर का चीफ भारत आने वाला है। 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्वागत करेंगे। अहमदाबाद में ग्रैंड वेलकम के लिए जबरदस्त तैयारी चल रही है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया में आई एक खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर संप्रग शासन के दौरान हुए रक्षा सौदे को लेकर निशाना साधा।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 19वीं भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए 4-5 अक्टूबर को नई दिल्ली के दौरे पर होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि भारत रूसी रक्षा खरीद पर कोई स्वतंत्र निर्णय लेगा। रूसी रक्षा खरीद को संभावित रूप से अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।
शनिवार को बांग्लादेश-भारत के बीच 22 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। साथ ही, PM मोदी ने बांग्लादेश को 500 मिलियन यूएस डॉलर की मदद करने की घोषणा भी की है।
फ्रांस के साथ प्रस्तावित राफेल लड़ाकू विमान के करार में भारत करीब 1,50,000 यूरो की अंतिम छूट हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।
विदेशी रक्षा कंपनियां अब सशस्त्र सेनाओं तथा सरकार को अपने उत्पादों के विपणन के लिए एजेंट नियुक्त कर सकती हैं।
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